India Nepal इस कारण से एक दूसरे से जुड़े, भारत और नेपाल में रोटी-बेटी का रिश्ता खत्म…

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India Nepal के बीच चल रहे नक्शे विवाद का असर दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ रहा है। उत्तराखंड में भारत-नेपाल के बीच सिर्फ रोटी-बेटी का रिश्ता नहीं है। बल्कि दोनों देशों की संस्कृति एवं सभ्यता भी काफी मिलती-जुलती हैं। हालांकि दोनों देशों के सांस्कृतिक रिश्तो को समझने के लिए एक ही लाइन काफी है। इस पार न उस पार, भारत-नेपाल साथ-साथ। लेकिन सदियों पुराने अब इस रिश्ते में दरार आने लगी है। धार्मिक लिहाजा से भी भारत-नेपाल का एक गहरा नाता रहा है। लेकिन ताजा विवाद ने रिश्तो में थोड़ी दूरियां भी बढ़ा दी है।

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India Nepal के काफी पुराने संबंध भी हैं। जिनका जिक्र इतिहास के पन्नों में दर्ज है। भारत हमेशा से नेपाल समर्थन करता रहा है बल्कि भारत और नेपाल की सीमाएं भी हमेशा से ही खुली रही हैं। सिर्फ यही नहीं नेपाल की बेटियों का भारत में शादी करने का भी एक लंबा इतिहास रहा है। यही कारण है कि जब भारत और नेपाल के संबंधों का जिक्र होता है। तो उसमें रोटी-बेटी के रिश्तो का जिक्र भी जरूर होता है।

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केदारनाथ धाम भारत और नेपाल को धार्मिक डोर से जोड़ता है

दरअसल उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम का सीधा संबंध नेपाल से ही है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक महाभारत का युद्ध जीतने के बाद पांडव गौ हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए भगवान शंकर का आशीर्वाद भी पाना चाहते थे। लेकिन वह उनसे रूष्ट थे। हालांकि पांडव स्वर्गारोहणी की तलाश में उत्तराखंड के हिमालय में भ्रमण कर रहे थे। तब भगवान शंकर केदारघाटी में तपस्यारत थे। जहां पर पांडवों ने उन्हें देख लिया। पांडवों से नाराज भगवान शंकर उन्हें दर्शन नहीं देना चाहते थे।

इसी वजह से उन्होंने भैंस का रूप धारण कर लिया था। लेकिन पांडवों ने उन्हें पहचान लिया। जब भीम ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की तो भगवान शंकर जमीन में समा गए। चूंकि भैंस का कुल्हा वाला भाग केदारनाथ में ही रह गया और सिर वाला भाग पशुपतिनाथ में प्रकट हुआ। यही वजह है कि केदारनाथ और पशुपतिनाथ को मिलाकर एक ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है। पशुपतिनाथ नेपाल की राजधानी काठमांडू में मौजूद हैं।

सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव

India Nepal का धार्मिक एवं सांस्कृतिक जुड़ाव सदियों से चला आ रहा है। नेपाल में एक पहाड़ी राष्ट्र है। इसी कारण से इसका उत्तराखंड से खास नाता भी रहा है। उत्तराखंड और नेपाल के सांस्कृतिक एवं भौगोलिक परिस्थितियां सामान है। जो कि भारत और नेपाल को एक डोर में बांधता है। सिर्फ यही नहीं नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में आज भी भारत के ही पुरोहित एवं पुजारी हैं। इसीलिए भारत और नेपाल एक दूसरे को धार्मिक रूप से जोड़े रखे हैं।

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सर्वाधिक हिंदू वाले राष्ट्र भारत और नेपाल

वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने यह बताया कि नेपाल में उत्तराखंड में पहले से ही एक तरह का ही शासन रहा है। इसके साथ ही दोनों देशों का नाता सनातन धर्म से ही है। दुनिया में सिर्फ दो राष्ट्र ही ऐसे हैं जहां पर सर्वाधिक हिंदू हैं। पहला भारत व दूसरा नेपाल।

India Nepal के रिश्ते पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी यह कह चुके हैं कि दोनों देशों के बीच बहुत प्राचीन रिश्ते हैं। नेपाल की वर्तमान सरकार किस दबाव में काम कर रही हैं यह रिसर्च का विषय है। लेकिन दोनों देशों के आध्यात्मिक एवं रोटी-बेटी के रिश्तो को कोई भी नहीं तोड़ सकता।

नागरिकता कानून और आयात शुल्क

लगभग 2 वर्ष पहले नेपाल में नया कानून बना नेपाल में शादी होने के बाद से महिला के साथ-साथ उनकी होने वाली संतान पर भी नेपाल ने नागरिकता पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गई है। इस कारण से दोनों देशों के बीच होने वाले रिश्तो में लगातार गिरावट आ रही है। अररिया जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष उद्योगपति मूलचंद गोलछा ने यह बताया कि नेपाल की टैक्सेशन नीति से भारतीयों का कारोबार प्रभावित हुआ है।

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