Sloth
Sloth: ब्राजील के अटलांटिक के जंगल में Sloth की दो अलग-अलग प्रजातियां प्राप्त हुई हैं। इन स्लोथ का सिर देखने में बिल्कुल नारियल की तरह है। पहले यह कहा जाता था कि इस क्षेत्र में पाए जाने वाले, Maned Sloth एक ही हैं, लेकिन बाद में शोध से पता चला कि इस स्लोथ की असल में दो अलग-अलग तरह की प्रजातियां हैं।
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ब्राजील के अटलांटिक के जंगल में Sloth की दो अलग-अलग तरह की प्रजातियां प्राप्त हुई हैं, जिनका सिर देखने में बिल्कुल नारियल की तरह द है। पहले माना जाता था कि तटीय जंगल के इलाके में पाए जाने वाले, Maned Sloth एक तरह के प्रजाति के हैं। लेकिन अब पता चला के ये आनुवंशिक रूप से अलग हैं।
स्लोथ की इन प्रजातियों ने संरक्षणकर्ताओं के चैलेंज को और ज्यादा बढ़ा दिया है। इन प्रजातियों की सेफ्टी पर जोर देते हुए शोधकर्ताओं का ये कहना है कि यहां प्रस्तावित नई टैक्सोनोमिक मैनेजमेंट के साथ, हर प्रजाति भौगोलिक रूप से छोटा हो जाता है।
Journal of Mammalogy में प्रकाशित शोध के अनुसार, मेन्ड स्लोथ के बारे में पहली बार वर्ष 1811 में बताया गया था। हालांकि ब्रिटिश भूगोलशास्त्री जॉन एडवर्ड ग्रे ने वर्ष 1850 में एक दूसरी प्रजाति की खोज करने के बारे में बताया था। उन्होंने इसका ब्रैडीपस क्रिनिट नाम रखा था।बाद में उनके द्वारा किए गए दावों को लोगो ने खारिज कर दिया। टैक्सोनॉमिस्ट्स का कहना था कि ग्रे ने जिस नमूने का जिक्र किया था वह वातव में बी टोरक्वेटस ही था। लेकिन इस नए शोध से ये प्रमाणित होता है कि बी क्रिनिटस वास्तव में उपलब्ध है।
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शोधकर्ताओं ने 24 मेन्ड स्लोथ के रूप के बारे में विश्लेषण किया।जिनमें से कुछ स्लोथ उत्तर के राज्यों बाहिया और सर्गिप से आए थे। जबकि बाकी दक्षिण में रियो डी जनेरियो और एस्पिरिटो सैंटो से आए थे। उत्तर में पाए जाने वाले स्लोथ अपेक्षा, दक्षिणी स्लोथ की खोपड़ी फ्लैट, जबड़े गोल और गाल की हड्डियां काफी चौड़ी थीं।
55 मेन्ड स्लोथ के आनुवंशिक विश्लेषण से इस बात का पता चला कि दक्षिणी और उत्तरी स्लोथ आपस आनुवंशिक रूप से बहुत अलग हैं। शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि यह बदलाव करीब 42.4 लाख वर्ष पहले हुआ था।
शोधकर्ताओं का मानना है कि रियो डोस के दक्षिणी भाग में बी. क्रिनिटस की आबादी जलवायु की दृष्टि से काफी कम है। दोनों प्रताजियों में यह भिन्नता शायद मानव घर के बढ़ने और अटलांटिक वन में पेड़ों की कटाई की वजह से बढ़ गया था।
शोधकर्ताओं ने इस बात चिंता जताते हुए बताया है कि दोनों प्रजातियों के निवास स्थान बिलकुल अलग-अलग हैं, और दोनों ही प्रजातियों को इनडेन्जर्ड जोन में शामिल किए जाने की संभावना है।