आज के समय एसिडिटी होना आम बात हो गई है क्योंकि इसके पीछे अनियमित लाइफ स्टाइल है जिन लोगों को सामान्य तौर पर एसिडिटी हो सकती है उसकी वजह है खाली पेट रहना तीखा यह मसालेदार खाना खाना या फिर 1 सीमा से अधिक खा लेना कभी कभी तो सुबह खाली पेट चाय पीने से भी समस्या हो जाती है लेकिन कुछ लोगों को एसिडिटी की समस्या लगातार बनी रहती है यहां टेंशन वाली बात यह है कि इस समस्या का लगातार बने रहना पेट की गंभीर बीमारी की वजह बन सकता है..
जो व्यक्ति सप्ताह में दो बार से ज्यादा एसिडिटी का अनुभव करते हैं उनमें जीईआरडी हो सकता है यह कैसी चली है जो अधिक लक्षणों और जटिलताओं से जुड़ी होती है इस के सामान्य लक्षण हैं बदबूदार सांस छाती में दर्द निगलने में कठिनाई उल्टी गले में खराश व खट्टी डकार आना है।
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जी ई आर डी यानी गैस्ट्रोएसोफागीयल रिफ्लक्स डिजीज के कारण लगातार एसिडिटी की समस्या बनी रहती है इसी कारण कई प्रॉब्लम खड़ी हो जाती है जैसे ऐसोफैजाइटिस इससे बार-बार एसिड बनता हुआ भोजन नलिका में सूजन को बढ़ावा देना देता है यही स्थिति को ऐसोफैजाइटिस कहा जाता है इसके लक्षणों में पेट में जलन होना गले में खराश कर्कश आवाज लंबे समय तक बने रहना है और लंबे समय तक बने रहने के कारण यह सोफिटेल अल्सर और नलिका के सिकुड़ने का कारण बन जाता है तो चलिए अब हम कैसे वीटी से होने वाली समस्याओं के रोकथाम के उपाय बताते हैं
आपके शरीर के बीच के हिस्से में अतिरिक्त वजन होने से आपका पेट ऊपर की ओर बढ़ सकता है जिसके कारण एसिडिटी भोजन नलिका को प्रभावित कर देती है ऐसे में आप अपने वजन को नियंत्रित रूप में खाएं।
बता दे धूम्रपान आपके पेट से आपकी भोजन नली का को अलग करने वाले रिफंड के लिए बहुत ज्यादा समस्या पैदा करता है खासकर उस समय जब भोजन आपने खाया हो तो ऐसे में आप नशा व धूम्रपान बिल्कुल ना करें।
आपको बता दें कि यदि रात में एसिडिटी और हार्टबर्न होता है तो सिरहाने की तरफ से अपने बिस्तर को थोड़ा ऊंचा कर ले ताकि आपका ऊपरी शरीर पेड़ से थोड़ा ऊपर हो ऐसे में आप जीईआरडी की समस्या से बच सकते हैं।
ध्यान रखें कि सोने से कम से कम 2 या 3 घंटा पहले खाना खाएं इससे आपके द्वारा खाए गए भोजन को पचाने का टाइम मिल जाएगा और खाने को धीरे-धीरे चबाकर खाएं जिससे एसिडिटी को रोकने में मदद मिलती है