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World Tribal Day 2023: जानें आखिर क्यों मनाया जाता है ‘विश्व आदिवासी दिवस’

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World Tribal Day 2023: प्रतिवर्ष दुनियाभर में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का लक्ष्य आदिवासी समुदाय के लोगों का संरक्षण करना और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। चलिए आगे जानते हैं ‘विश्व आदिवासी दिवस’ के इतिहास और उसके महत्व के बारे में,

विश्व आदिवासी दिवस का इतिहास – World Tribal Day 2023

World Tribal Day 2023

भारत के अलावा दुनिया भर के कई सारे देशों में आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। इन सभी समूह के लोगों का रहन-सहन रीति-रिवाज खानपान हम लोगों से काफी अलग होता है। यह लोग मुख्य समाज के मुख्यधारा से कटे हुए होने के कारण पिछड़ गए हैं। इसी वजह से भारत समेत दुनियाभर के तमाम देशों में आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए और उन्हें बढ़ावा देने का लक्ष्य रखते हुए कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार 1994 को अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी वर्ष घोषित किया था। तब से लेकर लगातार हर साल ये दिन 9 अगस्‍त (International Day of the World’s Indigenous Peoples) को मनाया जाता है।

आदिवासियों के उत्थान के लिए प्रयास

आदिवासी जातियों के उत्थान के लिए देश और विदेश की विभिन्न सरकारों और संगठनों के द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। आदिवासी लोगों के लिए विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाएं संचालित की जा रही है और उन्हें सरकारी नौकरियों में भी आरक्षण दिया जा रहा है। इसके पीछे का मुख्य हेतु आदिवासी समाज की शैक्षणिक स्थिति में बदलाव लाना है। आदिवासी बच्चों को भी शिक्षा छात्रवृति सहायता दी जा रही है ताकि बच्चे बाहर की दुनिया को समझें और प्रगति करें।

World Tribal Day 2023

अमेरिकी आदिवासियों का महत्वपूर्ण योगदान

विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day) मनाए जाने में अमरीका के आदिवासियों का महत्वपूर्ण योगदान है। दरअसल हर साल 12 अक्टूबर को अमेरिका में कोलंबस दिवस सेलिब्रेट किया जाता है और वहां के आदिवासी यह मानते थे कि कोलंबस उस उस उपनिवेशी शासन व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसके लिए बड़े पैमाने पर लाखों लोगों ने अपनी जान गवाई थी। इसलिए कोलंबस दिवस की बजाय आदिवासी दिवस सेलिब्रेट किया जाना चाहिए।

इसी कड़ी में 1977 में जिनेवा में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया कर कोलंबस दिवस की जगह आदिवासी दिवस मनाने की मांग की गई। आदिवासी समुदाय के लोगों ने 1989 से इस दिन (History of World Tribal Day) को सेलिब्रेट करना शुरू किया। उस बाद साल 12 अक्‍टूबर को आदिवासी दिवस सेलिब्रेट किया जाने लगा। साल 1994 में यूनाइटेड नेशन ने आधिकारिक रूप से आदिवासी दिवस 9 अगस्‍त को मनाने का ऐलान किया।

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देश के इस राज्य में है सबसे ज्यादा आदिवासी

World Tribal Day 2023, हमारे देश के झारखंड राज्य में 26% लोग आदिवासी जाति के हैं। झारखंड में 32 आदिवासी जनजातियां रहती है जिसमें पहाड़ियां, बिरहोर, कोरबा , माल पहाड़िया, असुर, बिराजिया, खड़िया, सबर और बिरजिया, जनजातियां शामिल है। आजादी के समय झारखंड में आदिवासी समूह के लोगों की संख्या 35 फ़ीसदी थी जो साल 2011 की जनगणना के मुताबिक 26 फ़ीसदी रह गई है।

वही मध्य प्रदेश में भी आदिवासी जन संख्या है। यहां के छिंदवाड़ा, अनुपपुर और शहडोल एवं अन्य जिलों में आदिवासी बसते हैं। यहां भील, कोरकू, गोंड, बैगा और सहरिया जनजाति के लोग रहते हैं। इन सभी में गोंड आदिवासी जाति एशिया की सबसे बड़ी आदिवासी समूह माना जाता है, जिनकी संख्या 30 लाख से भी अधिक है। मध्य प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में भी गोंड जनजाति के लोग निवास करते हैं। इन राज्यों में बंजारा, संथाल, बिहोर, गोंड, चेरो, हो, खोंड, माई पहरिया, ओरांव, मुंडा,लोहरा आदि आदिवासी समूह के लोग रहते हैं।

झारखंड में खास तरीके से मनाया जाता है विश्व आदिवासी दिवस

World Tribal Day 2023

World Tribal Day 2023, आदिवासी बाहुल्य राज्य होने के कारण झारखंड में ‘विश्व आदिवासी दिवस’ खास तरीके से मनाया जाता है। सरकार द्वारा आदिवासी संस्कृति को सजोने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

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