जिंगल बेल सॉग : जानिए कैसे जिंगल बेल बना क्रिसमस और सैटां क्लाज की पहचान , जानिए सारी कहानी

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25 दिसंबर या फिर क्रिसमस का नाम आते ही हमारें दिमाग में एक तस्वीर बन जाती है। सफेद दाढ़ियों और मोटे चश्मे और गिफ्ट का झोला कंधे पर लिये सफेद-लाल कपड़े वाले सैंटा क्लाज की। सैंटा क्लाज क्रिसमस की रात गुपचुप हमारों घरों पास से गुजरता है और बच्चों को गिफ्ट देता है। इसके साथ ही हमारें आसपास गूजंने लगती है एक घंटी की आवाज और एक मधुर गीत, जिंगल बेल …. जिंगल बेल…। लेकिन क्या आपको मालूम है कि ये Jingle Bell Song कब बना क्रिसमस और सैटां क्लाज की पहचान और आखिर कौन है वो जिसने ये गीत बनाया था। तो चलिये आज क्रिसमस के मौके पर हम आपको बताते हैं जिंगल बेल सॉग के पीछे की सारी कहानी,

1850 में जेम्स पियरपॉन्ट नाम के म्युजिक डायरेक्टर ने लिखा था Jingle Bell Song

Jingle Bell Song, एक थैंक्सगिविंग सॉग है। इस गाने को साल 1850 में जेम्स पियरपॉन्ट नाम के म्युजिक डायरेक्टर ने लिखा था। जेम्स जार्जिया के सवाना के रहने वाले थे और यह गीत सबसे पहले साल 1857 में दर्शकों के सामने गाया गया था।

‘वन हॉर्सओपन स्लेई’ के नाम से जाना जाता था इस सॉग को

पहेले इस सॉग का क्रिसमस या सैंटा क्लाज से कोई भी संबंध नहीं था। उस वक़्त इसे ‘वन हॉर्सओपन स्लेई’ के नाम से जाना जाता था। लेकिन बाद में जब यह सॉग सैंटा क्लाज के साथ जुड़ गया तो फिर यह जिंगल बेल के नाम से जाना जाने लगा।

इस सॉग में कहीं भी क्रिसमय का जिक्र नहीं

इस सॉग की सबसे रोचक बात यह है कि इस सॉग में कहीं भी क्रिसमय का उल्लेख नहीं है, लेकिन फिर भी ये इस सॉग के बिना क्रिसमस का त्योहार अधूरा ही लगता है।

1890 से हुआ मशहूर

जिगंल बेल सॉग साल 1890 में बहुत ही मशहूर हो गया था। इसके बाद से ही ये क्रिसमस सॉग के रूप में दुनियाभर में गाया जाने लगा था। सैंटा क्लाज के हाथ की घंटी जो उनके आने की सूचना देती है । इसे ही जिंगल बेल कहा जाता है।

हालीवुड और बालीवुड की फिल्मों में जिंगल बेल सॉग का इस्तेमाल

Jingle Bell Songका कई बार हालीवुड और बालीवुड की फिल्मों में भी इस्तेमाल किया गया है। अब तो इस गाने के कई वर्जन भी बन चुके हैं। आज ये गाना आप मराठी और भोजपुरी भाषा में भी सुन सकते है।

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