उत्तर प्रदेश : ऐसा क्या हुआ कि पुलिस खुद के द्वारा लगाए देशद्रोही के मुकदमे को ले रही वापस

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इस्लाम के झंडे को समझ बैठे पाकिस्तान का झंडा :-

गोरखपुर पुलिस खुद के लगाए गए देशद्रोह के मुकदमों को वापस लेगी।

मामला 10 नवंबर का है । उत्तर प्रदेश के जिला गोरखपुर में चोरी चोरा के मुड़ेरा बाजार में एक शख्स के छत पर एक झंडा लगा हुआ दिखाई देता है। जिससे लोग पाकिस्तान का झंडा समझ लेते हैं। इससे हिंदूवादी संगठन भड़क जाते हैं। और हिंदूवादी संगठन से जुड़े कई लोग चोरा चोरी के मुंडेरा बाजार में पहुंच जाते हैं। धमकी भरे नारेबाजी करते हैं और जय श्रीराम के नारे लगाते हैं। घटनास्थल के कई वीडियो वायरल हुये है। किसी वीडियो में आक्रोशित भीड़ पत्थर- लाठी चलाते ,गाड़ियों को तोड़ते देख रही है । पुलिस के घेरे में एक शख्स जो अपने हाथों में कुछ झंडे लिए दिख रहा है। और वह झंडो के बारे में कुछ बताने की कोशिश कर रहा है ।आक्रोशित भीड़ नारे लगाते जाए जा रही हैं।

पुलिस ने हिंदूवादी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के कहने पर लगा दिया राष्ट्रद्रोह का मुकदमा :-

भीड़ का नेतृत्व कर रहे शख्स ने खुद को हिंदूवादी संगठन, ब्राह्मण ,जन कल्याण समिति का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया। उस शख्स ने अपना नाम कल्याण पांडे बताया। मामले की गंभीरता को देखते हुए गोरखपुर के एसपी मनोज अवस्थी खुद चोरी चोरा थाने पहुंची और एक हिंदूवादी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कल्याण पांडे की तहरीर पर 4 लोगों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया।

पुलिस ने हिंदूवादी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर तो दिया लेकिन बाद में जांच में पता चला कि शख्स की छत पर लगा वह झंडा पाकिस्तान का नहीं है। वह झंडा इस्लाम का है। वही हिंदूवादी संगठन दावा कर रहे हैं कि पहले झंडा वहां पाकिस्तानी था । हिंदूवादी संगठन के लोगों ने कहा जब हम वहां पहुंचे तो उन्होंने दरवाजे बंद कर लिए थे। मैंने मशक्कत के बाद दरवाजे खुलवाए । तब तक उन्होंने झंडे का पता नहीं क्या किया था। और वहां जब मैं पहुंचा था तब पाकिस्तान का झंडा ही था।

चार लोगों पर से देशद्रोह का मुकदमा होगा वापस :-

पुलिस ने 4 लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा लगाया था। लेकिन पाकिस्तानी झंडा होने का कोई सबूत नहीं मिला । तब पुलिस ने देशद्रोह का मुकदमा वापस लेने को कहा है। इस मामले में 4 लोगों पर आरोप लगाया गया था। जिनमें आरोपी अब्दुल कलाम कुरेशी और उनके दो बेटों आसिफ और आरिफ को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया था। लेकिन इसी केस से संबंधित एक शख्स जिसका नाम तालीम नाम है। वह अब भी जेल में है। लेकिन पाकिस्तानी झंडा होने का कोई सबूत ना मिलने पर पुलिस ने तालीम नाम के शख्स को भी जल्द से जल्द रिहा करने की बात कही है।

देशद्रोह का मुकदमा लगाने में इतनी जल्दी क्यों :-

सवाल यह है कि देशद्रोह का मुकदमा लगाने के लिए इतनी जल्दी क्यों होती है। देशद्रोह का मुकदमा किसी की जिंदगी भर की इज्जत को मिट्टी में मिला देता है। किसी की जिंदगी बद से बदतर कर देता है। लेकिन देशद्रोह का मुकदमा लगाने वालों को केवल चुटकी ही तो बनानी पड़ती है। और बस लग जाता है देशद्रोह का मुकदमा। हिंदूवादी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के कहने पर पुलिस ने झट से चार लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा लगा दिया । यह कितना सही है।

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