UP Chunav 2022: विधानसभा चुनाव में जब मुलायम को दी थी डाकू ने चुनौती, जानिए पूरा मामला

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UP Chunav 2022: यूपी के चुनावी रण में तमाम पार्टियों के दिग्गज नेता प्रचार प्रसार में लगे हैं। जनता के सामने एक दूसरे पर निजी हमला भी कर रहे हैं। चुनावी रण में गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री तथा उत्तर प्रदेश की सियासत में पहलवान माने जाने वाले मुलायम सिंह यादव ने करहल में रैली की। उत्तर प्रदेश की राजनीति की कहानी मुलायम सिंह यादव के बिना तो अधूरी ही है। वह प्रदेश की राजनीति के चाणक्य भी समझे जाते हैं। एक पुराना किस्सा है जब इटावा में जसवंत नगर सीट में उनको चंबल के खूंखार दस्यु सरगना ने ही चुनौती दी थी।

UP Chunav 2022 जब बीजेपी की सरकार बनी थी और कल्याण सिंह प्रदेश के मुखिया


यह बात 1991 की है। उस समय प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी थी तथा कल्याण सिंह प्रदेश के मुखिया बने थे। संत नगर विधानसभा सीट पर मुलायम सिंह को हराने के लिए भाजपा ने चंबल खूंखार डाकू तहसीलदार सिंह को प्रत्याशी बनाया था। लेकिन चुनावी हिंसा की वजह से इस चुनाव को रद्द कर दिया गया था।

UP Chunav 2022 चबूतरे पर बैठ कर दिया था इंटरव्यू


हालांकि उस समय पत्रकार तथा के नामी वकील मोहिसन अली ने यूनीवार्ता को यह बताया कि 15 मार्च 1991 को दस्यु सम्राट तथा भाजपा उम्मीदवार तहसीलदार सिंह ने इटावा कलेक्ट्रेट के ऐतिहासिक वटवृक्ष के चबूतरे पर बैठकर ही देश के नामी पत्रकारों को इंटरव्यू दिया था। जिसमें उन्हें राम मंदिर आंदोलन के चलते मुलायम को राक्षस पता कर उन्हीं की लंका में ही हराने का ऐलान किया था।

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मकानों में घुसकर पत्रकारों को अपनी जान बचानी पड़ी


फिलहाल मोहसिन ने यह बताया कि चुनाव में मुलायम के सामने बागी दस्यु सम्राट के अलावा कांग्रेस के टिकट पर बाहुबली दर्शन सिंह यादव थे। चुनाव के दौरान ही नगला बाबा गांव में मुलायम दर्शन के समर्थकों के बीच जमकर नारेबाजी तथा गोलीबारी हुई थी। बंदूको तथा गोलियों की आवाजों के बीच ऐसी भगदड़ मच गई थी कि वहां कवरेज के लिए मौजूद पत्रकारों तक को पास के मकानों में घुसकर अपनी जान बचानी पड़ी थी।


UP Chunav 2022 दरअसल पूरा विधानसभा क्षेत्र सुरक्षा बलों की छावनी के रूप में तब्दील हो चुका था। चुनावी समर में ही मुलायम ने अपने दोनों बाहुबली प्रतिद्वंद्वियों को पटखनी देकर जीत भी हासिल की थी। हालांकि बाबू दर्शन सिंह ने चुनाव अवैध घोषित करके दोबारा चुनाव कराने की मांग भी की थी। चूंकि इस सीट पर विधायक रहते हुए भी मुलायम ने उत्तर प्रदेश की गद्दी संभाली थी।

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