क्या है UAPA कानून में बदलाव ? अगर बदल गया तो क्या होगा ? जानिए पूरी बात |

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दोस्तो अगर आप लोकतांत्रिक भारत के एक जिम्मेदार नागरिक है और जिम्मेदार नागरिक होने के नाते सरकार से प्रश्न पूछते है और जो कानून लोकतंत्र के खिलाफ बनता है या जिससे लोकतांत्रिक ढाचे पर प्रभाव पड़ता है उसके खिलाफ बोलते है तो आप पर खतरा बढ़ा दिया है सरकार ने |

आज कल देश का माहौल खराब हो गया है सरकार के खिलाफ बोलने वाले को अतंकवादी कहा जा रहा है ,और जो लोग देश के खराब माहौल के बारे में बोल रहे है उन को पाकिस्तान जाने की सलाह दी जा रही है |

सरकार ने आर टी आई में संशोधन के बाद अब यू ए पी ए भी संशोधन कर दिया इस संशोधन से एनआईए और भी मजबूत हो गया है |

एनआईए क्या है ? आइये जानते हैं,

एनआईए यानी राष्टीय जांच एजन्सी, इसका गठन 31 दिसंबर 2008 में किया गया था, इसकी सबसे बड़ी वजह 2008का मुंबई का आतंकी हमला था|

एनआईए का काम आतंकी विरोधी कानून बनाना,आतंकी समूहों पर रोक लगाना, आतंकियों से सुरक्षा देना है|

लोकसभा में बुधवार को संशोधन विधेयक यू ए पी ए को वोटिंग के बाद पास कर लिया गया, इस बिल के पक्ष में 287 और विपक्ष में 8 वोट पड़ा|

विधेयक के पक्ष में गृह मंत्री आमित शाह ने कहा कि हमें आतंक के खिलाफ कड़े कानून की जरूरत है |

गृह राज मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि आज देश और दुनिया को आतंक के खतरे से निपटारा एक समस्या है। ऐसे में NIA संशोधन विधेयक को लाने का उद्देश्य जांच एजेंसी की और मजबूत बनाना है|

दूसरी ओर काग्रेस के सांसद आधीर राजन चोधरी ने UAPA विधेयक को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग की |

AIMIM संसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह बिल संवैधानिक अधिकारो के हनन का अधिकार देता हैं, किसी को शक या सरकार के कहने पर आतंकी घोषित नहीं किया जा सकता|

बीजू जानता दल ने इस बिल का समर्थन किया|

आइए जानते हैं, संशोधन के बाद क्या प्रभाव पड़ता है|

  • संशोधन के बाद एनआईए का आधिकार क्षेत्र देश से लेकर विदेश तक बढ़ जाएगा,
  • मानव तस्करी से जुड़े मामलों की जांच का आधिकार मिल जाएगा,
  • साइबर अपराध से जुड़े मामलों की भी जांच कर सकेगी,
  • पैसे सबधित अपराधों की जांच का आधिकार मिलना,
  • प्रतीबदित हथियारों को बनाने , बेचने के सबंधित अपराधों की जांच कर सकेगी,
  • इसके लिए स्पेशल कोर्ट का निर्माण होगा|

बिल के तहत केंद्र सरकार किसी को भी आतंकी घोषित कर सकती है अगर वो ये चार में से किसी एक में शामिल पाया जाता है,

  1. आतंक से जुड़े किसी भी मामले में सहभागिता या किसी तरह का कोई कमिटमेंट,
  2. आतंकवाद की तैयारी,
  3. आतंकवाद को बढ़ावा देना,
  4. अतकी गतिविधियों में किसी अन्य तरह की संलिप्तता,

सबसे बड़ा विरोध 4 का ही हो रहा है क्योंकी विश्व में आज तक आतंक कि कोई परिभाषित नहीं कर पाया है तो सरकार केसे परिभाषित करेगी

  • यह विधेयक सरकार को ये भी आधिकार देती है कि इसके आधार पर किसी व्यक्ति को भी आतंकी घोषित कर सकती हैं,
  • आतंकवाद से जुड़े मामले में संपति सिज करने के लिए पुलिस महानिदेशक से अनुमति लेने होती थी लेकिन अब NIA के महानिदेशक से अनुमति लेनी होगी यानी पुलिस का रोल खत्म,
  • आज तक जांच डीएसपी , एएसपी, रैंक के अधिकारी कर सकते थे अब ऐसे मामलों में इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी भी कर सकता है

विरोध किस बात का हो रहा है UAPA के नए बदलाव के बाद एनआईए के पास असीमित अधिकार आ जाएंगे, आतंकी गतिवधियों में शक के आधार पर लोगो की गिरफ्तारी होगी और आतंकी कार्यवाही करेगी,और ऐसे मामलों में जमानत भी आसानी से नहीं मिलती है,

इससे मनमानी बढ़ेगी और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो को दिक्कत का सामना करना पड़ा सकता है, और लोगो की अभिवेक्ती की आजादी भी ख़तम हो जाएगी लोग बोलना छोड़ देंगे चाहे सही हो या गलत कोई बोलेगा ही नही |

वीडियो देखें —

https://youtu.be/qzwOL1sK4as

Brijendra Kumar

Founder and Chief Editor

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