भारत के पराग अग्रवाल माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के सीईओ बन चुके हैं। ट्विटर की स्थापना 15 साल पहले चार दोस्तों ने मिलकर की थी। क्या आप जानते है कि सान फ्रांसिस्को में स्थित इसका शानदार हेडक्वार्टर कैसा है। ये डिजाइनिंग और इंटीरियर के लिहाज से तो बेहद लाजवाब और बेजोड है ही साथ ही इसमें ऐसी तमाम सुख सुविधाएं भी मौजूद हैं, जिसे जानकर हर कोई यहां काम करना पसंद करेगा।
इस पोस्ट में
अमेरिका के महानगर सान फ्रांसिस्को में आइकोनिक आर्ट डेको बिल्डिंग ट्विटर का मुख्यालय बनाया गया है। इसके मुख्यालय के कई फ्लोर है जिस पर उसके ऑफिस फैले हुए हैं। ये विश्वभर में ट्विटर की गतिविधियों को संचालित करते हैं, नए नए इनोवेशन करने के साथ ही ट्विटर की तमाम चीजों पर नजर रखते हैं। ट्विटर का ये ऑफिस एक ऐसा आधुनिक ऑफिस है जहां सुंदरता और सुकून का जोड है जो कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रेंडली स्पेस है।
वैसे तो इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर की शुरुआत 21 मार्च 2006 में ही हो चुकी थी लेकिन समय के साथ जब इस में बदलाव होने लगा तो साल 2012 में इस सोशल साइट के मुख्यालय को सान फ्रांसिस्को में ट्रान्स्फर किया गया। इस बिल्डिंग के फ्लोर किराए पर लेकर उन्हें फिर नये सिरे से डिजाइन किया गया।
जब ट्विटर का वर्ल्ड हेडक्वार्टर यहां आया तो ये जगह सान फ्रांसिस्को की एक बहुत ही साधारण जगह थी। मगर ट्विटर की स्थापना के बाद ये जगह अब बिल्कुल ही बदल गई है। ये प्लेस अब सान फ्रांसिस्को की मुख्य जगहों में पहचान हासिल कर चुका है। ट्विटर के ऑफिस में एक जगह कैफेटेरिया बना हुआ है, यहां बैठकर कर्मचारी खाना, काफी या स्नैक्स एन्जोय करते हैं। बिल्डिंग में एक नीली चिड़िया भी बनी हुई मिल जाएगी, जो ट्विटर का लोगो है। इसके दूसरी ओर कांफ्रेंस रूम औऱ केबिन या बैठने की जगह है।
ट्विटर के आफिस के इंटीरियर में लोकल और वर्ल्ड क्लास टच दिया गया है। ट्विटर का बिल्डिंग ऐसा बनाया है कि कर्मचारी पुरे ऑफिस में कहीं भी बैठकर काम कर सकते हैं, वहां पर उन्हें सुकून और कंफर्ट का अहसास होगा। ऑफिस के इंटीरियर के रंग काफी पर स्मूद हैं। उसमें नीले रंग को अधिक प्रधानता दी गई है।
ट्विटर का ऑफिस दो बिल्डिंग्स को मिलाकर बनाया गया है। इसमें एक बिल्डिंग 1937 की आर्ट डेको बिल्डिंग है और दूसरी 1970 के दशक में बनी हुई बिल्डिंग है। कर्मचारी दोनों बिल्डिंग्स का इस्तेमाल करते है। साथ ही अगर हम आफिस के अंदर का नजारा देखें तो यहां पर हर जगह ऐसे पौधे (प्लांट्स) लगे हैं जो रोशनी और पानी से फलते फूलते हैं।
हैशटैग का प्रभावशाली इस्तेमाल ट्विटर ने ही शुरू किया, इसलिए पूरे आफिस में हैशटैग देकर बहुत सारे स्लोगंस और आफिस प्लेस के नाम लिखे हुए है। आफिस में हर जगह कॉफी की व्यवस्था तो है ही लेकिन यहां विजिटर्स के बैठने के लिए एक ट्विटर कैफेटेरिया भी बनाया गया है, जिसमें वो आराम से बैठ सकते हैं। ऑफिस के हर फ्लोर पर कर्मचारियों को ऐसी जगह दी गई है, जिसमें वो आराम से बैठ कर रिलेक्स हो सकते हैं। ट्विटर ने इस बिल्डिंग के कई फ्लोर लेने के बाद इसकी डिजाइन अपने हिसाब से बदल दी थी।
ट्विटर में एक और बड़ा कैफेटेरिया भी बना हुआ है। यहां बड़े हाल में इतनी जगह है कि काफी बड़ी संख्या में लोग एक साथ बैठ सकते हैं। ट्विटर अपने कर्मचारियों को फ्री लंच की सुविधा देता है, जिसमें पिज्जा, सलाद, फ्रेश फ्रूट्स और चिकन आदि दिया जाता हैं। खाने में लोकल टच से लेकर कांटिनेंटल वैरायटीज शामिल होती है। ऑफिस में खानपान का डिपार्टमेंट संभालने वालों की टीम भी वेल ट्रेन्ड है।
काम के वक़त अगर कर्मचारी ऊब जाते हैं या उन्हें सूरज की रोशनी में जाकर लेटने या बैठने का मन है, तो उन्के लिए छत पर सनबाथ की व्यवस्था भी की गई है। कर्मचारी इसका भऱपूर आनंद ले सकते हैं। ऑफिस की छत पर लगे हुए सोफों या आराम कुर्सियों पर बैठकर भी कर्मचारी काम कर सकते हैं।
वैसे देखा जाएं तो दुनियाभर में ट्विटर के 5500 से भी अधिक कर्मचारी हैं और इसके तमाम आफिस दुनियाभर में फैले हैं लेकिन इस मेईन ऑफिस में 2500 कर्मचारी काम करते हैं। इसमें आधे इंजीनियर हैं तो बाकी कंपनी के दूसरे कामों को देखते हैं। जिसमें सेल्स से लेकर एचआर तक भी शामिल है। वैसे इन महामारी के दिनों बहुत से कर्मचारी रिमोटवर्क ही काम कर रहे हैं।
ऑफिस में काम के दरम्यान कर्मचारियों के लिए एंटरटेन करने की भी भरपूर व्यवस्था है, जिससे वो खुद को तरोताजा महसुस कर सके और ऊबन से बच सकें। वैसे तो ट्विटर आफिस में कर्मचारियों को अपने बच्चों को भी लाने की परमिशन भी है लेकिन बच्चों के लिए इसमें एक अलग जगह है जहां उन्हें छोड़ना पड़ता है। वहां किड्स के लिए योगा से लेकर कई प्रोग्राम शामिल हैं।