त्रिपुरा की हिंसा आज आग की तरह महाराष्ट्र तक फैल गई है। त्रिपुरा में हुई हिंसा के विरोध में दो दिन से अमरावती में बवाल जारी है। असल में शुक्रवार को अमरावती में त्रिपुरा हिंसा के विरोध में कई मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान काफी भीड़ भी देखने को मिली। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान जमकर उत्पात मचाया। पुलिस को इसे रोकने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। अमरावती में धारा 144 लगा दी गई हैं। अभी हाल ही में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों के विरोध में त्रिपुरा में हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था। आरोप यह है कि इन प्रदर्शन के दौरान मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया गया। इसके बाद से ही बड़े स्तर पर त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा देखने को मिली। महाराष्ट्र के अमरावती सहित तमाम शहरों में भी हिंसा के विरोध में प्रदर्शन हुए।
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दरअसल बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों के विरोध में त्रिपुरा में हिंदू संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया था। सोशल मीडिया पर ऐसे मैसेज वायरल हुए कि इन प्रदर्शनों के दौरान मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया गया। इसके पास से ही त्रिपुरा में एक बड़े स्तर पर संप्रदायिक हिंसा भड़क गई। महाराष्ट्र में भी अमरावती, नांदेड़ और मालेगाव जैसे इलाकों में इसका असर दिखाई दिया एवं इन शहरों में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन हुए।
शुक्रवार को हुई घटना को लेकर महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वाल्से ने कहा कि त्रिपुरा में हुई हिंसा के खिलाफ राज्य भर के मुसलमानों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान मालेगाव, नांदेड़ और अमरावती समेत कई जगह पर पत्थरबाजी हुई। उन्होंने कहा कि मैंने हिंदू मुसलमानों से शांति बनाए रखने की अपील की। हालांकि अब स्थिति नियंत्रण में है। मैं खुद ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के जरिए इन पर नजर रख रहा हूं। कोई अगर इसमें दोषी पाया गया तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा।
अमरावती की सांसद नवनीत आर राणा ने बताया कि जिले में कल जो कुछ हुआ मैं उसकी निंदा करती हूं। मैं सभी नागरिकों व नेताओं से शांति बनाए रखने की अपील करती हूं। मैं बड़े मंत्रियों से भी अपील करती हूं कि इसे राजनीतिक रंग देने की जगह पर लोगों की सुरक्षा के बारे में बात की जाए।
शनिवार को घटना के बाद राज्य के श्रम मंत्री भगवान दास की उपस्थिति में ‘कैलाशशहर’ में शांति बैठक हुई। जिसमें अलग-अलग धर्मों के नेता, पुलिस अधीक्षक रति रंजन दास, स्थानीय माकपा विधायक मबास्वर अली, जिला अधिकारी उत्तम चमका कांग्रेस नेता बदरूज्जमां शामिल हुए। एसडीपीओ ने कहा कि बैठक में फैसला हुआ कि कोई धार्मिक स्थल अगर क्षतिग्रस्त होता है। तो सरकार ही अपने खर्चे पर उसकी मरम्मत कराएगी।