

Salt
Salt: Uttrakhand के Nainital जिले में कई जगहों पर पिस्यु लूण यानी कि पिसा हुआ नमक बिकता है। स्थानीय लोगों के साथ ही साथ यहां पर आने वाले पर्यटक भी इसे काफी पसंद करते हैं। पहाड़ों के पिसे नमक का स्वाद बहुत खास होता है। स्वादिष्ट पिस्यु लूण कई प्रकार के फ्लेवर में उपलब्ध होता है। यहां साधारण नमक में अतिरिक्त रंग एवं ताजगी जोड़ी जाती है। जो इस नमक को और भी खास बनाती है।
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Uttrakhand के पहाड़ों में जगह-जगह आपको कई तरह के स्वाद वाले नमक देखने को मिल जाएंगे। यहां लहसुन, अलसी, भांग, भंगीरा, हरी मिर्च, पुदीना, जीरा और अन्य नमक शामिल है। पिसे हुए नमक में इन सभी के अलावा लाल मिर्च, हींग, तिल, हरा धनिया, भूनी मिर्च, दैण और अन्य मसाले मिल जाते हैं। इसमें सबसे खास बात ये है कि इन्हें मिक्सी में नहीं बल्कि हाथों से सिलबट्टे पर पीसा जाता है। वैसे ही पहाड़ी पिस्यु लूण पहाड़ों में कब से शुरू हुआ। इसकी ठीक जानकारी नहीं है। चूंकि नमक को इस तरह पीसने का तरीका सालों से ही चला आ रहा है।
स्थानीय महिला हेमा बोरा ने यह बताया कि पहाड़ के घरों में जब साग-सब्जी नहीं हुआ करती थी। तो लोग पिसे हुए नमक से रोटी खा लिया करते थे। पिस्यु लूण का चलन शायद तभी से ही चला आ रहा है। जबकि हेमा बिष्ट ने यह कहा कि यहां वो 10 प्रकार के नमक तैयार करती हैं। स्थानीय लोगों के अलावा बाहर से भी लोग नमक खरीदने के लिए आते हैं।
जहां एक तरफ पहाड़ी नमक पहाड़ की संस्कृति को छलकाता है। तो वहीं आज ये महिलाओं के रोजगार का जरिया भी बना हुआ है। हालांकि ग्रामीण महिलाएं इस पहाड़ी नमक को बाजारों में बेचती हैं। भिटौली स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी नमक को बेचकर रोजगार से जुड़ी है। इसी समूह से 10 महिलाएं जुड़ी है। इस स्वरोजगार से वो काफी खुश है। उनका यह मानना है कि इस काम के कारण से उन्हें किसी और पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
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पीसे नमक बनाने के काम में कई महिलाओं को रोजगार मिला हुआ है। हालांकि बढ़ती हुई मांग पर अब यहां 24 प्रकार के स्वाद का नमक महिलाएं तैयार कर रही हैं। इसे खरीदने के लिए स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटकों की भी भीड़ रहती है। गर्मी में बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक भी सड़क किनारे रुक कर पिसे हुए नमक ले जाते हैं। पिसी लूण के लिए काली मिर्च, अदरक, लहसुन, हींग, जीरा, तिल, भंगीरा, हरा धनिया, भूनी मिर्च, काला जीरा, अलसी, दैण, लाल मिर्च, जीरा, बारी बारी से नमक पीसकर रोजाना 5 किलो नमक सिलबट्टे पर तैयार करके उसके छोटे छोटे पैकेट में भरकर ही उसकी पैकिंग की जाती है।
दिल्ली, चंडीगढ़, पिथौरागढ़, देहरादून सहित अन्य सारे में भेजने के साथ अभी इसकी मांग विदेशों में बढ़ने लगी है। सैलानी भी एक साथ या फिर आधा, 1 किलो पिसा हुआ नमक ले जाते हैं।