Tax on Freelance Income: अगर आपके इन्कम का सोर्स फ्रीलांस हैं तो फिर आपको Tax जमा करवाना चाहिए, नहीं तो आप पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट शिकंजा कस सकता हैं। दरअसल, फ्रीलांसिंग से होने वाली कमाई आपकी टोटल इनकम में शामिल होती है और टैक्स लगता है। हालांकि, टैक्स के बावजूद भी कई तरह के खर्च पर आपको डिडक्शन का लाभ भी मिलता है।
फ्रीलांसिंग से हो रही है कमाई (Tax on freelance income) टैक्स के दायरे में आती है। सभी फ्रीलांसरों भी को आयकर रिटर्न (ITR-3 या ITR-4) दाखिल करना पडता है।
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कोरोना महामारी के बाद कामकाज का तरीका भी बदल चुका है। कोरोना काल से पहले फ्रीलांस को लेकर अधिक क्रेज नहीं था किंतु पिछले दो सालों में इस ट्रेंड में भारी उछाल आया है। लोकडाउन किस समय से ही वर्क फ्रॉम होम का कॉन्सेप्ट शुरू हुआ और फ्रीलांसिंग लोगों की पहली पसंद बन चुका है। इतना ही नहीं इस कांसेप्ट के बाद फ्रीलांस करने वालों के लिए नई अपॉरच्युनिटी का भी विस्तार हुआ है। वैसे अब तक तो फ्रीलांस से होने वाली कमाई को नजरअंदाज ही किया जाता था,
लेकिन कई लोगों की कमाई बढ़ने के कारण इसे नजरअंदाज करना अब आपको भी महंगा पड़ सकता है। अगर आप भी फ्रीलांसर हैं तो इनकम टैक्स रूल्स की जानकारी जरूरी है। आज इस लेख में हम जानेंगे की फ्रीलांस इनकम (Tax on Freelancing Income) पर किस तरह टैक्स लगता है और कहां डिडक्शन का लाभ मिलेगा।
Tax on Freelance Income, चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) और फाइनेंशियल प्लानर गरिमा बाजपेयी (CA Garima Bajpai) के मुताबिक फ्रीलांस (Tax on freelancers) से होने वाली कमाई ‘Profits and Gains from Business & Profession.’ के तहत आती है। फ्रीलांस की कमाई को टोटल इनकम में गिना जाता है, उस बाद आप जिस टैक्स स्लैब में आते हैं, उस आधार पर ही आपके टैक्स का हिसाब भी होता है। फ्रीलांसिंग से होने इनकम पर कई तरह के डिडक्शन का लाभ मिलता है।
फ्रीलांसर के लिए ग्रॉस टैक्सेबल इनकम में ‘Expenses incurred for Business’ पर छूट का लाभ मिलता है। वहीं अगर हम एक्सपेंस फॉर बिजनेस की बात करते हैं तो फ्रीलांस काम को लेकर आपका जो खर्च है, उसे क्लेम भी कर सकते है। इसमें फ्रीलांसर का पर्सनल और कैपिटल खर्च शामिल नहीं किया जा सकता।
इस बात को हम आपको कुछ उदाहरण देकर समझा रहे हैं जैसे की यदि आपको फ्रीलांस संबंधित कामों को लेकर रेंट देना होता है, इंटरटेनमेंट और हॉस्पिटैलिटी, ऑफिस की रीपेयरिंग, डेप्रिसिएशन असेट्स रखा हुआ हो, टेलीफोन और इंटरनेट बिल, प्रोजक्ट्स के लिए होने वाला खर्च, ऑफिस खर्च, ट्रैवलिंग एक्सपेंस, खाने के खर्च पर भी आपको डिडक्शन का लाभ मिलता है।
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Tax on Freelance Income, फ्रीलांसिंग एक प्रोफेशनल सर्विस होने के कारण TDS काटा जाता है। अगर आपका पेमेंट 30 हजार से अधिक है तो सेक्शन 194J के तहत 10 प्रतिशत का TDS कटेगा। वहीं अगर फ्रीलांस इनकम पर 10 हजार से अधिक टैक्स जमा करना है तो इसे एडवांस टैक्स करना भी जरूरी है हर तिमाही एडवांस टैक्स जमा करना पड़ता है।
यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि जब भी किसी फ्रीलांसर को प्रोजक्ट करने के बाद जो पेमेंट मिलता है और TDS काट लिया जाता है तो फिर किसी भी फ्रीलांसर को इस इनकम पर दोबारा टैक्स देने की जरूरत नहीं है। अगर TDS नहीं काटा जाता तो भी इसे टोटल इनकम में ऐड करना पड़ेगा और स्लैब के आधार पर टैक्स काटा जाएगा।