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Success Story: पिता DM के ड्राइवर, बेटा बना SDM

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Success Story: एक कहावत आपने सुनी होगी कि,”मंजिलें उन्हे मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है।” बहराइच के DM के वाहन चालक जवाहर लाल मौर्या पर ये पंक्तियां बेहद फिट बैठती हैं। जिनके बुलंद हौंसले ने अपने दोनो बेटों को सफलता की उस ऊंचाई पर पहुंचाया है जिसकी शायद ही कोई कल्पना करता हो।

बड़ा बेटा है इंजीनियर तो छोटा बेटा बना SDM

DM के ड्राइवर जवाहर लाल मौर्य का बड़ा बेटा संजय सिंह मौर्या NIT प्रयागराज से बीटेक कर वर्तमान में मल्टी नेशनल कंपनी Accenture में चीफ इंजीनियर है. वहीं अब छोटे बेटे कल्याण सिंह मौर्या UPPCS में 40 वीं रैंक हासिल कर SDM बन गया है.

जानिए ड्राइवर पिता क्या कहते हैं

अपने बच्चों की सफलता की कहानी बताते हुए भावुक हुए ड्राइवर जवाहर लाल मौर्य कहते हैं “मेरी पत्नी का मेरे बेटों की सफलता में बहुत बड़ा योगदान रहा है लेकिन आज वो इस खुशी को देखने के लिए मौजूद नहीं हैं।मैं तो DM साहब का ड्राइवर हूं पूरा समय ड्यूटी पर रहता हूं लेकिन मेरी पत्नी बच्चों को सबसे अधिक समय देती थी उन्हें गाइड करती थी लेकिन शायद उसकी किस्मत में ये खुशी देखना नहीं था। उनकी 5 साल पहले मृत्यु हो चुकी है लेकिन ये सब उसी की प्रेरणा से संभव हो सका है।

जवाहर लाल मौर्य बताते हैं कि 35 साल की अपनी नौकरी में साहब के साथ रहते हुए अपने बच्चों को भी वैसा ही बनने की प्रेरणा देता रहा और मेरे बेटों ने भी उसी तरह पढ़ाई किया और आज छोटा बेटा SDM बन गया है.

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जानिए DM ने क्या कहा

अपने वाहन चालक के बेटे की सफलता के बाद बहराइच के जिलाधिकारी (DM) डा.दिनेश चंद्र सिंह ने ड्राइवर जवाहर लाल को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया. DM ने कलेक्ट्रेट के अन्य कर्मचारियों को भी इससे प्रेरणा लेने की बात कही है. उन्होंने बताया की भारतीय लोकतंत्र (Indian Democracy) में कोई भी किसी पद को अपनी प्रतिभा के दम पर प्राप्त कर सकता है बशर्ते वो उसके प्रति निष्ठावान हो।”

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DM के ड्राइवर जवाहर लाल मौर्या ने अपने बेटों और बेटियों की शिक्षा में कोई कमी नहीं रखी

Success Story, जवाहर लाल मौर्या ने अपने बेटों और बेटियों की शिक्षा में कोई कमी नहीं रखी तभी यही कारण है कि जहां इनका बड़ा बेटा संजय सिंह मौर्या NIT प्रयाग राज से बीटेक कर सबसे पहले मल्टीनेशनल कंपनी में Infosys में साफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर चयनित हुआ और आज वर्तमान में इन्फोसिस छोड़ कर मल्टीनेशनल कंपनी Accenture में चीफ इंजीनियर के पद पर कार्यरत है.

तो दूसरा बेटे ने सफलता की नई इबारत लिखते हुए अपने पिता जवाहर लाल मौर्या के उस सपने को साकार कर दिखाया है जो उन्होंने अपने DM साहब की ड्राइवर सीट पर बैठकर देखा था.उनका सपना था कि एक न एक दिन उनका बेटा भी साहब वाली सीट पर बैठेगा।

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