Nizam of Hyderabad: हम आपको आज ऐसी शख्सियत की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे अपने वक्त में धरती पर सबसे अमीर शख्स माना गया था। लेकिन उसकी कंजूसी के किस्से भी कुछ कम रोचक नहीं थे। एक ऐसा शासक जिसके पास हीरे-सोने और नीलम-पुखराज जैसे बहुमूल्य रत्नों भी हुआ करते थे। जिसके पास अपनी करेंसी, अपना टकसाल भी था। लेकिन वह सूती पायजामा, साधारण चप्पलें ही पहनते थे। एक-एक पाई बचाने के लिए कंजूसी किया करते थे । ऐसा नहीं कि इनके पास धन नहीं था इनके पास धन तो बहुत ज्यादा था लेकिन बस इनके अंदर कंजूसी हद से ज्यादा था।
इस पोस्ट में
दुनिया में एक से बढ़कर एक कंजूस लोगों को शायद आपने देखा होगा। और उनकी रइसी के किस्से भी बहुत ज्यादा सुने होंगे, लेकिन क्या आपने किसी ऐसे अमीर की कहानी शायद ही पढ़ा होगा । जिसके पास दुनिया का सबसे ज्यादा धन हो, जिसके दरबार में दुनिया का अमीर से अमीर शख्स घुसने का मौका पाकर खुद को लकी समझने लगता हो लेकिन वह कंजूसी में भी नंबर वन हो हम आपको आज ऐसे ही एक शासक के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसने आजाद भारत में अपनी कंजूसी की आदतों से सबको हैरान करके रख हुआ था। यह शख्स था हैदराबाद का शासक एक-एक पैसे बचाने के लिए नए-नए तरकीबें अपनाया करता था।
साल 1911 में ओसमान अली खान है दराबाद के निजाम बनाए गए थे। देश जब आजाद हुआ और हैदराबाद को भारत में मिला लिया गया था। तबतक ओसमान अली खान का ही शासन बना हुआ था। Nizam of Hyderabad के पास कुल नेट वर्थ 17.47 लाख करोड़ यानी 230 बिलियन डॉलर मिलाने का अंदाजा लगाया गया था। निजाम की कुल संपत्ति उस समय अमेरिका की कुल जीडीपी की 2 फीसदी के बराबर बैठा करती थी। निजाम के पास अपनी करेंसी थी, सिक्का ढालने के लिए अपना टकसाल भी था, 100 मिलियन पाउंड का सोना, 400 मिलियन पाउंड के जवाहरात भी थे।
Nizam of Hyderabad की आमदनी का सबसे बड़ा जरिया एक यह भी था। गोलकोंडा माइंस जो उस समय दुनिया में हीरा सप्लाई का एकमात्र जरिया निजाम के पास जैकब डायमंड हुआ करता था । जिसकी उस समय दुनिया के सात सबसे महंगे हीरों में विनती की जाती थी। जिसका इस्तेमाल निजाम पेपरवेट के तौर पर किया करते थे। करते थे. इसकी कीमत 50 मिलियन पाउंड के बराबर था।
जिस वक्त 1947 में देश आजाद हुआ था। उस समय निजाम को सबसे ज्यादा धरती पर सबसे अमीर शख्स माना जाता था। उस समय इस पूरी धरती पर उस शासक के बराबर पैसा, सोना-चांदी-हीरे-जवाहरात किसी और शासक के पास था ही नहीं लेकिन फिर भी कंजूसी की सारी हदें पार करने वाला यह आदमी माना गया। यह आदमी इतना ज्यादा कंजूसी किया करता था कि लोग इसकी कंजूसी देख करके दंग हो जाया करते थे ।
Nursing chai wali- बच्चे को पालने के लिए चाय बेच रही हूं, इस मां की कहानी आपको भी रुला देगी
आखिरकार दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति Elon Musk के साथ खड़ा ये भारतीय कौन? जानकर हैरान हो जाएंगे आप
आज भी Nizam of Hyderabad फैमिली के करोड़ों-अरबों रुपये विदेशी बैंकों जमा पड़ा हुआ है । जिस पैसे को वह हमेशा बचाया करता था और कंजूसी किया करता था वह पैसा आज भी विदेशों में जमा पड़ा हुआ है और उनके वंशज आज भी उस पैसे के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
मशहूर लेखक डोमिनिक लैपीयरे और लैरी कॉलिन्स अपनी किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ यह में लिखते हैं- ‘निजाम ओसमान अली खान केवल पांच फीट तीन इंच के छरहरे व्यक्तित्व के ही इंसान थे। निजाम एक पढ़े-लिखे, साहित्यपसंद और धर्मपरायण इंसान माने जाते थे। उनके राज्य में प्रजा थी- दो करोड़ हिंदू और तीस लाख मुसलमान निजाम साहब उस वक्त के भारतीय राजाओं-नवाबों में सबसे विकट भी कहे जा सकते हैं। निजाम वह एकमात्र देशी शासक हुआ करते थे, जिन्हें आभारी अंग्रेजों ने ‘एग्जाल्टेड हाइनेस’ की अत्यंत उच्च पदवी मिल पाई थी।
क्योंकि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान निजाम ने इंग्लैंड को ढाई करोड़ पौण्ड की आर्थिक सहायता भी दी थी। 1947 में निजाम इस धरती के सबसे धनी व्यक्ति माने भी माने जाते थे क्वीन एलिजाबेथ-2 की ताजपोशी भी हो रही थी। और शादी हो रही थी तब गिफ्ट के रूप में निजाम का दिया शाही नेकलेस काफी में हुआ करता था कहा यह जाता है कि इस शाही नेकलेस में 300 हीरे लगे हुआ करते थे।