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sikandar: प्राचीन काल से ही देश दुनिया में कई राजा महाराजा हुए हैं लेकिन एक ऐसा राजा जिसके नाम के साथ महान लिखा गया है। जिस राजा को हम sikandar महान कहते हैं। हमारे देश के इतिहास के पन्नों में sikandar महान यशस्वी और कुशल राजा था। सिकंदर महान की साहस और वीरता के किस्से इतिहास में अंकित हैं । sikandar का जन्म 20 जुलाई को 356 ईसा पूर्व मैसोडोनिया में हुआ था। sikandar महान फिलिप द्वितीय का पुत्र था जो मैसोडोनिया और ओलंपिया के राजा थे। सिकंदर की माता का नाम ओलंपिया था। सिकंदर की एक बहन थी इन दोनों भाई बहन का लालन-पालन पेला की शाही दरबार में हुआ था । sikandar के पिता सैन्य अभियानों में ज्यादा समय व्यस्त रहा करते थे। इस प्रकार sikandar में भी पिता की भांति बहादुरी कूट-कूट कर भरी थी । sikandar ने लगभग 12 वर्ष की उम्र में एक बिगड़े हुए जंगली घोड़े को काबू में किया था। यह घोड़ा जीवन भर उसके साथ रहा। sikandar को बचपन में अलेक्जेंड्रर के नाम से जाना जाता था।
बाद में यह बच्चा sikandar महान के नाम से जाना जाने लगा। sikandar महान के पिता को उनके ही एक सुरक्षा गार्ड द्वारा हत्या कर दी गई । उनके पिता की मृत्यु के बाद नए राजा बनने का संघर्ष किया । कई लोग उनके विरोधी थे ।सभी विरोधियों का विरोध करते हुए लगभग 20 साल की उम्र में सिकंदर महान राजा बने और इस प्रकार 12 वर्षों तक sikandar महान ने शासन की बागडोर संभाली। sikandar महान ने कई मीलों तक की विजय यात्रा की। इसमें इनके सैनिक भी थे। sikandar का साम्राज्य पश्चिम यूनान से लेकर पूर्व में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, इराक में शतक विशाल साम्राज्य फैला हुआ था । फिलिप की पत्नी औल्पीयास चौथी पत्नी थी। वह सभी से महत्वपूर्ण थी क्योंकि उन्हें sikandar महान को जन्म दिया था। जो उस राज्य का उत्तराधिकारी था। बताया जाता है कि sikandar महान की माता एक जादूगरनी थी। sikandar महान को उस समय की सर्वोच्च शिक्षा दी गई थी। उस समय उनके शिक्षक अरस्तु थे जो महान दार्शनिक थे। लगभग 13 साल की उम्र में sikandar अरस्तू के शिष्य बने और अपने पूरे शासनकाल में अरस्तु के शिष्य रहे।
फिलिप यानी sikandar के पिता की कई पत्नियां थी जिनमें से एक का नाम कि्लयोपेट्रा था । कि्लयोपेट्रा sikandar और उनकी मां को परेशान किया करते थे। वह sikandar को राजा नहीं बनने देना चाहती थी। उनके लिए मुश्किलें खड़ी करती रहती थी। सिकंदर और उसकी मां को लगा कि वह राजनैतिक रूप से हानि पहुंचा सकती है। मेसेडोनिया का उत्तराधिकारी बनने में कई मुश्किलें आ सकती थी। sikandar की सौतेली बहन क्लियोपेट्रा की बेटी की शादी में ही फिलिप द्वितीय की हत्या सुरक्षा गार्ड द्वारा कर दी गई थी। इस प्रकार सिकंदर का उत्तराधिकारी बनाना और शासन करना खतरे से खाली नहीं था। राजा फिलिप द्वितीय को मारने के बाद गार्ड ने भागने की कोशिश की तो उसे वहीं पर मार गिराया। इस प्रकार राजा को मारने की योजना किसके द्वारा बनाई गई यह पता नहीं चल पाया । कहा जाता है कि राजा फिलिप द्वितीय की हत्या के पीछे sikandar और उसकी माता का हाथ था। इसके बाद sikandar ने उसके विरोध में बोलने वाले और उनके उत्तराधिकार में अड़चन पैदा करने वालों को मौत के घाट उतारता गया । sikandar राजा बना और सिंहासन पर बैठा।
sikandar ने फारस साम्राज्य को अपने अधीन करने की योजना बनाई। फारस साम्राज्य एक विशाल साम्राज्य था। 200 सालों से भी अधिक सालों तक इस पर शासन किया गया। भूमध्य सागर के सभी इलाकों पर फारस राज्य का शासन था लेकिन इस महान साम्राज्य का अंत सिकंदर ने कर दिया। sikandar के महान होने में उनके पिता का भी श्रेय है क्योंकि उनके पिता ने कुशल सैन्य शक्ति और शातिर दुश्मन को मात देने का और युद्ध रणनीति में महारत हासिल की थी। फारस साम्राज्य में कूच कर गई और फारस साम्राज्य की विशाल सेना जो पूरे साम्राज्य में पूरी तरह फैली थी लेकिन sikandar की उचित रणनीति और बुद्धिमानी से फारस साम्राज्य ने पीछे हटना जरूरी समझा और हार गया।
324 ईसा पूर्व में sikandar ने फारस के सूसा शहर में पहुंचे। सिकंदर मैसोडोनिया और फारस साम्राज्य को एकजुट करना चाहते थे। ऐसी रणनीति चाहते थे कि मैसोडोनिया और पारस साम्राज्य sikandar के प्रति वफादार रहे।
sikandar ने मैसोडोनिया के अधिकारी सेनापतियों को फारस साम्राज्य की राजकुमारियों से शादी रचाने को भी कहा और sikandar ने स्वयं भी अपने लिए दो पत्नियों का चयन किया। बताया जाता है कि सिकंदर कभी-कभी नशे में बहुत धुत हो जाता था । उसे कुछ भी होश नहीं रहता था एक बार तो नशे में धुत सिकंदर ने रात के खाने के समय अपने करीबी मित्र को मार डाला था । प्राचीन यूनानी लोग उसकी विशाल साम्राज्य पर तमाम विजय और उसके आकर्षण को देखकर उसे देवता भी कहने लगे थे। स्वयं सिकंदर भी अपने आप को देवता समझने लगा था।
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फारस साम्राज्य पर कब्जा करने के बाद पूर्व दिशा में भारत में सिकंदर की सेना पहुंच गई। इसके बाद वह मेसिडोनिया वापस लौट आया क्योंकि sikandar यह दिखाना चाहता था कि उसके पिता जहां तक नहीं जा पाए उन्होंने वहां पहुंच कर दिखा दिया। भारत से मैसोडोनिया में पहुंचने से पहले सन 323 ईसा पूर्व में 32 साल की उम्र में इराक के बेबीलोन इलाके में पहुंचने के बाद सिकंदर का स्वास्थ्य खराब हो गया। किसी बीमारी के कारण सिकंदर की वहीं मौत हो गई। सिकंदर तमाम साम्राज्य में विजय प्राप्त करने के बाद घूम घूम कर यह दर्शाना चाहता था कि वह जहां तक चाहे विजय प्राप्त कर सकता है। मध्य एशिया में यह खबर फैली कि sikandar मारा गया है। तब सेना ने पीछे हटना शुरू कर दिया। sikandar का अगला लक्ष्य अरब क्षेत्र था लेकिन समय ने उसका साथ नहीं दिया और वह उसकी मौत हो गई। लेकिन इस योध्दा ने मैसोडोनिया में शासन करके इस छोटी सी रियासत से अपनी बुद्धिमानी और चतुराई से एक विशाल साम्राज्य को स्थापित कर लिया था और यह योद्धा sikandar महान कहलाया।