Russian Ukraine War: रूस-यूक्रेन के बाद ,एक छोटे देश ने दिखाई पुतिन को आंख ,पुतिन ने कहा- ‘ऐसा दर्द मिलेगा कि’

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Russian Ukraine War: यूक्रेन के बाद ताकतवर रूस किस देश पर हमला करेगा इसे लेकर कई तरह के अंदाज़े महीनों से लग रहे थे. फिलहाल रूस ने तो ऐसा कुछ नहीं किया. इस बीच मुठ्ठी भर सैनिक रखने वाले एक छोटे से देश ने पुतिन को जब आंख दिखाई तो पुरी दुनिया का ध्यान इस ओर खिंच गया.

Russian Ukraine War कब खत्म होगा कोई नहीं जानता. इस बीच आबादी और क्षेत्रफल में दिल्ली शहर से भी छोटे देश ने जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को आंख दिखाई तो विश्व मे हर कोई हैरान रह गया. यहां बात लिथुआनिया (Lithuania)  देश की हो रही है जिसने रूस के कैलिनिनग्राद (Kaliningrad) तक रेल के जरिए जाने वाले सामग्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है.

क्यों भड़का हुआ है रूस?

दरअसल बात यहाँ से है कि लिथुआनिया देश एक जमाने में तत्कालीन सोवियत संघ (USSR) का हिस्सा हुआ करता था. सन 1991 में सोवियत संघ के अलग होने के बाद लिथुआनिया अलग देश बना जो 2004 में NATO में शामिल भी हो गया. बस रूस को रह रह कर यही दर्द सताता है कि कभी उसका ही हिस्सा रहे देश उसे अब आंख दिखा रहे हैं.

ऐसा जवाब देंगे कि उनके लोगों को तकलीफ महसूस होगी

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रॉयटर्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक जब लिथुआनिया देश ने रूस की सप्लाई चेन रोकने की बात कही तो नाराज रूसी अधिकारियों ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि ऐसा कुछ भी उल्टा सीधा करने पर लिथुआनिया को इसका माकूल जवाब दिया जाएगा, जिससे उसके लोगों को बहुत तकलीफ महसूस होगी। इसके बाद पर लिथुआनिया ने भी फौरन इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश के लोग ऐसे किसी भी संकट से निपटने कि लिए एकदम तैयार हैं. आपको बताते चलें कि लिथुआनिया ने हाल ही में रूस की ओर जाने वाली ट्रेन को रद्द कर दिया है.

रूस की रसद रोकने पर तुला है लिथुआनिया

मॉस्को के अधिकारियों नें जब इस बारे में सवाल पूछा तो लिथुआनिया ने कहा कि उसने ऐसा यूरोपियन यूनियन (EU) के प्रतिबंधों के चलते हुए किया है. यानी लिथुआनिया ने यूरोपियन यूनियन के प्रतिबंधों के नियमों का हवाला देते हुए कैलिनिनग्राद (Kaliningrad) से आने और जाने वाले सामान पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है.

जब रूसी सिक्योरिटी काउंसिल के सेक्रेटरी निकोलई पेत्रूशेव ने कहा कि उनका देश ऐसा जवाब दे सकता है, जिससे लिथुआनिया के लोगों पर गलत असर पड़ सकता है. तो लिथुआनिया के राष्ट्रपति गिटानस नौसेदा ने कहा कि वो रूस की जवाबी कार्रवाई के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि रूस उनके विरुद्ध कोई सैन्य कार्रवाई करेगा, क्योंकि वो भी NATO का एक सदस्य है.

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Russian Ukraine War के बीच, लुथिआनिया देश की क्या है ताकत?

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आपको बतातें चलें कि लुथिआनिया क्षेत्रफल और आबादी दोनों की तुलना में हमारे भारत की राजधानी दिल्ली से भी छोटा है. इस देश की आबादी महज़ तीस लाख है, जिसके पास सिर्फ 16 हजार सैनिक हैं. लेकिन उसके देशवासियों के पक्के इरादे यूक्रेन के लोगों से कमजोर नहीं है. वहीं रूस जैसे ताकतवर देश के खिलाफ इतना बड़ा कदम उठाकर उसने ये साबित भी कर दिया है.

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