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Rakesh Jhunjhunwala ने छोड़ी वसीयत, जाने किसको मिलेगी उनकी अपार संपत्ति

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Rakesh Jhunjhunwala: भारत के वारेन बफे कहे जाने वाले दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का 10 दिन पहले ही 14 अगस्त को निधन हो गया। बिग बुल कहे जाने वाले झुनझुनवाला अपने पीछे ही अरबों की संपत्ति छोड़ गए। इनके गुजरने के बाद से ही यह चर्चा होने लगी थी उनकी इतनी बड़ी जागीर को कौन देखेगा? उनकी संपत्ति का मालिक कौन होगा? अब वसीयत सामने आई है।

Rakesh Jhunjhunwala

बता दें कि राकेश झुनझुनवाला ने अपनी वसीयत अपनी पत्नी रेखा, उनके बड़े भाई राजीव गुप्ता, उनके भतीजे विशाल गुप्ता एवं अपने विश्वासपात्र वकील बर्जिस देसाई को अपनी संपत्ति के लिए नामित किया है। हालांकि सागर एसोसिएट्स के पूर्व प्रबंध निदेशक एवं झुनझुनवाला के करीबी दोस्त देसाई ने उन्हें वसीयत बनाने में मदद की। ईटी नाउ ने अपनी एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी है।

Rakesh Jhunjhunwala

ट्रस्ट का गठन संपत्ति की देखरेख के लिए

Rakesh Jhunjhunwala के निवेश निर्णय को देखने के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है। उनके करीबी डीमार्ट के संस्थापक, कल्पराज धर्मशी, अमन पारीक एवं राधाकिशन दमानी को समूह का सदस्य बनाया गया है। वसीयत की खबर इस चर्चा के कुछ दिनों के बाद से ही आई। ये बताया गया था कि दमानी मुख्य ट्रस्टी के रूप में झुनझुनवाला की दौलत का नेतृत्व कर सकते हैं।

अलग-अलग ट्रस्ट बच्चों के लिए

इसके अलावा भी दिवंगत अरबपति निवेशक ने अपने तीन बच्चों निष्ठा, आर्यवीर और आर्यमान के लिए विभिन्न ट्रस्ट बनाए हैं। सूत्रों के मुताबिक उनकी पत्नी रेखा, उनके भाई राजीव, उनके भतीजे विशाल देसाई एवं उनके लंबे समय से सहयोगी उत्पल शेख एवं अमित गोयल को इन ट्रस्ट के लिए ट्रस्टी के रूप में नामित किया गया है।

Rakesh Jhunjhunwala

लगभग 30 हजार करोड़ रुपए की वेल्थ

Rakesh Jhunjhunwala लगभग तीन दर्जन लिमिटेड फलों में अपना करीब 30 हजार करोड़ रुपए की हिस्सेदारी अपने पीछे छोड़ कर गए है। हालांकि उन्होंने भारत की सबसे नई एयरलाइन आकाश एयर जैसे गैर सूचीबद्ध फर्मों में भी निवेश किया था। जिसके वह संस्थापक थे। फोर्ब्स के मुताबिक झुनझुनवाला की संपत्ति 5.8 अरब डॉलर आंकी गई थी। जिससे वो भारत के 48वें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए।

हालांकि 1985 के मध्य में 5 हजार रुपए के साथ शेयर बाजार में प्रवेश करने वाले झुनझुनवाला की लिस्टेड होल्डिंग्स का मूल्य 24 अगस्त को करीब 29,000 करोड़ रुपए था। चूंकि उनकी पोर्टफोलियो में सबसे मूल्यवान लिस्टेड इन स्टॉक टाइटन है।

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विल का एग्जीक्यूटर यह शख्स है

बता दें कि उनके लंबे समय से कानूनी सहयोगी बर्जिस देसाई कथित तौर पर वसीयत के मुख्य एक्जिक्यूटर हैं। सभी हिंदू रीति-रिवाजों के पूरा होने के बाद से उनके परिवार की मौजूदगी में वसीयत पढ़ी जाएगी। बर्जिस देसाई, जे सागर एसोसिएट्स के पूर्व प्रबंधक भागीदार हैं। मूल्य निवेशकों को लगभग 25 सालों से जानते थे। वो झुनझुनवाला के नए विमानन उद्योग अकासा में भी सह-निवेशक थे।

देसाई ने कहा था अकासा में निवेश के दौरान

बर्जिस देसाई ने निवेश के वक्त यह कहा था कि मैंने एक छोटा सा निवेश किया है। मैं यह समझता हूं कि विमानन एक उच्च जोखिम वाला, उच्च प्रतिफल वाला व्यवसाय है। हालांकि आमतौर पर लोग इसके बारे में नकारात्मक हैं। लेकिन मेरा यह मानना है कि अगले 5 से 7 सालों में कम लागत वाली एयरलाइनों के लिए एक उछाल होगा। ये झुनझुनवाला की व्यापार कौशल पर एक दांव है। ये उन सभी वार्ताकारों की अटकलों को खारिज करता है। जिनको झुनझुनवाला की दौलत का उत्तराधिकारी माना जा रहा है।

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