PM Imran Khan: पाकिस्तान की राजनीति में इस वक्त भारी उथल-पुथल चल रही है।सूत्रों के मुताबिक इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी(PTI)की सत्ता से विदाई होने के आसार हैं।
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विपक्षी पार्टियों द्वारा इमरान सरकार के खिलाफ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर 25 मार्च को वोटिंग होनी है।ज्ञात हो कि पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए 172 संसद सदस्यों की जरूरत होती है।मौजूदा वक्त में इमरान खान की पार्टी PTI के पास अपने 155 सदस्य हैं जबकि सहयोगी दलों के सदस्यों को मिलाकर इस वक्त उसके पास कुल 178 संसद सदस्य हैं।
वहीं विपक्षी पार्टियों के गठबंधन को इस वक्त 162 सदस्यों का समर्थन हासिल है।उसे सरकार बनाने के लिए सिर्फ 10 और सदस्यों की जरूरत है। अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही वर्तमान सरकार पर संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं।
ऐसे में इमरान खान बागी सदस्यों से भी बिना शर्त माफी के साथ पार्टी में वापस आने की अपील कर रहे हैं।
प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना भी PM Imran Khan से नाराज चल रही है।हालिया दौर में सत्तारूढ़ PTI ने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जो सेना को नागवार गुजरे हैं।ज्ञात हो कि पाकिस्तान में सरकार किसी भी पार्टी की हो वहां चलती हमेशा सेना की ही है।विदेश नीति से सम्बंधित सारे बड़े फैसले सेना की स्वीकृति के बाद ही लिए जाते हैं।एक तरह से पाकिस्तानी सरकारें सेना की कठपुतली होती हैं।
विदित हो कि कुछ रोज पहले ही PM Imran Khan ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से मुलाकात की थी।माना जा रहा है कि संकट में घिरी इमरान सरकार सेना का समर्थन हासिल करने के उद्देश्य से ही इमरान-बाजवा की मीटिंग तय हुई थी।
PM Imran Khan कुछ सूत्रों की मानें तो सेना प्रमुख बाजवा इमरान खान से नाराज हैं।यदि कारणों की बात की जाए तो बलूचिस्तान में अशांति,यूक्रेन संकट में बेवजह अमेरिका-यूरोपीय संघ के खिलाफ इमरान खान की अनर्गल बयानबाजी है।इसके अलावा जेयूआइयफ प्रमुख और PDM अध्यक्ष मौलाना फजलुर्रहमान को बाजवा के रोकने के बाद भी ‘डीजल’कहकर चिढ़ाना शामिल हैं।
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ज्ञात हो कि इस बार इस्लामिक देशों के सबसे बड़े संगठन OIC(Organization of Islamic countries)का सम्मेलन इसी माह 22-23 मार्च को पाकिस्तान में होना है।
कुर्सी की अनिश्चितताओं के बीच इमरान सरकार इस सम्मेलन की मेजबानी करेगी।