पाकिस्तानी मरीन नौसेना ने एक मछुआरे को मार डाला और 6 मछुआरों को अगवा कर लिया है अभी भारत की नेवी और कोस्ट गार्ड की तरफ से किसी प्रकार का आधिकारिक बयान नहीं आया है।
इस पोस्ट में
पाकिस्तानी मरीन नौसेना ने भारतीय नाव ‘जलपरी’ पर फायरिंग की । जिसमें एक भारतीय मछुआरे की मौत हो गई है और पाकिस्तान द्वारा 6 मछुआरों को अगवा कर लिया गया है और अभी तक यह भी जानकारी नहीं है कि पाकिस्तानी मरीन नौसेना भारतीय मछुआरों को अगवा कर कहां ले गई है। बताया जा रहा है कि जलपरी नाव को लेकर भारतीय मछुआरे गुजरात में द्वारका ओखा के पास गए थे। तभी पाकिस्तानी मरीन नौसेना आई और उन पर फायरिंग कर दी। जिसमें एक मछुआरे की मौत हो गई और छह को अगवा कर लिया गया। भारतीय नेवी और कोस्ट के अलावा सुरक्षा एजेंसियां भी इस मामले की जांच कर रहे है। कोस्ट गार्ड की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
इस प्रकार की कार्रवाई में सबसे बड़ा कारण यह होता है कि स्थल पर तो दो देशों के बीच की सीमाओं का सीमांकन किया जा सकता है। लेकिन दो देशों के बीच समुद्री सीमा का कोई निश्चित सीमांकन नहीं होता है। जिससे मछुआरे सटीक अंदाजा नहीं लगा पाते कि हम अपने ही देश की सीमा में है। या फिर दूसरे देश की सीमा में हैं। इस कंफ्यूजन में मछुआरे सीमा को पार कर जाते हैं और दूसरे देश द्वारा बंधक बना लिए जाते हैं । कई बार पाकिस्तान के मछुआरे भी भारतीय सीमा में घुस आते हैं। समुद्री सीमा का निश्चित सीमांकन ना होने के कारण मछुआरों को कई कई वर्षों तक निर्दोष होते हुए भी जेलों में सडना पड़ता है।
यह कोई पहली घटना नहीं है कि जब सीमा पार करके मछुआरे दूसरे देश में चले गए हो या फिर दूसरे देश के मछुआरे अपने भारत देश की सीमा में घुस आए हो। पहले भी ऐसा हो चुका है और अपने देश के इसी साल 11 मछुआरे पाकिस्तान द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए हैं। समुद्र में निश्चित सीमांकन ना होने के कारण मछुआरों को बिना वजह जेल काटनी पड़ती है।