पति-पत्‍नी की इस करतूत से Ola Cabs कंपनी और पुलिस परेशान, उत्तर प्रदेश की पुलिस पटना पहुंची तो इनकी पोल खुली

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Ola Cabs: यूपी की जालौन पुलिस ने पटना के दीघा से एक दंपती को गिरफ्तार किया है। जून महीने में ओला कंपनी की डीलरशिप देने के नाम पर हुई एक ठगी । जालौन के कोतवाली थाने में दर्ज हुआ था केस, नवादा से हुई थी पहली गिरफ्तारी

ओला की डीलरशिप देने के नाम पर लगाया 28 लाख का चूना

पटना के एक दंपति ने ऐसा कारनामा किया है जिसे सुनकर पुलिस विभाग और Ola Cabs हैरान। इस दंपति ने मशहूर कैब ऑपरेटर ओला कंपनी को परेशान करके रख दिया है। यह मामला उत्तर प्रदेश के पुलिस तक पहुंचा तो जांच की टीम पटना पूछताछ के लिए पहुंची। जहां उन्होंने आरोपी पति पत्नी को गिरफ्तार कर लिया l इन दोनों को पटना के दीघा थाना के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया गया है।

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दोनों से पूछताछ कर रही यूपी पुलिस

जालौन पुलिस ने शनिवार की शाम को दीघा थाना क्षेत्र में स्थित एक फ्लैट पर छापामारी करके अभिमन्यु कुमार और उनकी पत्नी बबली कुमारी को अपनी गिरफ्त में ले लिया है और पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है इन दोनों पर आरोप है कि दोनों ने मिलकर ओला कंपनी की डीलरशिप देने के नाम पर 28 लाख की ठगी की है।

ठगी का पैसा इन दोनों के एटीएम से निकाला गया

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रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि ठगी की रकम इन दोनों के एटीएम के द्वारा निकाली गई है। इस मामले की पूरी जांच पड़ताल जालौन पुलिस कर रही  है। एक सप्ताह पूर्व इस मामले में एक आरोपी को नवादा से गिरफ्तार किया गया था। इसी वर्ष 4 अगस्त को जालौन के थाने में ठगी का एक मामला दर्ज हुआ। जालौन के अरुण सिंह निरंजन ने पुलिस को बताया कि उनके फेसबुक आईडी पर जून में ओला कंपनी की डीलरशिप लेने का एक विज्ञापन आया । विज्ञापन को सर्च किया तो लगभग 1 घंटे के बाद उनके पास एक महिला का फोन आया।

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इस महिला ने खुद को ओला कंपनी की बेंगलुरु शाखा का ब्रांच मैनेजर बताते हुए डीलरशिप देने के लिए इससे संबंधित जानकारी दी। बातों में उलझाते हुए उसने अपने सीनियर से बात करने को कहा‌ ।

फर्जी अधिकारी बनकर किया कॉल

इन दोनों ने उनको अपने बातों में उलझा कर ओला का डीलरशिप देने के नाम पर 28 लाख जमा करा लिए। लेकिन जब डीलर संबंधी कागजात की मांग की गई तब यह दोनों बहाना बनाने लगे।जब अरुण को लगा कि मामला कुछ फंसा हुआ नजर आ रहा है तो उन्होंने ओला कंपनी की बेंगलुरु शाखा से संपर्क किया कि जहां से उन्हें पता चला की उनकी ओला कंपनी में इस नाम के कोई भी व्यक्ति कार्य नहीं करते हैं।

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अरुण को अपने ठगी का अहसास हुआ उसके बाद उन्होंने जिस खाते में 28 लाख ट्रांसफर किए थे उसके बारे में पता किया तो पता चला कि यह धनराशि पटना और नवादा से निकाली गई है इसके बाद उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की और पुलिस ने कार्यवाही में इन दोनों को गिरफ्तार किया।

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