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Menstrual Rituals: जहां लड़कियों को पीरियड आने पर लोग करते हैं सेलिब्रेट, जानें देश के इन हिस्सों में क्या सोचते हैं लोग

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Menstrual Rituals: हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में पीरियड्स को लेकर लोगों की सोच और रीति रिवाज बड़े ही अलग और अजीब से हैं। कुछ राज्यों में महिलाओं को पीरियड आने पर उनकी पूजा की जाती है। वहीं कुछ राज्यों में उन्हें अछूत मानकर सबसे अलग रखा जाता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि हमारे देश के कौन से राज्य के लोग महिलाओं को पीरियड आने पर क्या सोचते हैं।

Menstrual Rituals

हमारे देश में पीरियड्स एक ऐसा विषय है जिस पर कोई या तो खुलकर बात नहीं करना चाहता है या बात करता है तो हर एक अपनी अपनी अलग-अलग राय देता है। वैसे वर्तमान समय में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस बारे में खुलकर बात करने को गलत नहीं मानते हैं लेकिन आज भी हमें कुछ गिने-चुने लोग ऐसे भी मिल जाएंगे जो इस टॉपिक पर बात करने से बड़े ही कतराते हैं। लेकिन हर महिला के लिए यह समय बेहद ही अलग होता है क्योंकि इस दौरान उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होते रहते हैं। आज भी कुछ लोग महिलाओं को पीरियड के दौरान अछूत मानते हैं।

इस दौरान कई राज्यों में महिलाओं के लिए अलग प्रकार के नियम बनाए जाते हैं। उनका रहना खाना-पीना से लेकर उनके बर्तन तक सभी अलग रखे जाते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि प्राचीन समय में हमारे देश में पीरियड से जुड़े कुछ रीति-रिवाजों को कुछ राज्यों में आज भी फॉलो किया जाता है।

प्राचीन समय में महिलाओं को पीरियड आना शुभ माना जाता था

पुराने जमाने में जब किसी भी महिला को पीरियड आने लगते थे तो इसे शुभ माना जाता था कुछ तो इतिहास का नरेंद्र नाथ भट्टाचार्य के मुताबिक प्राचीन काल में जब महिलाओं को पीरियड आते थे तो वह ब्लड भगवान को चढ़ाया जाता था क्योंकि महिलाओं को देवी के तौर पर ही देखा जाता था। जैसे भारत के असम और उड़ीसा राज्य में आज भी मासिक धर्म को मनाया जाता है। उनका मानना था कि उपजाऊ धरती और महिला दोनों को ही सम्मान आराम और खुश रखना कर्तव्य है।

पीरियड्स के कपड़े को दफनाया जाता है

Menstrual Rituals, पीरियड से जुड़ा एक बड़ा ही अजीब रिवाज भी प्रचलित है जहां महिलाएं अपने पीडीएस के दौरान यूज किए गए कपड़े को दफना देती है। ऐसा करने के पीछे एक बहुत बड़ी वजह है कि यह कपड़ा बुरी आत्मा यानी कि नकारात्मक ऊर्जा को अपनी तरफ आकर्षित करता है।

Menstrual Rituals

प्लेस ऑफ मेस्चुरेशन इन द रिप्रोडक्टिव लिव्स ऑफ वुमेन ऑफ रूलर नॉर्थ इंडिया के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं जादू करने के लिए रास्तों पर इस्तेमाल किए गए पैड या कपड़ा फेंक देती हैं। अगर कोई इंसान इस पर अपना पैर रख देता है तो उस पर उसका बुरा प्रभाव पड़ता है।

पीरियड के दौरान महिला को अलग रख देना

Menstrual Rituals

Menstrual Rituals, प्राचीन समय में एक परंपरा यह भी थी कि जब किसी महिला को पीरियड आता था तो उसे सबसे अलग करके रख दिया जाता था। किंतु ऐसा करने का कारण यह नहीं था कि उस महिला को अछूत माना जाता था बल्कि लोगों का मानना यह था कि महिला को उस नाजुक समय में किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े।

क्योंकि पीरियड्स के दिनों में महिलाएं कम एक्टिव रहती है और सही से काम करने के लिए सक्षम नहीं होती है। अब बदलते वक्त के साथ-साथ हमारे समाज में इसकी परिभाषा को भी बदल दिया है और उन्हें अशुद्ध कहकर कुछ चीजों से वंचित किया जाने लगा है जो वाकई में बड़े ही अफसोस की बात है।

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पीरियड्स के दौरान गाय को छूना अशुभ

पीरियड्स को लेकर एक मान्यता यह भी थी कि पीरियड्स के दौरान अगर कोई महिला गाय को छू लेती है तो वह बांध वह जाती है। हालांकि इस बात का लॉजिक आज तक शायद ही कोई जान पाया होगा। इसी तरह अगर महिलाएं पीरियड्स के दौरान अचार और दही खाती है तो भी उन्हें रोका जाता था।

इन राज्यों में मनाया जाता है पीरियड्स से रिलेटेड त्योहार

Menstrual Rituals

Menstrual Rituals, भारत के कई राज्यों में पीरियड्स को त्योहार की तरह मनाया जाता है।

  • तमिनाडु में पीरियड्स के त्योहार को ‘मंजल निरातु विज़ा’ कहते है। जिसमें सभी रिश्तेदारों को इनविटेशन देकर बुलाया जाता है। इस सेलिब्रेशन में लड़की के लिए एक अलग झोपड़ी बनाई जाती है और उसे हल्दी के पानी से नहलाया जाता है।
  • कर्नाटक में इस त्योहार को ‘ऋतुशुद्धि’ या ‘ऋतु कला संस्कार’ कहा जाता है।
  • असम में पीरियड्स से जुड़ा ‘तुलोनिया बिया’ नामक त्योहार सेलिब्रेट किया जाता है। इस दौरान लड़की को सात दिन तक अलग रखा जाता है।

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