सिंध हाईकोर्ट ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना व उनकी बहन फ़ातिमा जिन्ना की संपत्ति तथा अन्य सामानों का पता लगाने के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है। कोर्ट ने यह आदेश 50 साल पुराने एक मामले की सुनवाई के दौरान दिया। सिंध उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, मंगलवार को सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति फहीम अहमद सिद्दीकी की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया।
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न्यायमूर्ति जुल्फीकार अहमद खान की अध्यक्षता वाली एसएचसी की पीट ने सुनवाई के दौरान यह पाया था कि भाई-बहन के सभी सूचीबद्ध कीमती सामान एवं संपत्ति अभी तक खोजी नहीं गई है। कई अन्य सामान, जो पहले की रिपोर्ट में दर्ज किए गए थे। वो तैयार की गई नवीनतम सूची में से गायब थे। ये याचिका फातिमा की एक रिश्तेदार हुसैन वाले ने दायर की थी। पाकिस्तान की स्थापना के बाद सितंबर 1948 में जिन्ना का निधन हो गया था, तथा 1967 फातिमा का निधन कराची में हुआ था।
13 अक्टूबर के आदेश में, एसएचसी बेंच ने संकल्प लिया था कि वो जिन्ना एवं फातिमा द्वारा छोड़ी गई सभी सूचीबद्ध संपत्तियों की वसूली का प्रयास करेगी तथा इन संपत्तियों की खोज के लिए उपलब्ध सभी शक्तियों का उपयोग करेगी। इसी बीच कराची में कसर-ए-फातिमा के ट्रस्टियों बीच सिंध उच्च न्यायालय में अलग से ही मामला लंबित है। जिसे हम आम तौर पर मोहट्टा पैलेस के रूप में जानते हैं, जो फातिमा के स्वामित्व में था। मोहट्टा वर्तमान में एक संग्रहालय तथा आर्ट्स गैलरी है।