कंगना ने प्रोटेस्ट कर रहे लोगों पर टिप्पणी करते हुए यह कहा कि इन लोगों को कोई हक नहीं है कि यह सरकारी संपत्ति को इस तरह फुके जब देश में 3% लोग टैक्स देते हैं तो बाकी के लोग इन पर ही निर्भर है तो इनको यह बिल्कुल हक नहीं सरकारी संपत्ति को फूंक सके |
आज पूरे देश में CAA यानी सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (नागरिकता संशोधन कानून)को लेकर बवाल मचा हुआ है पूरा देश नहीं तो एक बहुत बड़ा हिस्सा प्रदर्शन कर रहा है,देश में कई ऐसे इलाके हैं जो और संवेदनशील इलाके घोषित किए जा चुके हैं कई इलाकों में आगजनी भी हुई है और नागरिकों पर लाठीचार्ज भी हुए हैं तो कई ऐसे इलाके भी है जहां आगजनी की गई है और सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया गया है जिसको लेकर सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है और ना ही जनता के बीच में इस चीज को लेकर कोई सहमति बन पा रही है बहुत समय बाद यह बहुत बड़ा प्रोटेस बनकर सामने आया है जिसको लेकर अब सब संवेदनशील होते नजर आ रहे हैं और काफी लोग अब इस चीज पर बातें भी कर रहे हैं और अपना स्टैंड ले रहे हैं,
देश का एक बड़ा हिस्सा संशोधन के खिलाफ है तो एक तबका इसके पक्ष में भी है अब देखना यह है कि जो लोग इसके विरोध में है उन को समझाने के लिए क्या सरकार करती है |
इसी बीच कंगना राणावत जो कई बेहतरीन फिल्में दे चुकी हैं और बॉलीवुड की जानी मानी अभिनेत्री मानी जाती हैं अभी हाल फिलहाल में उनकी आ रही फिल्म पंगा नाम की फिल्म के टेलर रिलीज के मौके पर कंगना प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही थी जिसमें उन्होंने कुछ ऐसा कहा जो हमें और आपको जरूर जाना चाहिए,
जब आप प्रोटेस्ट करते हैं तब सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है वो ये है कि आप हिंसक ना हो। हमारी पॉपुलेशन का केवल तीन चार फ़ीसदी हिस्सा ही टैक्स देता है दूसरे लोग उन पर ही निर्भर होते हैं तो आपको कौन हक देता है कि आप बस और ट्रेन जलाकर देश में उत्पात मचाओ |
अब जो बात कंगना राणावत कह रही है उसको अगर सही से देखा जाए तो कई तरीके की गलतियां दिखती हैं, हिंसा की घटनाओं को गलत ठहराना बिल्कुल सही है लेकिन उसकी आड़ लेकर पूरे विरोध को खारिज कर देना सही नहीं है,
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करके उन्हें थोड़ी सी इकोनॉमिक्स की जानकारी देते हुए एक लंबा चौड़ा ट्वीट करते हुए क्या-क्या कहा वह भी जान लेते हैं
हिंसा और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाना हर तरह से गलत है पर देश में 3% लोग टैक्स डिपेंड नहीं है एक सामान्य नौकरी पेशा यहां तक कि एक दिहाड़ी मजदूर से लेकर अरबपति तक देश में हर आदमी टैक्स देता है एक दिहाड़ी मजदूर भी जब बाजार से माचिस ,नमक का पैकेट खरीदकर लाता है तो टैक्स सहित कीमत देकर आता है चंद अरबपतियों से मिलने वाले इनकम टैक्स ही केवल टैक्स नहीं होता है और हां एक समान तिहारी मजदूर भी सिनेमा देखने जाता है तो फिल्मी सितारों की करोड़ों की कमाई में योगदान देता है और इस देश के लिए टैक्स भी देता है अब सोचिए कौन किस पर डिपेंड है?
मनीष सिसोदिया ने इकोनॉमिक्स की जानकारी देते हुए यह बात भी बता दी कि भारत में 2 तरीके की कर व्यवस्था है एक है प्रत्यक्ष कर व्यवस्था और दूसरी है अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था,
प्रत्यक्ष कर व्यवस्था को आयकर भी कहा जाता है यानी कि आपकी आए के हिसाब से आपसे कर लेना यह वह कर होता है जिस पर लगता है उसी को देना होता है,
दूसरी तरह की कर व्यवस्था को अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था कहते हैं यह वह कर होता है जिसे हम सीधे तौर से नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से सरकार को देते हैं यानी कि हम जो भी चीजें खरीदते हैं उसके दाम में कर के दाम को जोड़कर सरकार को दी जाती है जिसे अप्रत्यक्ष कर कहा जाता है,
भैया यह हो गई अर्थशास्त्र की थोड़ी जानकारी लेकिन हम यह जान लेते हैं कि जब भी ऐसे बयान जब हम देते हैं तो हमें समझना चाहिए कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जो एक संविधान नामक किताब से चलता है और संविधान हमें प्रोटेस्ट करने का हक देता है और उसी हक के तहत जो लोग प्रोटेस्ट कर रहे हैं वह अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए प्रोटेस्ट कर रहे हैं और जो सही है लेकिन हम किसी भी हिंसा को सही नहीं ठहरा रहे हैं हिंसा अपराध है और हिंसा होनी भी नहीं चाहिए जो लोग भी हिंसा कर रहे हैं उनकी जांच हो और उन्हें सजा भी दी जाए |