Krishna Janmabhoomi Controversy: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिला न्यायालय में कृष्ण जन्म भूमि विवाद पर सुनवाई चल रही है। वहीं पर इस मामले को लेकर दाखिल कई वादों पर न्यायालय सबका पक्ष सुन रहा है। इस कड़ी में जन्म भूमि विवाद मामले पर जिला जज की अदालत में मंगलवार को सुनवाई हुई। वहां पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री तथा उनके साथी कृष्ण भक्तों के दावों को लेकर बहस हुई।
वहीं पर दूसरा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तथा शाही ईदगाह मस्जिद की ओर से रखा गया। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने सिविल जज सीनियर डिवीजन के अदालत में अपना वाद प्रस्तुत किया था। उसी अदालत ने और स्वीकार कर दिया था। इसके बाद से ही वाद को जिला जज की अदालत में रिवीजन के लिए लाया गया। जहां पर दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई है।
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Krishna Janmabhoomi Controversy बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने 20 सितंबर 2020 को अपना वाद सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में प्रस्तुत किया था। सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत न ही इसे अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद से ही रिवीजन के लिए इस वाद को जिला जज की अदालत में लाया गया। मंगलवार को मथुरा में 18 महीने बाद जिला जज की अदालत में सभी पक्षों की बहस पूरी हो गई। वहीं पर अदालत ने वादों की अगली सुनवाई के लिए 6 अप्रैल की तारीख तय की है। यह माना जा रहा है कि 6 अप्रैल को अदालत अपना फैसला दे सकती है।
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Krishna Janmabhoomi Controversy दरअसल जिला जज की अदालत में रिवीजन पर चल रही सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री तथा श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट, उत्तर प्रदेश के सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, इंतजामिया कमेटी और शाही जामा मस्जिद कमेटी की बहस पूरी हो गई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता वादी रंजना अग्निहोत्री ने जानकारी देते हुए यह बताया है कि अदालत में सारे पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है तथा इसके साथ ही हमारे द्वारा प्रस्तुत किए गए वाद पर यह दावा किया गया है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की 13.73 एकड़ भूमि पर शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है। यह हो सकता है कि 6 अप्रैल को अदालत रिवीजन पर फैसला दे दे।