Kerala: कोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पीओसीएसओ) के लिए 68 वर्षीय एक बुजुर्ग को सन् 2015 में 15 वर्षीय नाबालिग लड़की से यौन उत्पीड़न तथा गर्भवती करने के मामले में दोषी पाते हुए उसे 3 गुना उम्र कैद की सजा सुनाई है। दोषी पर कोर्ट ने डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कुन्नमकुलम पोक्सो अदालत ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषी किसी भी सहानुभूति का पात्र नहीं है तथा सजा पूरी होने तक उसे पैरोल नहीं दी जाएगी।
पोक्सो कोर्ट में 25 गवाहों से पूछताछ की गई तथा अभियोजन पक्ष ने और अधिक सजा की मांग की थी। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की दलील पर सहमति जताई तथा संबंधित धाराओं के अंतर्गत अधिकतम सजा सुनाई। विशेषज्ञों ने यह कहा कि ये दुर्लभ है कि पक्षों मामले में भी दोषी को 3 गुना सजा मिलने से ऐसे मामलों में कमी आ जाएगी।
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अभियोजन पक्ष ने यह कहा कि आरोपी कृष्णन कुट्टी एक मछली विक्रेता था तथा नाबालिक लड़की मछली खरीदने के लिए उसके पास आती थी। उसने एक दिन मौके का फायदा उठाते हुए उसका यौन उत्पीड़न किया। नाबालिग ने बाद में 16 साल की उम्र में ही एक बच्चे को जन्म दिया। लड़की तथा बच्चे का जब मेडिकल टेस्ट करवाया गया तो बच्चा कुट्टी का ही निकला।
सन् 2019 में इससे पहले दक्षिण केरल के कोल्लम जिले में पोक्सो अदालत ने 18 वर्षीय दोषी को 3 गुना आजीवन कारावास तथा 26 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। आपको बता दें कि दोषी ने अपनी ही 7 साल की भतीजी के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी थी। ये राज्य में पोक्सो मामले में दी गई सर्वोच्च सजा थी।
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