कहते हैं कि अगर किसी चीज को कर गुजरने का जज्बा हो तो मंजिल मिल ही जाती है। तो चलिए ऐसे ही एक जुनूनी शख्सियत हम आपको मिलवाते हैं। जिसने अपना नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड ( गिनीज बुक) में दर्ज करवा लिया है। आदिल तेली यही वह नाम है। जिसने 3,600 किमी की दूरी साइकिल से तय की वह भी महज 8 दिन 1 घंटे और 37 मिनट में। कश्मीर से कन्याकुमारी तक सबसे तेज साइकिल चलाकर पहुंचने वाले शख्स आदिल तेली बन गए हैं। आदिल नेम 22 मार्च को यह यात्रा शुरू की थी, और 7 सितंबर को मंजिल को 6 माह से भी कम समय में छू लिया है। आदिल ने बताया कि उसने साइकिल यात्रा शुरू करने से पहले अमृतसर में 6 माह की ट्रेनिंग ली थी। जिसकी वजह से उन्हें बहुत फायदा हुआ। चूंकि उसने बताया कि उनका मकसद सिर्फ रिकॉर्ड कायम करना नहीं था। बल्कि आदिल विशेष तौर पर जम्मू कश्मीर कि केंद्र शासित प्रदेश की सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं। जिसने नई बनिहाल-काजीगुंड सुरंग को उनके लिए विशेष तौर पर लगाया है। आदिल का कहना है कि रास्ते में बहुत सारे मुश्किलें आई। लेकिन रिकॉर्ड तोड़ने से पहले वो रुके नहीं। चूंकि अभी तक आदिल के रिकॉर्ड पर गिनीज बुक की ओर से कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया है। लेकिन गिनीज के अधिकारिक बयान के जरिए ही उनके नए रिकॉर्ड पर मुहर लगेगी।
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साइकिल चलाने का जज्बा कैसे आया। इसके बारे में 23 साल के आदिल ने कहा कि साल 2013 में मैंने पहली बार साइकिलिंग में राष्ट्रीय स्तर पर जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व किया था। उसके बाद से ही साइकिल चलाने में मेरी दिलचस्पी बढ़ती गई। आदिल ने आगे कहा मैंने साइकलिंग को अपना पेशा बनाने का संकल्प कर लिया। चूंकि मुझे बहुत सारी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। क्योंकि मेरे पास बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी। लेकिन ये पता था कि इसे हासिल करने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। साल 2013 से मैं राष्ट्रीय और वरिष्ठ राष्ट्रीय स्तर पर जम्मू और कश्मीर का मेजवानी करता रहा हूं। मैंने तीन साल तक कश्मीर विश्वविद्यालय का मेजबानी किया है।
सन् 2019 में आदिल ने एक नॉन स्टॉप साइकिलिंग कार्यक्रम में भाग लिया था। जहां पर आदिल ने श्रीनगर से लेह के बीच साइकिल चलाई। तथा 26 घंटे में 40 किलोमीटर की दूरी तय की। आदिल बताया कि इस आयोजन में उसे खेल गतिविधियों में अपनी क्षमताओं का एहसास कराने के लिए प्रेरित किया।
इस साइकिलिंग अभियान में आदिल का समर्थन अब्राक एग्रो ने किया। उन्होंने इस बड़ी उपलब्धि पर आदिल की सराहना भी की। हालांकि एग्रो में रिकॉर्ड स्थापित करने में आदिल की यात्रा के दौरान उनके समर्थन के लिए संभागीय प्रशासन काश्मीर का आभार भी जताया। श्रीनगर लेह साइकिल अभियान आदिल के लिए एक मोड़ था। जिसने आदिल को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। और विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए हौसला भी दिया। जबकि ये कहने में आसान लगता है लेकिन इतना आसान नहीं था। उनके समर्पण, सहनशक्ति, उचित मार्गदर्शन, प्रशिक्षण व जुनून के कारण यह मुकाम हासिल कर पाए। विश्व कीर्तिमान स्थापित करने के लिए अपने सपने को पूरा करने के लिए आदिल अमृतसर गए थे। जहा उन्होंने 4 से 5 महीनों तक कठिन प्रशिक्षण हासिल किया। फिलहाल साइकिल डिपार्टमेंट एचओडी ने बताया कि आदिल ने साइकिल चलाने की ट्रेनिंग अमृतसर के गुरु नानक देव जी के मे ली थी और उनके कोच राजेश थे।