ITR Filing Last Date 2022: ड्यू डेट खत्म होने के बाद आईटीआई रिटर्न भरने पर आपको ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा। यह ब्याज आप की टैक्स देनदारी पर 1% के हिसाब से जोड़कर आपसे वसूला जाएगा। इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट की धारा 234ए में फास्ट प्रावधान भी किया गया है।
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31 जुलाई की तारीख इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल (ITR Filing) करने की अंतिम तिथि थी। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) जमा करने की अंतिम तारीख (31 जुलाई) यानी रविवार को रात 10 बजे तक 63.47 लाख से अधिक रिटर्न जमा भी किए जा चुके थे। टैक्स विभाग भी लोगों से लगातार यहीं अनुरोध कर रहा था कि वे लेट फाइन के बोझ से बचने के लिए निर्धारित समयावधि के दरमियान हीं रिटर्न जमा करवाए।
30 जुलाई तक 5.10 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल कंप्लीट किए जा चुके थे। उस बाद भी जिन लोगों ने 31 जुलाई की रात 12 बजे तक अपना रिटर्न भर दिया था उन्हें लेट फी देने की जरूरत नहीं होगी लेकिन जो लोग अंतिम तिथि चूक गए, अब उन्हें लेट फी चुकानी पडेगी।
तो चलिए सबसे पहले जान लेते हैं कि financial year 2021-22 या एसेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए अलग-अलग टैक्सपेयर के ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख क्या है। इंडिविजुअल,HUF , AOP, boi (जिनके खाते की ऑडिटिंग नहीं होनी है) की अंतिम तारीख 31 जुलाई थी जो कि अब बीत चुकी है। जिन एकाउंट का ऑडिट होना है, उसकी डेडलाइन 31 अक्टूबर 2021 है। बिजनेस वाले लोग जिनकी टीपी रिपोर्ट आवश्यकत है, वे सभी 30 नवंबर तक ITR भर सकते हैं। किंतु, जिन लोगों की 31 जुलाई की तारीख बीत चुकी और वे किसी वजह अपना रिटर्न नहीं भर पाए, उनके लिए क्या प्रावधान है?
ऐसी सभी लोग 31 दिसंबर 2022 तक अपना रिटर्न फाइल कर पाएंगे लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई है। ऐसे रिटर्न को लेट रिटर्न, बिलेटेड रिटर्न या रिवाइज्ड रिटर्न कहा जाता है। इस फैसिलिटी के अनुसार आप रिटर्न तो भर लेंगे लेकिन आपको इसके कुछ नुकसान भी होंगे जैसे कि जुर्माना, ब्याज और सेटऑफ के लाभ वंचित होना आदि शामिल है।
ड्यू डेट यानी के बाद आईटीआर भरने पर आपकी टैक्स देनदारी पर 1 परसेंट के हिसाब से जोड़कर ब्याज लिया जाएगा। इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट की धारा 234ए में प्रावधान किया गया है। हर महीने की दर से जोड़ कर 1 परसेंट ब्याज लिया जाता है। जो अनपेड टैक्स (बिना चुकाया गया टैक्स) है, उस पर 1 भी परसेंट ब्याज लगाया जाएगा।
ITR Filing Last Date, सेक्शन 234एफ के तहत आपको लेट फी चुकानी होगी। यह फीस तब चुकानी पड़ती है जब आप ड्यू डेट के बाद अपना आईटीआई रिटर्न भरते हैं। पोस्ट ऑफ सेक्शन 234एफ के तहत आपको 5,000 रुपए शुल्क देना पड़ सकता है यदि आपकी इनकम साल में 5 लाख से कम है तो लेट फी का अमाउंट 1,000 रुपये रहेगा।
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यहां सबसे बड़ा नुकसान तो घाटे को सेटऑफ (setoff) नहीं करना है। जब भी आप तयशुदा तारीख के पहले अपना आइटीआर फाइलिंग कर देते हैं तो आपको म्युचुअल फंड, स्टॉक मार्केट, प्रॉपर्टी या फिर बिजनेस के घाटे को अगले साल की इनकम के साथ दिखाने और उसे सेट ऑफ करने का अवसर भी मिलता है। लेकिन अगर आप ड्यू डेट के बाद रिटर्न भरते हैं तो इस फैसिलिटी का लाभ आप बिल्कुल भी नहीं ले सकते हैं। अपने घाटे को आइटीआर में ही वे लोग दिखा सकते हैं जो डेडलाइन से पहले रिटर्न भरते हैं।
ITR Filing Last Date, इसलिए, आप रिवाइज्ड, बिलेटेड, या लेट रिटर्न तो जरूर भर सकते हैं, लेकिन अगर ऊपर बताए गए नुकसान को भी ध्यान में रखें और उसे झेलने के लिए भी तैयार रहें। समय से रिटर्न नहीं भरने पर आप पर मुकदमा या फिर जेल की सजा भी हो सकती है। किंतु, याद रहे यह तब ही होता है जब टैक्स की देनदारी 10,000 रुपये से अधिक हो।