IAS VS IPS: इंडिया में यूपीएससी का एग्जाम सबसे कठिन एग्जाम में से एक माना जाता है । आखिर हो भी क्यों न, इसी एग्जाम से देश को वह पॉवरफुल लोग मिलते हैं जो देश को चलाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं । जहां देश के इस सबसे बड़े एग्जाम से निकले आईएएस अफसर के हाथ मे लोक प्रशासन और ब्यूरोक्रेसी होती है वहीं आईपीएस पुलिस का नेतृत्व कर देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को संभालते हैं ।
ऐसे में एक प्रश्न उठता है कि IAS VS IPS में से सबसे पावरफुल जॉब कौन सी है । तो इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर सबसे पॉवरफुल कौन होता है साथ मे ये भी कि आईएएस और आईपीएस में से ज्यादा सैलरी किसे मिलती है ।
इस पोस्ट में
संघ लोक सेवा आयोग यानि यूपीएससी में चयन के लिए 3 चरणों से होकर गुजरना पड़ता है- 1-प्रारंभिक परीक्षा(प्री), 2- मुख्य परीक्षा( मेंस) और 3- साक्षात्कार( इंटरव्यू) । इन तीन राउंड के बाद ही यूपीएससी द्वारा योग्य अभ्यर्थी को चुना जाता है । बता दें कि यूपीएससी की इस परीक्षा से 3 पदों के लिए अभ्यर्थी चुने जाते हैं -1 – आईएएस यानी इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस( भारतीय प्रशासनिक सेवा) , 2- आईपीएस यानी इंडियन पुलिस सर्विस( भारतीय पुलिस सेवा) और 3- आईएफएस यानी इंडियन फॉरेन सर्विस( भारतीय विदेश सेवा)।
जहां आईएएस लोक प्रशासन की भूमिका संभालते है वहीं आईपीएस आंतरिक सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस का नेतृत्व करते हैं । एक आईपीएस अधिकारी ट्रेनी आईपीएस से लेकर डीजीपी, इंटेलीजेंस ब्यूरो और सीबीआई चीफ तक बन सकता है । वहीं एक आईएएस जिले की ब्यूरोक्रेसी का हेड होता है । जिलाधिकारी के अलावा एक आईएएस विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों को भी संभालता है, वहीं एक आईएएस अफसर भारत में नौकरशाही के सबसे बड़े पद कैबिनेट सचिव तक भी जा सकता है ।
यूपीएससी द्वारा चयनित आईएएस अधिकारी ब्यूरोक्रेसी में विभिन्न पदों पर आसीन होते हैं । जिले के मुखिया(डीएम) के रूप में इनपर पूरे जिले का भार होता है आईएएस अफसर एक तरह से सरकार की नीतियों को कार्यान्वित करने के लिए काम करते हैं । जो नीतियां सरकार बनाती है उसे आईएएस जिले में लागू करवाते हैं । वहीं आईपीएस जिले की प्रशासनिक व्यवस्था संभालते हुए अपराध की रोकथाम और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए कार्य करते हैं ।
देखा जाए तो IAS VS IPS की ट्रेनिंग अलग अलग रूप में होती है लेकिन इनमें से ज्यादा कठिन ट्रेनिंग आईपीएस की होती है । एक ट्रेनी आईपीएस अधिकारी को हथियार चलाने से लेकर घुड़सवारी, परेड के माध्यम से खुद को फिजिकली फिट रखना आवश्यक होता है । वहीं आईएएस अफसर को ट्रेनिंग के रूप में लोक प्रशासन चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है ।
बता दें कि आईएएस और आईपीएस दोनो की शुरू की 3 महीने की ट्रेनिंग लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी, मसूरी में होती है । इसे प्रशिक्षुओं का फाउंडेशन कोर्स कहा जाता है । इसके बाद आईपीएस अफसरों को अलग ट्रेनिंग हेतु सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद भेज दिया जाता है जहां उन्हें पुलिस एवं कानून व्यवस्था सम्भालने की ट्रेनिंग दी जाती है । आईएएस ट्रेनिंग में टॉप करने वाले को मेडल जबकि आईपीएस ट्रेनिंग में टॉप करने वाले को सोर्ड ऑफ ऑनर ( Sword of owner) से सम्मानित किया जाता है ।
जहां एक आईएएस ऑफिसर को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग , कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय नियंत्रित करता है वहीं आईपीएस अफसर गृह मंत्रालय के अधीन होते हैं । बता दें कि एक आईएएस अफसर को जिले के जिलाधिकारी के अलावा विभिन्न मंत्रालयों में नियुक्ति दी जा सकती है वहीं एक आईपीएस अफसर पुलिस विभाग में काम करता है ।
देखा जाए तो दोनो ही अधिकारियों का कार्यक्षेत्र अलग होता है लेकिन इनमें से आईएएस अफसर आईपीएस से बड़ी पोजिशन में होता है । बता दें कि किसी भी जिले में एक ही आईएएस अफसर( डीएम के रूप में) होता है तो वहीं एक जिले में कई आईपीएस अफसर हो सकते हैं । जिले में आईपीएस अफसर बतौर एस पी काम करते हैं । जहां आईपीएस अफसर के पास जिले में सिर्फ पुलिस विभाग में उसके नीचे रैंक वाले पुलिसकर्मियों का ही नियंत्रण होता है वहीं एक आईएएस अफसर के पास जिले के डीएम के रूप में अन्य विभागों के अलावा पुलिस विभाग का भी मुखिया होता है ।
इन्ही कारणों से आईएएस अफसर को आईपीएस से अधिक शक्तिशाली माना जाता है । इसका एक कारण ये भी है कि राज्य की पुलिस का सबसे बड़ा अधिकारी डीजीपी( डाइरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) को राज्य के गृह सचिव को रिपोर्ट करना होता है वहीं ये गृह सचिव एक आईएएस अफसर होता है । हालांकि गृह सचिव डीजीपी का बॉस नहीं होता लेकिन दोनों को मिलकर काम करना होता है । ऐसे में आईपीएस आईएएस को रिपोर्ट करते हैं । इसके अलावा BSF, CRPF, सीबीआई आदि केंद्रीय बलों के प्रमुख भी आईएएस सचिव को रिपोर्ट करते हैं ।
आईएएस और आईपीएस अफसरों की सैलरी की बात करें तो आईएएस अफसरों को आईपीएस से कुछ अधिक सैलरी मिलती है । 7 th पे कमीशन के बाद आईएएस की सैलरी 56100 से शुरू होकर 2.5 लाख प्रतिमाह तक मिलती है । जबकि अगर आईपीएस अफसरों की बात करें तो उनको सैलरी 56100 से शुरू होकर 2 लाख 25 हजार प्रतिमाह तक मिल सकती है ।