यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स )में अभी तक 1800से ज्यादा लोग टीके के प्रशिक्षण में स्वैच्छिक भागीदारी के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। यहां पहले चरण में 100 लोगों पर टीके का प्रशिक्षण किया जाना है।
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि पंजीकृत लोगों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है।गुरुवार या शुक्रवार से टीके लगाने का काम शुरू किया जाएगा। अगर सब ठीक रहता है तो साल के अंत तक टीका उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर )के साथ मिलकर भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने वायरस को निष्क्रिय कर टीका तैयार किया है। जानवरों पर टीके का प्रशिक्षण सफल रहा था। मानव प्रशिक्षण के तहत कुल 1125 लोगों पर इसे आजमाया जाएगा। पहले चरण में देश के 12 संस्थानों में 18 से 55 साल की उम्र के 375 लोगों को टीका लगाया जाना है। इसके तहत एम्स में 100 लोगों का प्रशिक्षण होगा। पहले चरण में टीका सुरक्षित पाए जाने पर दूसरे चरण में 12 से 65 वर्ष की आयु के 750 लोगों पर प्रशिक्षण होगा।
इन बीमारियों की होगी जांच
ऐम्स के प्रशिक्षण के मुख्य शोधकर्ता कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ संजय राय ने कहा है कि ब्लड प्रेशर, डायबिटीज ,लीवर फंक्शन, किडनी फंक्शन, हेपेटाइटिस वह कोरोनावायरस के संक्रमण की जांच कराई जाएगी स्वस्थ व्यक्ति पर ही टीके का प्रशिक्षण किया जाएगा।
छह माह तक रखी जाएगी स्वास्थ्य पर नजर
ट्रायल में अलग-अलग डोज के तीन तरह के टीके का इस्तेमाल होगा ।ताकि यह देखा जा सके कि कितने डोज का टीका लगाना फायदेमंद होगा । इसीलिए 3 माइक्रोग्राम वह 6 माइक्रोग्राम के टीके लगाए जाएंगे ।पहला टीका लगाने के बाद 14 दिन के अंतराल पर दूसरा टीका लगाया जाएगा।