Cage Aquaculture : सरकार ने प्रधानमंत्री संपदा योजना (PMMSY) के तहत केज एक्वाकल्चर को बढ़ावा देने के लिए निवेशों के लक्ष्यों को निर्धारित किया है। और सरकार की तरफ से भी मछली पालन पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
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Cage Aquaculture : एक जलीय कृषि उत्पादन प्रणाली है। जहां पर मछलियों को कैद या पिंजरे में रखा जाता है इस एक्वाकल्चर प्रणाली का निर्माण फ्लोटिंग फ्रेम जाल मूरिंग सिस्टम, बोया या लंगर आदि शामिल होते हैं। इस प्रणाली में बड़ी संख्या में मछलियों को पालने तथा पकड़ने के लिए चौकोर आकार का तैरता हुआ जाल तैयार किया जाता है, जिसको झीलों तालाबों, नदी, जलाशयों और समुद्र में डाला जाता है। इस जाल को इस प्रकार सेट किया जाता है ताकि मछलियों को पर्याप्त ऑक्सीजन तथा अन्य प्राकृतिक अनुकूल स्थिति मिल जाए। जल संसाधनों का पूरा उपयोग करना है इसका मुख्य उद्देश्य है।
इन केज ( पिंजरो का पहली बार 19वीं शताब्दी के अंत में दक्षिणी पूर्वी एशिया में मछली के उत्पादन के लिए उपयोग किया गया था। भारत में सी केज फार्मिंग, केंद्रीय समुद्री मत्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (CMFRI) द्वारा कृषि मंत्रालय और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (NFDB) के समर्थन से इसकी शुरुआत की गई थी। सन 2005 में आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में इसकी शुरुआत की गई थी। भारत देश में अभी की वर्तमान स्थिति में इस प्रकार के लगभग 3200 मरीन केज हैं । जलाशयों में केज कल्चर को एक व्यावसायिक गतिविधि के रूप में बढ़ावा मिल रहा है।
इसके अंतर्गत तेज गति से बढ़ने वाले आर्थिक रूप से जो महत्वपूर्ण विदेशी मछलियों की प्रजातियां हैं जैसे पैगासियस,पैगासिआनडान, और जी. आई. एफ. तिलापिया नामक प्रजातियों की खेती की जा रही है।
केज एक्वाकल्चर के लाभों में इसकी स्थापना आसान होती है और प्रबंधन अत्यंत लचीला होता है। इसके अंदर काम में वस्तुओं की कम आवश्यकता होती है तथा इसमें कम जनशक्ति की जरूरत और मछलियों को आबादी का ज्यादा और बेहतर रूप से नियंत्रण किया जाता है तथा इस समय जलाशयों, झीलों, तालाबों, पट्टीदार गड्ढों और नदियों सहित कई प्रकार के जल संसाधनों को उपयोग में लाया जाता है जो महिलाएं तथा युवा लोग बेरोजगार हैं उन्हें रोजगार के अवसर का प्राप्त होना है कि एक्वाकल्चर के तहत मछलियों की गैर मौसमी आपूर्ति बनाए रखने में मदद मिलने की साथ ही साथ है ।
इन पर शिकारियों द्वारा हमला किए जाने की संभावना भी कम रहती है । जब कभी बरसात में झील, तालाब हो या गड्ढों का पानी अधिक हो जाता है तो मछलियों का निकल जाने की संभावना होती है और यदि मछलियां जाल में होती हैं तो वह कहीं और नहीं जाती हैं।
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Cage Aquaculture से कुछ हानियां भी हो सकते हैं जैसे जमा की गई मछलियां आसानी पूर्वक पानी की जो गुणवत्ता की समस्याओं से प्रभावित होती हैं। जब जल में ऑक्सीजन का कम स्तर होता है। अगर मछलियां ज्यादा संख्या में है तो उन्हें तनाव को बढ़ावा मिलता है तथा मछलियों में अधिक आबादी के कारण लोगों को तेजी से फैलने में मदद भी मिलती है। मछलियों को उनकी पसंद का प्राकृतिक भोजन नहीं मिल पाता जबकि बाहरी मछलियों को जो कि मुक्त होते हैं, वह अपना भोजन आसानी से प्राप्त कर लेते हैं।
मछलियां पूर्णता मछली पालने वाले के ऊपर निर्भर रहती हैं और जब मछली पालने वाला उसे भोजन देगा तब वह खाएंगी और केज मुक्त मछलियां पूरे नदी तालाबों में घूम कर अपना भोजन अच्छे से करती हैं।