“Bihar में शिंदे सेना खड़ी करने के BJP के मंसूबे नाकाम, नीतीश कुमार ने खड़ा किया तूफान, अब चक्रवात बन बीजेपी को देगा चुनौती”- शिवसेना

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Bihar: पिछले कुछ दिनों में बिहार की राजनीति में जो कुछ भी हुआ वो हिना दिनों देश की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। महाराष्ट्र में हुए तख्ता पलट के बाद गुस्साई हुई शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुखपत्र “सामना” में बिहार की राजनीति को लेकर केंद्र सरकार और BJP पर तंज कसा है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा हे कि,

“भाजपा महाराष्ट्र की तरह ही Bihar में भी आरसीपी सिंह के रूप में एक और शिंदे खड़ा करना चाहती थी,लेकिन नितिश कुमार ने बीजेपी को धोबी पछाड़ देने वाली पलटी मार कर करारा जवाब दे दिया है।” सामना में यह कहा गया है कि बिहार का ताजा राजनीतिक घटनाक्रम 2024 के लोकसभा चुनावों परिणाम को बदल सकता है।

शिवसेना ने आंखें आगे भी लिखा कि, का रुका हुआ पालना भी डगमगाने लगा था, इसी दौरान बिहार में उनकी (BJP) की सत्ता के पालने की डोर धडाम से टूट गई है।

‘नीतीश कुमार ने दिया मुंहतोड़ जवाब ‘

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गुरुवार को शिवसेना (Shiv Sena) ने दावा किया कि Bihar के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने BJP से नाता तोड़कर तूफान खड़ा कर दिया है और अगर अब यह तूफान चक्रवात बनता है तो 2024 के लोकसभा चुनाव भगवा पार्टी के लिए चुनौती बन सकते है।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा गया है कि भाजपा ने उनकी ही पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) को तोड़ने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने भाजपा के साथ संबंध तोड़कर सही वक्त पर पलटवार किया है।

एकनाथ शिंदे पर भी साधा निशाना

मराठी दैनिक ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधते हुए लिखा,
“जिन्होंने जून में शिवसेना के साथ बगावत की और कहा था कि उन्होंने दिल्ली के सामने ‘घुटने झुकाएं’ उन्हें (शिंदे) अब यह समझ लेना चाहिए कि नीतीश कुमार ने साबित कर दिखाया कि वह बीजेपी के बिना भी जीवित रह सकते हैं।

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बिहारी… लड़ेंगे लेकिन घुटने नहीं टेकेंगे

शिवसेना ने आगे यह भी लिखा है कि बीजेपी पर पलटवार कर Bihar के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साबित कर दिया कि वह ईडी से डरने वाले नहीं हैं और दिल्ली के बगैर भी वह सब कुछ करने के लिए सक्षम हैं। जेडीयू और तेजस्वी यादव के कुछ विधायकों पर ईडी का शिकंजा भी कसा लेकिन फिर भी कोई BJP के फंदे में फंसे ही नहीं। नीतीश और तेजस्वी आईटी और ईडी से बिल्कुल भी नहीं डरे और यह साबित है की बिहारी अस्मिता की रक्षा के लिए लड़ेंगे लेकिन समर्पण नहीं करेंगे।

तेजस्वी यादव को लेकर कही ये बात

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संपादकीय में तेजस्वी यादव की भी प्रशंसा की गई है, जिन्होंने 2020 में राजद के विधानसभा चुनाव अभियान का नेतृत्व किया। शिवसेना ने उन्हें बिहार का ‘युवा और लोकप्रिय’ नेता कहा है। तेजस्वी यादव ने ही तत्कालीन भाजपा-जद (यू) गठबंधन को चुनौती दी थी। राजद और जद (यू) ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के विरुद्ध चुनाव लड़ा था।

पिछले चार दशकों में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के संबंधों में कई उतार-चढ़ाव देखे गए हैं। इसी बीच मंगलवार को नीतीश कुमार ने राजद से हाथ मिलाने के लिए भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़ दिया। BJP ने जदयू को अस्थिर करने की कोशिश की थी।

बिहार राज्य लोकसभा में 40 सांसद भेजता है, जो उत्तर प्रदेश (80), महाराष्ट्र (48) और पश्चिम बंगाल (42) के बाद चौथे स्थान पर है।

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