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Beggar Bank: भिखारियों ने खोला खुद का Bank, जमा रकम पर ब्याज के साथ ही जरूरतमंदों को मिलता है लोन

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Beggar Bank: Bihar के Muzaffarpur में भिखारियों ने खुद का अनोखा ‘बैंक’ खोल रखा है। भिखारी भीख में मिले पैसे को यहां जमा करते हैं। उन्हें इस रकम पर ब्याज भी दिया जाता है। हालांकि जरूरत पड़ने पर भिखारियों को कर्ज भी दिया जाता है। इस ग्रुप के सदस्य भिखारियों के अलावा भी आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोग भी हैं। इनमें रिक्शा और ठेला चलाने वाले भी शामिल है।

Beggar Bank

हर रविवार को होती है मीटिंग Beggar Bank में

दरअसल इस ‘बैंक’ के संचालन की प्रक्रिया कुछ ऐसी है। जिसमें 175 ने विभिन्न पांच सेल्फ हेल्प ग्रुप बना रखा है। इस सेल्फ हेल्प ग्रुप की हर रविवार को अलग निश्चित जगहों पर बैठक भी होती है और मीटिंग में भविष्य की योजनाओं को लेकर प्लानिंग भी की जाती है।

स्थानीय महिला ललिता देवी ने बताया

स्थानीय महिला ललिता देवी ने यह बताया कि रुपए कम होने की वजह से वह बेटी की शादी नहीं कर पा रही थी। ऐन मौके पर ही भिखारियों के बैंक से 20,000 रुपए का लोन मिल गया। जिससे उनकी यह परेशानी खत्म हो गई। हालांकि आपस में समूह के लोग जरूरत पड़ने पर कर्ज भी देते हैं। यहां से मिले लोन से कुछ महीने पहले ही शेखपुर ढाब के दिनेश साहनी, सिकंदरपुर के मोहन राय और अखाड़ा घाट की ललिता देवी ने अपने बच्चों की शादियां की। दो अन्य परिवारों ने भी अपने बीमार बेटे का इलाज करवाया।

Beggar Bank, Beggar Bank

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तुलसी समूह की सचिव विभा देवी ने कहा…

Beggar Bank, तुलसी समूह की सचिव विभा देवी ने बताया कि 10 लोगों का हमारा ग्रुप है। 1 साल से ज्यादा से समूह का संचालन किया जा रहा है। समूह के पास लगभग ₹20000 हैं। जरूरत पड़ने पर एक रुपए सैकड़ों के हिसाब से ब्याज लिया जाता है। बता दें कि ग्रुप के मोहन कुमार की बेटी की शादी के लिए 5,000 दिया गया था, जो कि ठेला चलाते हैं। समूह की ही मेंबर जमुनी देवी ने यह कहा कि वो चौका बर्तन करती हैं एवं 20 रुपए हर सप्ताह समूह में जमा करती हैं। वह जरूरत पड़ने पर कर्ज भी लेती हैं।

मदद मिलने वाली है सरकार की तरफ से

क्षेत्र समन्वयक निपेंद्र कुमार ने यह बताया कि इस बैंक की जानकारी होने पर अब सरकार की ओर से भी मदद मिलने वाली है। विशेष ॠण एवं सरकारी बैंकों में ग्रुप का खाता खोलने की प्रक्रिया के लिए पहल की गई है। बता दें कि मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति योजना के अंतर्गत मानसिक रूप से स्वास्थ्य भिखमंगों को आर्थिक ॠण दिया जाता है। जिससे वह भीख ना मांग कर स्वरोजगार सब्जी का ठेला, रिक्शा जैसे अन्य छोटे रोजगार कर सकें।

Muzaffarpur में संचालित बैंक (Self Help Group)

• प्रेमशीला समूह, मोतीपुर कुष्ठ ग्राम-सदस्यों की संख्या 15, बचत राशि- 9600 रुपए
• तुलसी समूह, सिकंदरपुर- सदस्यों की संख्या 14, बचत राशि- 8960 रुपए
• लक्ष्मी समूह, अखाड़ाघाट-सदस्यों की संख्या 13, बचत राशि- 25350 रुपए
• गायत्री समूह, शेखपुर ढाब- सदस्यों की संख्या 15, बचत राशि- 6600 रुपए
• मां दुर्गा समूह, शेखपुर ढाब- सदस्यों की संख्या 15, बचत राशि- 6600 रुपए

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