Bank Virus: इन दिनों एक नया वायरस एक्टिव है । यह खतरनाक वायरस चुपके से एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूज़र्स का डेटा चुरा रहा है । हाल ही में Drinik एंड्रॉयड ट्रोजन का एक नया वर्जन पहचान में आया है जो बिना यूज़र्स की जानकारी के उनकी पर्सनल डिटेल्स, बैंकिंग इन्फॉर्मेशन चुरा रहा है । यह वायरस इतना खतरनाक है कि आपकी बिना जानकारी के यह आपके फोन में स्क्रीन रिकार्डिंग कर रहा है इसके अलावा यह की-प्रेस को भी चुरा रहा है यानी पासवर्ड सहित जो भी आप स्क्रीन पर टाइप करते हैं वह सारी जानकारी इस वायरस के माध्यम से हैकर्स तक पहुंच रही है ।
हाल ही में यह खुलासा हुआ है कि यह वायरस एसबीआई सहित करीब 18 भारतीय बैंकों के यूज़र्स को निशाना बना रहा है ।
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Drinik android Trojan भारत में 2016 से ही एक्टिव है और सर्कुलेट हो रहा है। पहले इसका इस्तेमाल लोगों के एसएमएस चुराने के लिए किया जाता था पर अब इस वायरस का उपयोग बैंकिंग डिटेल्स चुराने में किया जाने लगा है । बता दें कि सितंबर 2021 से इसका अपडेटेड वर्जन आ जाने से यह वायरस और ज्यादा खतरनाक हो गया है । अब इसमें बैंकिंग ट्रोजन भी जोड़ दिया गया है ।
बैंकिंग ट्रोजन जुड़ने के बाद यह वायरस भारत के 27 बैंकों के यूज़र्स को टारगेट कर रहा है । रिपोर्ट्स के अनुसार इस वायरस को बनाने वालों ने इसे फुल एंड्राइड बैंकिंग ट्रोजन में अपग्रेड कर दिया है जिससे यह तमाम बैंकों के यूज़र्स का डेटा चोरी करने में कैपेबल हो गया है ।
रिपोर्ट्स के अनुसार यह अपडेटेड बैंकिंग ट्रोजन पहले यूज़र्स को एक फिशिंग पेज पर ले जाता है इसके बाद यह यूज़र्स की तमाम डिटेल्स चोरी कर लेता है । बता दें कि इस एप्प को तमाम यूज़र्स इनकम टैक्स विभाग का टैक्स मैनेजमेंट टूल समझकर डाऊनलोड कर रहे हैं । जैसे ही यह ट्रोजन फोन में इंस्टाल होता है वैसे ही यूज़र्स से एसएमएस पढ़ने, भेजने और रिसीव करने की परमिशन मांगता है । इसके अलावा यह काल लॉग सहित एक्सटर्नल स्टोरेज की भी अनुमति मांगता है।
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जैसे ही इसे यूजर परमिशन दे देता है वैसे ही यह फोन में अपना काम करना शुरू कर देता है । यह ट्रोजन यूज़र्स से इसके बाद एक्सेसिबिलिटी यूज करने की परमिशन मांगता है । परमिशन मिलने के बाद यह गूगल प्ले प्रोटेक्ट को डिसेबल कर देता है ।
Bank Virus, एक बार एंड्राइड फोन में इंस्टॉल होने के बाद और सारी परमिशन मिल जाने के बाद यह ट्रोजन डेटा चोरी करने लगता है और यूज़र्स की स्क्रीन रिकार्डिंग, गेस्चर नेविगेशन, की-प्रेस की भी निगरानी करने लगता है । बता दें कि इसमें फिशिंग पेज के बजाय वास्तविक इनकम टैक्स विभाग का पेज ओपन होता है जिससे यूज़र्स को किसी तरह का शक नहीं होता इसके बाद वेब व्यू की मदद से ये वायरस इनकम टैक्स वेबसाइट को ओपन करता है । जैसे ही यूजर इसमें अपनी पर्सनल डिटेल्स डालकर लाग इन करता है यह एप्प स्क्रीन रिकार्डिंग की मदद से यूजर की बैंकिंग इन्फॉर्मेशन चुरा लेता है ।
इस बैंकिंग ट्रोजन के निशाने पर भारत के छोटे-बड़े बैंकों के कस्टमर हैं । रिपोर्ट्स के मुताबिक एसबीआई के अलावा करीब 18 बैंकों के कस्टमर इस बैंकिंग ट्रोजन के टारगेट पर हैं ।