AR Rahman Birthday: बॉलिवुड इंडस्ट्री के सबसे पॉप्युलर संगीतकार AR Rahman Birthday के गानों की सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में धूम मची रहती हैं। AR Rahman Birthday एक ऐसी हस्ती है जिन्होंने विदेशी गायक ऐकोन संग में अपना म्यूजिक एल्बम बनाया था। इसके अलावा भी उन्होंने की बड़े बड़े हाॅलीवुड के म्यूजिक कंपोजर के साथ भी काम किया है। एआर रहमान को संगीत तो विरासत में ही मिला था मगर सफलता का यह मुकाम उन्होंने उन्होंने अपने दम पर हासिल किया है। रहमान हमारे देश के ऐसे संगीत कलाकार है जिन्होंने भारतीय सिनेमा के संगीत को एक अलग आयाम तक पहुंचा दिया है। विदेश में भी भारत के नाम का डंका बजाने वाले एआर रहमान ने देश को ऑस्कर और ग्रैमी अवॉर्ड का सम्मान भी दिलवाया है। हर एक सेलेब्रिटी पर्सन की तरह ही रहमान भी अपनी प्रोफेशनल के साथ अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी सुर्खियों में रहते हैं। लेकिन क्या आपको यह मालूम हैं कि AR Rahman Birthday बॉलिवुड इंडस्ट्री के सबसे पॉप्युलर संगीतकार AR Rahman Birthday के गानों की सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में धूम मची रहती हैं। AR Rahman Birthday एक ऐसी हस्ती है जिन्होंने विदेशी गायक ऐकोन संग में अपना म्यूजिक एल्बम बनाया था। इसके अलावा भी उन्होंने की बड़े बड़े हाॅलीवुड के म्यूजिक कंपोजर के साथ भी काम किया है। यानी अल्लाह रक्खा रहमान का असली नाम दिलीप कुमार (Dilip Kumar) था।
6 जनवरी 1967 को मद्रास, तामिलनाडु में जन्में एआर रहमान के पिता आरके शेखर फिल्म स्कोर कंपोजर थे। AR Rahman Birthday को संगीत की कला चूंटी में ही दी गई थी क्योंकि उन्होंने सिर्फ चार साल की उम्र में ही पियानो सीखना शुरू कर दिया। रहमान स्टूडियो में कीबोर्ड बजाते हुए अपने पिता की सहायता करते थे।
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एआर रहमान महज 9 साल के थे जब उनके पिता भी इस दुनिया से चल बसे थे। पिता के जाने के बाद जिंदगी की डगर जैसे तैसे चल रही थी। पिता के म्यूजिकल इक्विपमेंट को रेंट पर कर देकर रहमान की फैमिली अपना परिवार चला रही थी। कुछ दिनों तक तो ऐसे चलता रहा लेकिन एक समय ऐसा भी आया कि उस समय स्कूल में पढ़ रहे रहमान को अपने परिवार की मदद करने के लिए काम पर लगना पड़ा, रहमान काम और पढ़ाई को बेलेंस करने में सक्षम नहीं थे और उन्की स्कूल में गेरहाजीरी बढ़ने लगी और वह एग्जाम में भी फेल होने लगे। एक दिन स्कूल प्रिंसिपल ने उनको और उनकी मां को बुलाकर कहा कि स्कूल छोड़ दो और सड़क पर जाकर भीख मांगों । एआर रहमान ने साल 2012 में दिए एक इंटरव्यू में खुद ही इस बात का खुलासा किया था।
उस स्कूल को छोड़ने के बाद एआर रहमान ने दूसरे स्कूल में पढ़ाई की थी और वहां उन्होंने अपने हाई स्कूल के क्लासमेट्स के साथ मिलकर एक बैंड बनाया। कुछ समय बाद उन्होंने पढ़ाई भी छोड़ दी और फुल टाइम म्यूजिशियन बनने में महेनत करने लगे। उन्होंने इसी प्रोफ़ेशन को अपना करियर बनाने का फैसला किया। ऐआर रहमान बहुत ही शानदार कीबोर्ड प्येलर थे। रहमान ने अपने दोस्तों के साथ एक बैंड बनाया। वैसे रहमान में इसके अलावा एक खास बात और भी थी कि वो कई सारे म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स बजाने में भी माहिर थे। अपने काम में आगे बढ़ते बढ़ते उन्होंने बहुत ही जल्द दूसरे कंपोजर के साथ भी काम करना शुरू कर दिया। रहमान पर ईश्वर का रहेम होता चला और मेहनत के दम पर वे आगे बढ़ते चले गए। सफलता के इस मकाम तक पहुंचने के लिए रहमान ने कड़े संघर्षों का सामना किया तब जाकर उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ।
वैसे तो रहमान के धर्म परिवर्तन से कई किस्से जुड़े हैं, लेकिन एक किस्सा सबसे चर्चित है वह यह है कि 1984 में उनकी बहन की तबीयत बहुत ही खराब हो गई थी। उस वक्त उनकी मुलाकात कादरी से हुई उन्होंने रहमान को अपना नाम बदलने की सलाह दी थी। उस बाद 23 साल की उम्र में उन्होंने अपनी फैमिली के साथ इस्लाम धर्म कबूल कर लिया और अपना नाम दिलीप कुमार से बदलकर अल्लाह रक्खा रहमान रख लिया।
म्यूजिक डायरेक्टर एआर रहमान एक ऐसी प्रतिभा हैं, जिन्होंने अपनी लाइफ में काफी स्ट्रगल किया है। सफलता की सीढ़ी चढ़ना उनके लिए बिल्कुल ही आसान बिल्कुल नहीं रहा। म्यूजिक वर्ल्ड में ऑस्कर विजेता एआर रहमान उन गिने-चुने लोगों में से एक हैं, जिन्होंने हमारे देश को ग्लोबल लेवल पर रखा है।
एआर रहमान के धर्म परिवर्तन का एक और किस्सा भी मौजूद है। यह बात उस वक्त की है जब उनका पहला बड़ा प्रोजेक्ट ‘रोजा’ के रिलीज से पहले ही वह इस्लाम की ओर मुड़े थे। एआर रहमान के दोस्त त्रिलोक नायक ने कृष्णा त्रिलोक की ऑटोबायोग्राफी ‘नोट्स ऑफ अ ड्रीम’ में बताया है कि रहमान की मां करीमा बेगम ने फिल्म क्रेडिट में एआर रहमान का नाम बदलने की गुजारिश की थी, वह भी कुछ आखिरी ही मिनट में। उन्होंने कहा, “यह मेरी एक बड़ी रिक्वेस्ट है। रहमान कहते हैं कि उनकी मां उनके लिए काफी विशेष है और यह बात उनके लिए काफी, काफी मायने रखती थी। इस तरह से फिल्म में भी उनका नया नाम ही क्रेडिट में गया।
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‘मोजार्ट ऑफ मद्रास’ के तौर पर जाने जाने वाले संगीतकार एआर रहमान की लव स्टोरी भी बहुत ही दिलचस्प है। उनकी शादी की कहानी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। या फिर ये कहें कि उनकी कहानी उन्हीं की संगीतबद्ध फिल्म ‘रोजा’ से काफी कुछ मिलती-जुलती है, तो भी कुछ गलत न होगा।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ को दिए एक इंटरव्यू में AR Rahman Birthday ने बताया था कि, AR Rahman Birthday अपनी की अरेंज्ड मैरिज कम लव मैरिज है। रहमान अपनी पत्नी की छोटी बहन को देखने गए थे मगर उन्हें वहां बड़ी बहन पसंद आ गई। रहमान को सायरा बानो पहली ही नजर में पसंद आ गई थीं। किंतु, शादी से पहले रहमान ने सायरा के सामने एक शर्त रखी थी। रहमान ने सायरा से कहा कि अगर वह कभी भी उनके साथ डिनर पर गए और वहीं उन्हें कोई धुन सूझ गई तो वह डिनर को वहीं छोड़ कर उस धुन पर काम करने के लिए खड़े हो जाएंगे। संगीत के लिए अगर वह हर कदम पर उनका साथ देंगी तभी वह निकाह करने के लिए तैयार हैं। वैसे सायरा भी संगीत की कद्र करने वाली एक संगीत प्रेमी थीं, इसलिए रहमान की संवेदनशीलता की कद्र करते हुए उन्होंने ये शर्त मान ली। उस बाद एआर रहमान और सायरा मार्च 1995 में शादी के बंधन में बंधे। शादी के वक्त रहमान 27, जबकि सायरा 21 साल की थीं।