Anand Mahindra बोले- दुनिया में बहुत से बच्चे भी ऐसे होते हैं जो अपने माता-पिता की गलतियों और गलत कदमों को सुधारने में अपनी जिंदगी का बड़ा हिस्सा खत्म कर देते हैं
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इस वीडियो के साथ आनंद महिंद्रा ने लिखा- ये एक बहुत मार्मिक संदेश माना जा सकता है लोगों के लिए जो स्वभाविक तौर पर है पेंसिल और इरेजर (रबड़), इन दोनों का इस्तेमाल हमने कभी ना कभी अपनी लाइफ टाइम में किया जरूर होगा लेकिन आपने कभी यह सोचा है कि अगर ये दोनों कभी आपस में बात किए होंगे तो किस तरीके से बात किए होंगे Ceat Tyre बनाने वाली कंपनी RPG Group के प्रमुख हर्ष गोयनका ने ट्विटर पर इसका एक वीडियो शेयर भी किया है
तो आनंद महिंद्रा ने भी उसे दोबारा शेयर करते हुए एक बढ़िया-सा मेसेज लिख दिया साथ ही कहा कि पेंसिल और इरेजर की ये बातचीत-इंसान के लिए बड़ी सीख भी माना जा सकता है क्योंकि पेंसिल की गलतियों को रबड़ हमेशा मिटाता रहता है
इस वीडियो के साथ आनंद महिंद्रा ने लिखा- ये एक बहुत मार्मिक संदेश के रूप में है जो स्वभाविक तौर पर हम जैसे बूढ़े होते अभिभावकों से जुड़ा हुआ है लेकिन एक बात मै कहना चाहूंगा हर्ष-कई बार दुनिया में बहुत से बच्चे ऐसे होते हैं जो अपने माता-पिता की गलतियों और गलत कदमों को सुधारने में अपनी जिंदगी का बड़ा हिस्सा यूं ही खत्म कर देते हैं जिस तरीके से पेंसिल की गलती को सुधारने में रबड़ अपनी जिंदगी का हिस्सा खत्म कर देता है
वीडियो में पेंसिल और इरेजर की बातचीत को इंसान और उसके माता-पिता के रोल से कंपेयर कर रहे हैं Anand Mahindra पेंसिल और इरेजर की बातचीत अगर कभी होती होगी तो इस तरीके से होती होगी आइए बताते हैं
पेंसिल (इरेजर से)-मुझे माफ कर दो
इरेजर-माफ? माफी क्यों
पेंसिल-मुझे माफ करना, क्योंकि मेरी वजह से तुम्हें दुख का सामना करना पड़ता है जब भी मैं कोई गलती कर देती हूं तो तुम हमेशा उसे मिटा देती हो लेकिन जब तुम मेरी गलती को मिटाती हो तो अपनी जिंदगी का एक हिस्सा खो देती हो तुम और हर बार छोटी भी हो जाया करती हो
इरेजर- यह बात तो बेहद ही सच है लेकिन मुझे दुख नहीं देखो…
मुझे बनाया ही इसलिए जाता है ताकि मैं तुम्हारी गलतियों को सुधार सकूं मुझे, तुम जब भी कोई गलती करो तब तुम्हारी मदद करने के लिए ही बनाया गया है वो भी तब, जब कोई गलती करो तब तुम्हारी मदद करने के लिए ही बनाया गया है वो भी तब, जब मुझे पता है कि एक दिन मैं खत्म हो जाऊंगी फिर भी मुझे तुम्हारी मदद करके अच्छा लगता है मैं मेरे काम से खुश रहा करती हूं तो चिंता मत किया करो, मैं खुश नहीं रह पाती हूं
अगर तुम्हें दुखी देखूं तो इसलिए यह तो मेरा काम है और मुझे अच्छा भी लगता है तुम्हारी गलतियों को मिटाने में चाहे भले से क्या मैं छोटी हो जाती हूं और मेरी जिंदगी का एक हिस्सा कम हो जाता है
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इसी वीडियो में सीख दी गई है- हमारे माता-पिता भी इरेजर की तरह है हमारी जिंदगी में और हम पेंसिल की तरह, माता-पिता हमेशा अपने बच्चों के लिए खड़े रहा करते हैं और उनकी गलतियों को ठीक किया करते हैं. इस दौरान वो कई बार दुखी भी हो जाया करते हैं और समय के साथ छोटे (बुजुर्ग) हो जाते हैं लेकिन फिर भी हमारे लिए यह घर का काम ही करते हैं
और एक दिन चले यहां से चले जाते हैं और उन्हें इस बात का कोई दुख भी नहीं रहता है कि वह हमारी गलतियों को मिटाते मिटाते उनकी जिंदगी छोटी हो जाती है ठीक उसी प्रकार इरेज़र भी पेंसिल की गलतियों को मिटाते मिटाते छोटी हो जाती है लेकिन उसे इस बात का कोई दुख नहीं रहता है
इरेजर और पेंसिल का अपने जिंदगी में हर कोई कभी ना कभी उपयोग तो किया ही होगा लेकिन आनंद महिंद्रा द्वारा एक वीडियो शेयर की गई जो बहुत ही इंटरेस्टिंग वीडियो है उनका यह कहना है कि हमारे माता पिता हमारी जिंदगी में इरेज़र का काम करते हैं और ऐसा करने में वह बूढ़े होते जाते हैं 1 दिन यहां से चले भी जाते हैं लेकिन फिर भी उन्हें इस बात का कोई दुख नहीं होता है