Covid-19 and Air pollution : वायु प्रदूषण, कोरोना से रिकवर हुए लोगों को कैसे प्रभावित कर रहा है?

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Covid-19 and Air pollution

हर साल की तरह इस साल भी त्योहारों का सीजन खत्म हो गया है, और इसके साथ ही हवा की गुणवत्ता व हमारी सेहत भी हर साल की तरह ही इस मौसम में भी खराब होती जा रही है। सिर्फ इतना ही नहीं पंजाब एवं हरियाणा में पराली जलाने का असर दिल्ली व उसके आसपास के इलाकों में देखा जा सकता है। आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली एनसीआर का एक्यूआई (500 से अधिक) गंभीरा स्तर पर पहुंच गया है। इसके कारण से लोगों का सांस लेना भी दुश्वार हो रहा है। दिन-ब-दिन हवा की गुणवत्ता खराब होती जा रही है। चारों तरफ से स्माॅग फैला हुआ है। ऐसे में उन लोगों के लिए चुनौतियां दोगुनी हो गई हैं। जो गंभीर कोविड-19 के बीमारी से रिकवर हुए हैं तथा अभी भी उसके लक्षणों से जूझ रहे है।

वायु प्रदूषण फेफड़े के काम को कैसे करता है बाधित?

जिन लोगों ने कोविड-19 के विनाशकारी प्रभाव से लड़ाई लड़ी है। सिर्फ वही जानते होंगे कि यह रोग फेफड़ों के काम को कैसे बाधित करता है तथा स्वसन क्षमताओं को नष्ट करता है। और तो और सबसे खराब तरीके से पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। माना यह भी जा रहा है कि गंभीर कोविड-19 शरीर पर लंबे समय तक प्रभाव छोड़ता है। जिसे पोस्ट-कोविड सिंड्रोम भी कहा जाता है। ये स्वसन संबंधित समस्याओं, बालों के झड़ने, थकान और बहुत कुछ के रूप में जारी रह सकता है। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आपके फेफड़ों को ठीक होने में महीनों का समय लगता है।

स्वसन स्वास्थ्य को खराब कर सकती हैं बिगड़ती वायु गुणवत्ता

आंख, त्वचा और गले में खुजली व जलन के अलावा, खराब वायु गुणवत्ता हमारे फेफड़ों के काम को मुश्किल बना सकती हैं। चूंकि प्रदूषण पूरे स्वास्थ्य को खराब कर सकता है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान हमारे स्वसन तंत्र को पहुंचता है। इसके अलावा भी वायु प्रदूषण पहले से मौजूद बीमारियों को और भी खराब स्थिति में पहुंचा सकता है। जिसमें अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम भी बढ़ता है तथा यहां तक की जान भी जा सकती हैं।

फेफड़ों की रिकवरी को धीमा कर सकती है खराब वायु गुणवत्ता

डॉक्टरों का मानना है कि कोविड-19 संक्रमण से हुए नुकसान से उभरना संभव है। लेकिन इस समय देश की स्थिति में इस बात की कल्पना करना बहुत ही कठिन है। खराब होती हवा स्वस्थ लोगों को भी बीमार बना दे रही है। ऐसे में तो कोविड से लड़कर ठीक हुए लोगों का क्या हाल होगा? सांस फूलने व अन्य सांस संबंधी जटिलताओं की शिकायत करने वाले लोगों की संख्या हैरान कर देने वाली है। हालांकि दूसरी तरफ कोविड से रिकवर हुए लोग जिनके फेफड़ों अब इस बीमारी से उबर रहे हैं। वो अगर इस बीमारी में पड़े तो उनकी रिकवरी होने में देर हो सकती हैं।

प्रदूषण से हम अपने फेफड़ो को कैसे बचा सकते हैं?

गौरतलब है कि मास्क जरूर पहने! घर से बाहर कम से कम निकले, यहां तक की आप एक्सरसाइज करने से भी बचें। वर्कआउट घर में ही करें, जुकाम व सर्दी के लक्षणों का इलाज घरेलू उपायों के ही मदद से करें। अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें।

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