Super Vasuki Tran: हाल ही में भारतीय रेलवे ने 3.5 किलोमीटर लंबी ट्रेन यानी की मालगाड़ी सुपर वासुकी का परीक्षण किया, जिसमें 295 लोडेड वैगन छत्तीसगढ़ के कोरबा और नागपुर के राजनांदगांव के बीच 27,000 टन से ज्यादा कोयला ले जाया गया, जिससे ये हिंदुस्तान की सबसे लंबी और सबसे भारी ट्रेन बन चुकी है।
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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने ट्विटर हैंडल पर कोठारी रोड स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेन का वीडियो शेयर किया है. जिसकी तुलना में, ऑस्ट्रेलिया के BHP लौह अयस्क की लंबाई 7.352 किमी है, और जो इसे दुनिया की सबसे लंबी मालगाड़ी (कुल मिलाकर सबसे लंबी ट्रेन) बनाती है।
15 अगस्त को दोपहर डेढ़ बजे चलाई गई ट्रेन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा कोरबा से रवाना हुई थी और इसे 267 कि.मी. की दूरी तय करने में 11.20 घंटे का समय लगा। रेलवे द्वारा चलाई जा रही ये अब तक की सबसे भारी और सबसे लंबी मालगाड़ी है। राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के मुताबिक, एक स्टेशन को पार करने में इस ट्रेन को लगभग चार मिनट लगते हैं।
आप को बता दें, सुपर वासुकी भारत की सबसे लंबी (3.5 किमी), लोडेड ट्रेन 6 लोको और 295 वैगनों और 25,962 टन सकल वजन के साथ चलती है
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अधिकारियों ने कहा कि सुपर वासुकी द्वारा ढोए गए कोयले की मात्रा 3000 मेगावाट बिजली संयंत्र को एक पूरे दिन में आग लगाने के लिए पर्याप्त है। ये प्रत्येक रेलवे रेक 100 टन वाली नब्बें कारों की क्षमता का 3 गुना है, जिसमें एक यात्रा में लगभग 9 हजार टन कोयला होता है।
मालगाड़ियों के पांच रेक को एक इकाई के रूप में मिलाकर ट्रेन का गठन किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि रेलवे इस व्यवस्था (लंबी मालगाड़ियों) का अधिक बार उपयोग करने की योजना बना रहा है। खास तौरपर कोयले का परिवहन पीक डिमांड सीजन में इसलिए हो रहा है जिससे बिजली स्टेशनों में हो रही ईंधन की कमी को रोका जा सके। बता दें,कोयले की कमी ने भारत इस साल के शुरूआत में गंभीर बिजली संकट में ला खड़ा किया था।