yogi adityanath : दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट जिसे cyber cell साइबर सेल कहा जाता है। उसने 2016 के एक केस को समझाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। असल में 2016 में जब उत्तर प्रदेश के मौजूदा सीएम yogi adityanath उत्तर प्रदेश से सांसद हुआ करते थे। तभी उनके नाम से एक फर्जी E-mail ID का उपयोग करके Public sectors से Personal फेवर लेने की कोशिश का मामला सामने आया था। इस मामले में भुनेश्वर से फ्रीलांस पत्रकार (Freelance journalist) मनोज कुमार सेठ नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया है।
yogi adityanath 2016 में जब सांसद थे। तभी उनके तत्कालीन पीएस राज भूषण सिंह रावत ने दिल्ली पुलिस की cyber cell को complain दी थी कि किसी ने योगी आदित्यनाथ के नाम से एक फर्जी e-mail Id बनाई है। इस फर्जी e-mail से वह व्यक्ति Private sectors जैसे कि ओएनजीसी, गेल इंडिया को भी mail भेज रहा है।
इस पोस्ट में
आपको बता दें कि आरोपी ने yogi adityanath की फर्जी सिग्नेचर किए हुए लेटर भी mail में अटैच किए हुए थे। यह mail पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, गेल इंडिया, ओएनजीसी को भी भेजे गए थे। इसके बाद से cyber cell ने 2016 में मामले में FIR दर्ज करके जांच शुरू की। जांच में फर्जी email ID yogiadityanath.mp@gmail.com का पता लगा। जांच में mail से किए गए content को भी समझाया गया ताकि mail भेजने वाली की मंशा का पता लगाया जा सके। mail के जरिए अंग्रेजी लोकल न्यूज़ पेपर पर ब्रेकिंग न्यूज़ को एडवर्टाइजमेंट जारी करने के लिए request की गई। ठीक इसी तरह ओएनजीसी, गेल को टॉप न्यूज़ नाम के अखबार में Advertisement जारी करने के लिए कहा गया।
Manoj giri ke dugola और radhe shyam rasia जब आ गए आमने सामने manoj giri vyas and radhey shaym rasia
Bigg Boss 15 Winner जानिए कौन हैं, बिग बॉस सीजन-15 में का विनर…
तफ्तीश में IP address का पता लगाया गया तथा यह भी पता लगा कि इसके पीछे मनोज कुमार सेठ नाम का व्यक्ति है। मनोज कुमार को यह पता लग चुका था कि advertisement लेने का यह तरीका फेल हो गया है। कई बार तो मनोज को पकड़ने के लिए रेड्स की गई, लेकिन वह बार-बार भागने में कामयाब रहा। DCP IFSO केपीएस मल्होत्रा ने एसीपी IFSO यूनिट रमन लांबा, एएसआई वेदपाल सिंह, इंस्पेक्टर सज्जन सिंह, कॉन्स्टेबल अमित की एक टीम का गठन किया गया तथा आरोपी मनोज को गिरफ्तार की तैयारी की। 28 जनवरी 2022 को मनोज को ह्यूमन इंटेलिजेंस और टेक्निकल सर्विलेंस (Human Intelligence and Technical Surveillance) के जरिए भुनेश्वर से गिरफ्तार किया गया।
फर्जी आईडी बनाने वाले ने बताया कि वह एक फ्रीलांस पत्रकार है.
yogi adityanath : पूछताछ में मनोज ने ये खुलासा किया है कि वह एक फ्रीलांस पत्रकार है तथा अपना लोकल अखबार “समान आईना” चलाता है। इसने योगी आदित्यनाथ के नाम से fraud email ID और लेटर हेड पर उनकी फर्जी सिग्नेचर तैयार किए। ताकि वह अपने अखबार के फेवर में प्राइवेट बड़ी कंपनियों से advertisement ले सके। इसके इसके अलावा भी आरोपी मनोज कुमार सेठ को ओडिशा के एक एक्सटाॅर्सन के केस में भी इसको शामिल पाया गया। 2020 में जिसमें इसके ऊपर ओडिशा के चलियागंज थाने में FIR भी दर्ज हुई है। PWD के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने यह केस दर्ज कराया था। फिलहाल अभी आरोपी से पूछताछ लगातार जारी है।