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मौत की सजा से कैसे बच गया Yasin Malik, आपको भी जाननी चाहिये यह बातें..

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Yasin Malik

Yasin Malik का नाम आप सभी ने सुना होगा और आप सभी यासीन मलिक को जानते भी होंगे लेकिन अगर आप यासीन मलिक के बारे में नहीं जानते हैं तो मैं आपको बता दूं कि यासीन मलिक “जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट” का चेयर पर्सन और एक अलगाववादी नेता है।
यासीन मलिक एक ऐसा लीडर है जो कश्मीर को भारत और पाकिस्तान दोनों से अलग रखना चाहता है और इसके लिए वह लगातार अलग-अलग पैंथरे आजमाता रहा है, जाहिर है कि यह भारत की संप्रभुता के खिलाफ था और विभिन्न अपराधों में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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गिरफ्तारी के एक लंबे समय बाद आतंकी यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है लेकिन जैसा कि हर किसी को अनुमान था कि यासीन मलिक को फांसी की सजा होगी तो एक बड़ा प्रश्न यह उठता है कि कैसे यासीन मलिक की मौत की सजा उम्र कैद में बदल गई आज हम आपको ऐसे तमाम बिंदुओं के बारे में बताएंगे जिनकी वजह से यासीन मलिक की सजा मौत की सजा उम्रकैद में बदली गई,अतः आप हमारे साथ बने रहे और इस पूरे घटनाक्रम को कानूनी नजरिए से समझने का प्रयास करें।

क्यों होनी चाहिए थी Yasin Malik को मौत की सजा

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सबसे पहले तो आपको यह बात बता देते हैं कि आखिर Yasin Malik को मौत की सजा क्यों होनी चाहिए थी ऐसी बात क्यों कही जा रही है तो आपको बता दें कि यासीन मलिक कई दंगों की मुख्य वजह रहे हैं, इसके अलावा वह हमेशा से जम्मू कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए कार्य करता रहा है सीधी सी बात है कि यह भारतीय संप्रभुता और भारतीय अखंडता के विरुद्ध है,

इसीलिए यासीन मलिक के अब तक के सभी कार्य बहुत ही संगीन अपराध की श्रेणी में आते हैं, ऐसे अपराध, जिनकी सजा सिर्फ और सिर्फ मौत है और यही वजह है कि हर कोई ऐसी उम्मीद लगा रहा था कि या फिर मलिक को भी मौत की सजा सुनाई जाएगी लेकिन अदालत ने यासीन मलिक को मौत की सजा नहीं दी है, बल्कि उसे उम्र कैद की सजा दी गई है इसके कई कारण हैं जो हम आगे आपको बता रहे हैं।

ट्रायल से पहले ही कुबूल लिया जुर्म

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यासीन मलिक मौत की जगह पर उम्रकैद की सजा सुनाने के पीछे एक बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि आसीन मलिक ने ट्रायल चलने से पहले ही अपने अपराध स्वीकार कर लिया गौरतलब है कि आसीन मलिक ने अदालत में स्वीकार किया है कि उसने आतंकवादियों की मदद की तथा टेरर फंडिंग का कार्य किया है, क्योंकि ट्रायल से पूर्व यह सभी गुनाह गुनहगार के द्वारा स्वयं स्वीकार कर लिए गए लिहाजा अदालत में सजा के स्वरूप में थोड़ा सा परिवर्तन करते हुए उसे मौत की सजा ना देते हुए उम्र कैद की सजा दी है।

जेल में बदलता व्यवहार भी बना बड़ी वजह

अपना गुनाह स्वयं को कुबूल कर लेने के अलावा एक बड़ी बात यह रही कि जेल की तरफ से यासीन मलिक के बारे में यह कहा गया कि जेल में रहने की अवधि में उसके व्यवहार में काफी सकारात्मक बदलाव देखा गया।इसके अलावा स्वयं यासीन मलिक ने भी यह बात दोहराई कि उसने 1994 से ही हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है और गांधी के रास्ते पर चल रहा है।

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जेल की रिपोर्ट जिसमें यह कहा गया कि यासीन मलिक का व्यवहार सकारात्मक पाया गया तथा स्वयं यासीन मलिक के वक्तव्य आदि को ध्यान में रखते हुए अदालत ने यासीन मलिक को मौत की सजा ना देते हुए उम्र कैद की सजा दी।

अभी भी हैं Yasin Malik के पास कई अवसर

यासीन मलिक की सजा मौत की जगह उम्रकैद तो पहले ही हो चुकी है,अब अगर यासीन मलिक इस पर भी सहमत नहीं होता है तो उसके पास इस सजा को भी परिवर्तित कराने के कई विकल्प मौजूद हैं।


आपको बता दें कि यासीन मलिक के पास उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय जाने का विकल्प और अधिकार अभी भी बचा हुआ है,कई एजेंसियां इस बात को दावे के साथ कह रही हैं कि यासीन मलिक स्थानीय अदालत के इस फैसले के विरुद्ध उच्च न्यायालय अथवा उच्चतम न्यायालय तक जरूर जाएगा तो ऐसे में यह संभावना भी बरकरार है कि हो सकता है यासीन मलिक की सजा में और भी परिवर्तन देखने को मिले।

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हलफनामे में कितनी निकली Yasin Malik की संपत्ति

जब बात यासीन मलिक के बारे में हो रही है तो क्यों ना यासीन मलिक की संपत्ति के बारे में भी आपको बता दिया जाये, आमतौर पर यासीन मलिक की संपत्ति क्या है यह तो हम नहीं जानते लेकिन हलफ़नामे में उसने कहा है कि उसकी सालाना आय ₹50000 है,इसके अलावा अगर बात अचल संपत्ति की की जाए तो जम्मू कश्मीर में उसके पास 11.5 कैनाल की जमीन मौजूद है।

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इसके अलावा हलफनामे में उसने बताया है कि उसके पास ना तो किसी बैंक में कोई खाता है और ना ही उसने कहीं पर किसी तरह का निवेश किया हुआ है, 50,000 सालाना आय इस बात पर विश्वास किया जाना आसान नहीं है फिर भी हलफनामे की ओर से यह बात हम आप तक पहुंचा रहे हैं।इस पूरे प्रकरण पर आपकी क्या राय है तथा यासीन मलिक की सजा के बारे में आप क्या सोचते हैं हमें जरूर बताएं।

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