World Heart Day 2021: जाने क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड हार्ट डे? क्या है इसका इतिहास और महत्व…?

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आपने बहुत बार सुना होगा कि मानव शरीर में ही भगवान निवास करते हैं। इसी वजह से शरीर को स्वस्थ व स्वच्छ रखना जरूरी है। हमारे शरीर एक मशीन के जैसे हैं। जिसके हर एक पार्ट का कुछ न कुछ काम होता है। हमारे दैनिक जीवन को दिल, पेट दिमाग, जुबां सब मिलकर बेहतर बनाने का काम करते हैं। ह्रदय हमारे शरीर का सबसे अहम हिस्सा है। आजकल की भागदौड़ से भरी जिंदगी में एक दिल ही है। जिसको सबसे ज्यादा बोझ सहना पड़ता है। थकान, प्रदूषण, तनाव और भी कई वजहें हैं जिनकी वजह से खून का आदान प्रदान करने वाले इस अति महत्वपूर्ण अंग को अपना काम करने में मुश्किल होती हैं। आजकल हर युवाओं में हृदय और हृदयाघात की बीमारियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। अब तो छोटी उम्र से लेकर बुजुर्गों में भी हृदय से जुड़ी समस्या होना आम बात हो गई है। पूरी दुनिया में ह्रदय के प्रति जागरूकता पैदा करने तथा हृदय से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है। पूरे विश्व में दिल के दौरे से प्रत्येक एक करोड़ से भी अधिक लोगों की मौत हो जाती है। तथा 50 फ़ीसदी लोग इनमें से अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। हृदय रोग अब मौत का एक अहम वजह बन चुका है। इसके लिए हमें जागरूक होना बेहद ही जरूरी है।

हृदय से छेड़छाड़ का नतीजा

हृदय के साथ ही होने वाली छेड़छाड़ का ही नतीजा है कि आज विश्व भर में कई तरह की हृदय रोग देखने को मिलते हैं। एक अनुमान के मुताबिक भारत में 10.2 करोड़ लोग हार्ट के मरीज हैं। पूरे विश्व में 1.73 करोड़ लोग प्रत्येक वर्ष इस बीमारी के शिकार होकर मर जाते हैं।ये भी माना जाता है कि हाई ब्लड प्रेशर डायबिटीज का सही कंट्रोल न करना, अधिक चिंता करना और अधिक गुस्सा करने वाले लोगों को जल्द ही हार्ट अटैक होने की आशंका होती है। इसलिए इससे बचाव के लिए बहुत सारी चीजों का परहेज करने की जरूरत है। साथ ही साथ हम आजकल अपना मैक्सिमम समय ऑफिस में बिताते हैं। जहां अधिक शारीरिक कार्य करने की जगह मैक्सिमम लोग सिर्फ बैठ कर अपना काम करते हैं। आजकल के युवा तो ऑफिस में बैठे-बैठे कॉफी पीते हैं तथा फिर घर पर भी रात को देर रात तक टीवी देख कर सुबह बहुत देर से जगते हैं। फिर ऑफिस पहुंचने की जल्दी में व्यायाम नाम की बला से तो पाना ही नहीं पड़ता। ह्रदय रोग की आहट आने ऐसे में तो लाजमी सी बात है।

इतिहास World Heart Day

पहली बार विश्व हृदय दिवस की स्थापना 1999 में वर्ल्ड हार्ड फेडरेशन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से की थी। एक वार्षिक आयोजन का विचार सन् 1997-2011 तक वर्ल्ड हॉट फेडरेशन के अध्यक्ष एंटोनी बेयर्स डी लूना द्वारा कल्पना की गई थी। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने बढ़ते ह्रदय रोगों की संख्या और पीड़ितों की वजह से ही साल 2000 से विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यह दिवस पहले सितंबर माह के आखिरी रविवार को मनाया जाता था। हालांकि इस दिवस को 2014 में मनाने के लिए 29 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई। तब से प्रत्येक वर्ष हृदय दिवस 29 सितंबर को ही मनाया जाता है। चूंकि ऐसा नहीं है कि हृदय रोका को रोका नहीं जा सकता। इससे बचना तो सबसे आसान है। बस जरूरत है तो जागरूकता की।

महत्त्व World Heart Day

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक ‘वर्ल्ड हार्ट डे’ दुनिया भर के लोगों को सूचित करता है। निया में प्रत्येक वर्ष 18.6 रियल लोगों की मृत्यु का प्रमुख कारण हृदय रोग और स्ट्रोक सहित सीवीडी है। इसका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ लोगों को शिक्षित करना है कि अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक निष्क्रियता और तंबाकू के उपयोग जैसे जोखिम वाले कारकों को नियंत्रित करके हृदय रोग तथा स्ट्रोक से कम से कम 80 फ़ीसदी समय से पहले होने वाले महत्व से बचा जा सकता है।

थीम World Heart Day 2021

विश्व हृदय दिवस की इस साल की थीम “यूज हार्ट टू कनेक्ट” है। यह थॉट लोगों को सिर्फ स्वास्थ्य से जोड़ने के लिए अलग-अलग व अभिनव तरीके खोजने के लिए है। स्पेशली कम संसाधन में क्षेत्रों व समुदायों में अपने ज्ञान करुणा तथा प्रभाव का उपयोग करके यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अपने प्रियजनों तथा जिन समुदायों का आप हिस्सा है। उनके पास दिल से हेल्दी जीवन जीने का सबसे अच्छा अवसर है। ये हमारी अपने दिलों से जुड़ने के बारे में भी हैं।

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