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Winter Health Care: हीटर के घंटों इस्तेमाल झेलनी पड़ सकती हैं स्किन व सेहत की प्रोब्लेम्स, ये लोग रहें सतर्क

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सर्दियों के मौसम में कड़ाके की ठंड से सुरक्षा के लिए लोग गर्म कपड़े पहनने, गर्म पानी पीना, काढा पीना , तरह तरह के व्यंजन खान आदि उपाय अपनाते रहेते हैं। इसके अलावा भी ज्यादातर लोग घरों में या फिर ऑफिस में हीटर का इस्तेमाल भी करते रहते हैं। इससे कड़ाके की ठंड से चुटकी बजाते ही राहत मिल जाती है। किंतु हेल्थ एक्सपर्ट कहते है कि, भले ही हीटर ठंड से राहत पहुंचाता हैं। मगर इसके आगे घंटों तक बैठे ही रहेने से स्किन और सेहत को भी नुकसान हो सकता हैं। ऐसे में आज हम इस आर्टिकल में आपको हीटर इस्तेमाल करने से संबंधित कुछ सावधानियां बता रहे हैं,

कैसे काम करता है हीटर?

हीटर्स के अंदर की बनवट में लाल-गर्म धातु की छड़ें या सिरेमिक कोर लगे हुये होते हैं। इससे बहार आने वाली गर्माहट बहार की नमी को सोखने का काम करती है। हीटर से निकलने वाली यह हवा बेहद ही शुष्क होती है। हीटर की ये कुत्रिम हवा ऑक्सीजन को जलाने व कम करने का काम करता है। इस वजह से सांस संबंधी समस्या होने का खतरा भी बना रहेता है।

हीटर के अधिक इस्तेमाल के साईड इफेक्ट

जैसे कि हमने बताया कि हीटर से शुष्क हवा निकलती ही है। इस शुष्क हवा के कारण हमारी त्वचा भी शुष्क होने लगती है। वहीं हीटर के अधिक इस्तेमाल से अनिद्रा , चक्कर,सिरदर्द, और मितली की शिकायत भी हो सकती है। इन संजोगो में कन्वेंशन हीटर, हैलोजन हीटर और ब्लोअर आदि का अधिक इस्तेमाल करने से बीमार होने की संभावना भी बढ़ती है। हीटर से निकलतनेवाले केमिकल हमारे शरीर में प्रवेश करके अंदरूनी अंगों को भी हानी पहुंचाने का काम करते हैं। हीटर इस्तेमाल करने से खासतौर पर अस्थमा या एलर्जी की समस्या होने की परेशानी भी बढ़ सकती है।

कीन लोगों को हीटर के पास बैठने से बचना चाहिये

बंद कमरे में हीटर लगाने से वह पूरी तरह से गर्म रहता है किंतु इसके कारण कमरे में मौजूद हवा बिलकुल ही शुष्क हो जाती है। ऐसे में हमे सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है। वहीं अस्थमा के मरीजों को हीटर का युज करने से उनकी ये परेशानी अधिक बढ़ सकती है। अस्थमा व सांस संबंधी समस्या होने पर हीटर से दूर ही बैठने में ही भलाई है। इसके अलावा सांस नली में सूजन होना ( ब्रोंकाइटिस ) और साइनस के मरीजों को भी हीटर से एलर्जी होने का खतरा रहे सकता है। इन सभी मरीजों के फेफड़ों में हीटर की हवा जाने से कफ बनने की प्रोब्लेम्स भी हो सकती है। इसके कारण खांसी, छींक आदि होने का भी खतरा रहता है।

एलर्जी वाले लोग करे तेल वाले हीटर का इस्तेमाल

अस्थमा के अलावा भी अन्य किसी एलर्जी की समस्या से परेशान लोगों को भी हीटर से दूर ही रहेना चाहिए। इसके अलावा अगर आप चाहे तो नॉर्मल हीटर के बदले तेल वाले हीटर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इस प्रकार के हीटर के पाइप में तेल भरी हुई होने से कमरे की हवा शुष्क नहीं होती। इसके अलावा अपने नॉर्मल हीटर को भी कुछ मिनटों तक इस्तेमाल करके याद से ही बंद कर दें। ब्रोंकाइटिस या साइनस की प्रोब्लेम्स से परेशान लोगों को तो  ह्यूमिडिफायर का ही युज करना हितावह है। ये हवा में नमी बरकरार रखते है और सांस से संबंधित परेशानी होने का खतरा कई गुणा कम हो जाता है।

ना करें गैस हीटर्स लेने की गलती

मार्केट में तरह तरह के हीटर्स अवेलेबल होते हैं। ऐसे में इनमें से गैस हीटर लेने की गलती कभी भी ना करें। एक्सपर्ट कहते है की, जिन घरों में गैस हीटर का जयादातर इस्तेमाल होता है वहां के बच्चे अस्थमा के शिकार होने के खतरे बढ सकते हैं। इसके साथ ही घर के अन्य सदस्यों में भी घबराहट, खांसी, छींकने, और फेफड़ों को नुकसान होने के लक्षण नजर आने लगते हैं। दरअसल, इन सभी हीटर्स में से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है। ये गैस बच्चों और उम्र दराज लोगो की सेहत पर बहुत ही बुरा असर डालती है।

हीटर को इस तरह ना करे इस्तेमाल

हम में से कई लोग बेड को गर्म करने के लिए कंबल या रजाई के अंदर ही हीटर रख लेते हैं। मगर याद रहे की इससे आग लगने का गंभीर खतरा बना रहता है। इसलिए कभी भी ऐसा करने की गलती मत किजीये।

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