26 जनवरी या फिर 15 अगस्त के मौके पर सड़क पर भारत के झंडे बिकने शुरू हो जाते हैं। इसके बाद से प्रत्येक व्यक्ति अपने घर या सरकार पर झंडे लगाता भी है। लोग तो देशभक्ति की भावना के लिए ही ऐसा करते हैं लेकिन आप क्या यह जानते हैं कि झंडे पर फहराना भी कई कानून के नियम है। यह नियम कहता है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी कार पर भारत का झंडा नहीं लगा सकता है तथा ऐसा करना भारतीय झंडा संहिता का उल्लंघन है। अभी तो ऐसा सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है लेकिन ऐसा ही है। ऐसे में हम जानते हैं कि भारतीय झंडा संहिता के मुताबिक कार पर झंडा लगाने के क्या नियम है तथा किन-किन लोगों को ही कार पर झंडा लगाने का अधिकार दिया गया है। इसकी वजह है कि आज हम आपको इन नियमों के मुताबिक ही कौन लोग कार पर झंडा लगा सकते हैं।
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इसकी जानकारी गृह मंत्रालय के आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई है राष्ट्रीय ध्वज फहराने संबंधित भारतीय झंडा संहिता 2002 बनाई गई है। इसमें कई नियम झंडारोहण को लेकर बनाए गए हैं तथा यह बताया गया है कि किस तरह से राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किया जाना चाहिए। इस झंडा संहिता में कुछ लोगों को तो कार में झंडे फहराने की विशेष अधिकार भी दिए गए हैं। आपको बता दें कि राष्ट्रीय ऊपर राजपति राज्यपाल तथा उप राज्यपाल प्रधानमंत्री तथा अन्य कैबिनेट मंत्री केंद्र के राज्य मंत्री, उप मंत्री मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, लोकसभा उपाध्यक्ष, लोकसभा अध्यक्ष राज्यसभा, विधानसभाओं के अध्यक्ष, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनो पोस्टों के अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश हाईकोर्ट के न्यायाधीश इस झंडे को लगा सकते हैं।
जब कोई विदेशी मेहमान सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई कार में यात्रा करता है। तो राष्ट्रीय ध्वज कार की दाएं ओर ही लगा होना चाहिए तथा संबंधित दूसरे देश के व्यक्ति का झंडा कार्य की बाएं तरफ लगाना होता है।
नियमों के मुताबिक ऊपर बताए गए व्यक्ति के अलावा कोई और भी व्यक्ति अगर कार पर झंडा लगाता है तो उन पर कार्यवाही की जा सकती है। इसके अलावा भी कोई व्यक्ति अगर भारत का संविधान या उसके भाग को जलाता है, कुछ चलता है या फिर इसे गंदा करता है तो राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के अंतर्गत 3 साल तक की जेल या फिर जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा भी झंडा संहिता में कई प्रकार के अन्य नियम तय किए गए हैं। जिनके मुताबिक झंडे का उपयोग किया जा सकता है।
वर्ष 2004 से पहले से सरकारी विभागों, दफ्तरों तथा शिक्षण संस्थानों पर ही झंडा लगाने की इजाजत थी। लेकिन वर्ष 2004 में भारत सरकार बनाम नवीन जिंदल मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा कि प्रत्येक हिंदुस्तानी को तिरंगा फहराने का अधिकार है। चूंकि कार पर तिरंगा लगाने का अधिकार अभी भी बहुत कम लोगों को ही मिला है तथा आम आदमी झंडे का उपयोग कार के आगे लगाने के लिए नहीं कर सकता है।