what is pegasus और यह क्यों खतरनाक है ? बीजेपी सरकार ने जासूसी कराई है तो यह चिंता का विषय है और बीजेपी सरकार ने यदि जासूसी नहीं कराई तो यह अत्यधिक चिंता का विषय है ?

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पेगासस स्पाइवेयर जिसकी मौजूदगी की भनक आपको भी नहीं है।

what is pegasus ?

“what is pegasus” ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है- बुद्धिमत्ता और प्रसिद्धि । पेगासस ऐसे घोड़े को कहा गया है जिसके विशाल पंख हैं और यह घोड़ा अत्यधिक बुद्धिमान और प्रसिद्ध था। ऐसे घोड़े का उल्लेख प्राचीन पुस्तकों में मिलता है। लेकिन जिस पेगासस स्पाईबेयर के बारे में यहां वर्णन किया जा रहा है वह एक तरह का मैलवेयर होता है। यह स्पाइवेयर डिजिटल डिवाइस से निजी जानकारियां चुराने के काम आता है। इसके द्वारा G-Mail, बैंक अकाउंट, टेक्स्ट मैसेज, गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। यह स्पाइवेयर डाटा चोरी करके कहीं भी पहुंचा सकता है। 2018 -19 में पेगासस स्पाइवेयर को मोबाइल में एंटर कराने के लिए एक लिंक दिया जाता था और उस लिंक पर यदि कोई जाने अनजाने में क्लिक कर देता था तो स्पाइवेयर मोबाइल फोन में एंटर कर जाता था। what is pegasus लेकिन अब 2021 तक पेगासस इतना एडवांस हो गया है कि अब इसे बिना लिंक के मोबाइल में एंटर कराया जा सकता है।

पेगासस स्पाइवेयर का निर्माण इजरायल के साइबर सुरक्षा कंपनी NSO ने किया है। यह एक ऐसा प्रोग्राम है जिसे यदि किसी स्मार्टफोन में डाल दिया जाए तो हैकर स्मार्ट फोन के कैमरा, माइक्रोफोन, टेक्स्ट मैसेज, लोकेशन सब कुछ जानकारी हासिल कर सकता है। पेगासस जैसे स्पाइवेयर जीरो क्लिक पर काम करते हैं।

पेगासस क्यों खतरनाक है ?

यदि किसी को लगता है कि यह सॉफ्टवेयर उनके लिए खतरनाक नहीं है तो वह आईने के सामने खड़े होकर अपनी आंखों में आंखें डाल कर खुद से सवाल करे कि कोई व्यक्ति घर ,गेट , खिड़की ,पर्दे क्यों लगाता है। what is pegasus एक सामान्य व्यक्ति का जवाब होगा कि सभी प्रकार की सुरक्षा एवं घर की बातें घर में ही रहे इसलिए पर्दे खिड़की ,दरवाजे  आदि लगाए जाते हैं। लेकिन क्या हो जब आप अपने बाथरूम, बैडरूम में हो या कुछ ऐसा काम कर रहे हो जो निजी हो और कोई दूर बैठा हैंकर आपकी सारी गतिविधियों पर नजर रखे हो और आपको पता ना हो। what is pegasus जाहिर सी बात है कि आपको यह बिल्कुल भी पसंद नहीं आएगा। और यदि आप किसी तरह से इस बात का विरोध भी करना चाह रहे हो कि यह सब गलत है तो वह अगर आपकी फोटो या वीडियो से आप को ब्लैकमेल  करें तब तो खतरनाक स्थिति बन ही जाएगी। और जब यह हैकर, हैकर से ब्लैकमेलर बन सकता है तो हत्यारा बनने में क्यों सोचेगा। हो सकता है कि वह आपका मोबाइल फोन ट्रेस करके आप जहां हैं वहां पहुंच जाए और आप की हत्या कर दे । what is pegasus तब तो आपको डरना ही चाहिए । यह खतरनाक है।

आपके मोबाइल में पेगासस को एंटर करा कर यह जानकारी ली जा सकती है कि आप किसे वोट देंगे या आप किस पार्टी का समर्थन करते हैं जाहिर सी बात है कि जिस पार्टी का आप समर्थन ना करते हो उसे यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आएगी और यही बात आपकी जान पर बन आएगी।

what is pegasus आप यह सोच कर खुश हो रहे होंगे कि वाह मेरे बेटे की शादी का और मां की बीमारी ,घर खर्च तथा बजट के सारे इंतजाम हो गए हैं और जब आप बैंक से रुपए निकालने जाएंगे तो आपको एक खबर मिलेगी जिससे आपके पैरों के नीचे की जमीन खिसक जाएगी और आपके माथे पर चिंता की रेखाएं बन जाएंगे । what is pegasus और आपका दिमाग वाइब्रेशन करने लगेगा क्योंकि आपके मोबाइल फोन से बैंक डिटेल निकालकर हैकर अकाउंट साफ कर चुका होगा । है ना खतरनाक।

बंद मोबाइल फोन से भी पेगासस स्पाइवेयर कैमरे को चालू कर सकता है और आपकी निजी डाटा हो सकता है लीक।

पहले के पेगासस केस ?

पत्रकारों पर,  बड़े बड़े मंत्रियों पर, जज पर, एवं बिजनेसमैन के मोबाइल फोन में पेगासस स्पाईबेयर एंटर करवाना कोई छोटा मामला नहीं है। पेगासस स्पाइवेयर से जासूसी कराने से निजता का अधिकार, देश की सुरक्षा, न्याय प्रणाली, अभिव्यक्ति की आजादी, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को बहुत बड़ा खतरा है। what is pegasus मोबाइल फोन को हैक कर आने का यह कोई पहला मामला नहीं है वर्ष 2016 में ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट अहमद मंसूर के माध्यम से यह जानकारी सामने आई थी कि उन्हें मोबाइल पर कई मैसेज से प्राप्त हो रहे थे जो उनके मन में शक पैदा कर रहे थे कि ए मैसेज कहीं गलत उद्देश्य से तो नहीं भेजे जा रहे हैं। what is pegasus उन्होंने लिंक पर क्लिक किए बिना ही मोबाइल के जानकारों को दिखाया तो उन्हें पता चला कि या है स्पाइवेयर है यदि अहमद मनसूर उस लिंक पर क्लिक कर देते तो उनका मोबाइल फोन संक्रमित हो जाता और उनका डाटा लीक हो जाता। वर्ष 2017 मे द न्यूयॉर्क टाइम में एक रिपोर्ट में कहा गया कि मेक्सिको सरकार पेगासस स्पाइवेयर द्वारा नागरिकों पर जासूसी करा रही है। what is pegasus पेगासस स्पाइवेयर द्वारा जासूसी कराने के आरोप मेक्सिको सरकार पर भी लगाए गए थे।

वर्ष 2019 में फेसबुक द्वारा इजराइल की कंपनी एनएसओ पर आरोप लगाया गया था कि यह अपने जासूस स्पाइवेयर को जानबूझकर व्हाट्सएप में फैला रहा है इससे लोगों की सिक्योरिटी से समझौता किया जा सके। पेगासस बनाने वाली कंपनी पर सऊदी सरकार को सॉफ्टवेयर देने के आरोप लगे क्योंकि इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके ही जमाल खासो की हत्या से पहले जासूसी कराई गई थी और उनकी पत्नी की भी द्वारा जासूसी कराई गई थी।

what is pegasus तकनीक इतनी एडवांस्ड हो गई है कि आप का मोबाइल किसी और के कंट्रोल में है और यह बात आपको ही पता नहीं चलेगी । भीमा कोरेगांव केस में रोना विल्सन ,गौतम नवलखा, सुरेंद्र गार्डन ,सुधा भारद्वाज ,आनंद तिलटुण्डे, स्टेन स्वामी के मामले में यही हुआ था। इसी प्रकार के सॉफ्टवेयर द्वारा इन सामाजिक कार्यकर्ताओं के लैपटॉप में फाइल प्लांट कर दी गई और संदेहास्पद जानकारियां प्लांट कर दी गई। इसके बाद छापा मारकर इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और महीनों जेलों में सडाया गया। what is pegasus स्टैन स्वामी की तो मौत ही हो गई जिसे मर्डर भी कहा जा सकता है।

हाल ही में हुए पेगासस कांड :-

हाल ही में पेगासस कांड हुआ है। यह कोई पहली बार नहीं हुआ था जब नागरिकों के फोन की हैकिंग की गई हो। दुनिया के कई देश मेक्सिको, रवांडा, अज़रबैजान आदि सभी देशों में भी नागरिकों के मोबाइल फोन हैक किए गए हैं। what is pegasus पेगासस स्पाइवेयर एक ऐसा जासूसी स्पाइवेयर है जो आम आदमी के और बड़े पदों से लेकर सभी नागरिकों की निजता को खतरे में डाल रहा है। इजरायल की जासूसी सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी ने साफ किया है कि इस सॉफ्टवेयर को किसी भी देश की मान्यता प्राप्त सरकारी एजेंसियों और सरकार को बेचा जाता है इस सॉफ्टवेयर को हर कोई नहीं खरीद पाता क्योंकि यह अत्यधिक महंगा है। लेकिन भारत सरकार इस बात का खंडन कर रही है लेकिन अभी तक सरकार के किसी भी मंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकले हैं कि उन्होंने इजरायली जासूसी कंपनी पेगासस स्पाइवेयर नहीं खरीदा है। सरकार ने अभी तक इस बात पर कोई साफ बात नहीं की है। जो नंबर हैक किए गए हैं उनमें 40 भारतीय पत्रकारों के नाम है। तीन विपक्ष के बड़े नेताओं ,एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति , मोदी सरकार के दो मंत्री , सुरक्षा एजेंसी मौजूदा और पूर्व प्रमुख और कई बिजनेसमैन शामिल हैं। इन पत्रकारों में सुशांत सिंह, रितिका चोपड़ा, रोहिणी सिंह, सिद्धार्थ वर्धराजन, एमके वेणु (द वायर) शिशिर गुप्ता, प्रशांत झा, राहुल सिंह, औरंगजेब नक्शबंदी  (हिंदुस्तान टाइम्स )  संदीप उन्नीथन (इंडिया टुडे)  मनोज गुप्ता (नेटवर्क 18 )   विनीता सिंह, स्वती चतुर्वेदी, प्रेम शंकर झा,  ( द हिंदू) आदि पत्रकारों के नाम हैक लिस्ट में मिले हैं।

ऐसे पत्रकारों को टारगेट किया गया जो सरकार से सवाल पूछते हैं सरकार की नीतियों के खिलाफ लिखते हैं।

नेताओं में राहुल गांधी और राहुल गांधी के सबसे करीबी सहयोगी अलंकार सवाई और सचिन राव के नंबर भी इस लिस्ट में सम्मिलित है। राहुल गांधी की मोबाइल फोन की हैकिंग 2019 में लोकसभा चुनाव के आसपास की गई थी। राहुल गांधी ने बताया है कि अतीत में उन्हें संदेहास्पद मैसेज प्राप्त हुए थे। तभी उनका मोबाइल फोन हैक कर लिया होगा। what is pegasus ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का मोबाइल फोन नंबर भी इस लिस्ट में शामिल है चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर का नंबर भी इस लिस्ट में शामिल है।

पूर्व न्यायाधीश रंजन गोगोई पर जिस महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था उस महिला का मोबाइल नंबर और महिला के परिवार के सदस्यों के मोबाइल नंबर भी इस लिस्ट में शामिल हैं। यह बहुत ही चिंता का विषय है यह कोई छोटा मोटा मामला नहीं है इसकी जांच आवश्यक है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का मोबाइल नंबर भी इस लिस्ट में शामिल है अशोक लवासा ने 2019 के लोकसभा के चुनाव में प्रधानमंत्री को नोटिस जारी किया था। what is pegasus हैक लिस्ट में दो बीजेपी के मंत्री अश्वनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री पहलाद पटेल भी शामिल है।

भारत सरकार क्यों है घेरे में :-

इजरायल की जासूसी सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी NSO हमेशा से यह दावा करती आ रही है कि वह इस प्रोग्राम को सिर्फ मान्यता प्राप्त सरकारी एजेंसी को ही बेचती है और इसका उद्देश्य आतंकवाद और अपराध के खिलाफ लड़ना है। लेकिन भारत सरकार बीजेपी मंत्री इस बात का सिरे से खंडन कर रहे हैं। लेकिन हास्यास्पद बात यह है कि इस पेगासस स्पाई बेयर की हैक लिस्ट में आईटी मंत्री अश्वनी वैष्णव का भी नाम शामिल है। इजराइली जासूसी सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी का कहना है कि यह सॉफ्टवेयर सिर्फ किसी देश की सरकारी एजेंसी या सरकारों को ही बेचा जाता है। what is pegasus इस पर अभी तक सरकार ने कोई हां और ना में कोई भी उत्तर नहीं दिया है कि यह सॉफ्टवेयर भारत सरकार ने नहीं खरीदा है या नहीं। क्योंकि यदि सरकार हां कह देगी तो भी फसेगी और यदि ना कह देगी तो भी बुरी तरह फसेगी। what is pegasus हैक लिस्ट में केवल उन्हीं लोगों का नाम है जो सरकार की नीतियों पर अधिक सवाल उठाते हैं फिर चाहे वह विपक्ष हो, पत्रकार या फिर चुनाव आयुक्त।

इजरायल की एन एस ओ कंपनी जो पेगासस स्पाइवेयर जैसे जासूसी सॉफ्टवेयर बनाती है

यह पुष्टि तो हो गई है कि पत्रकारों, नेताओं और अन्य पदों पर रहने वाले नौकरशाहों के मोबाइल फोन हैक हुए हैं । what is pegasus लेकिन यह अभी तक जांच का विषय है कि यह इस स्पाइवेयर को इजरायल की कंपनी से किसने खरीदा क्योंकि कंपनी कहती आ रही है कि यह सिर्फ सरकारी एजेंसी और सरकारों को बेचा जाता है। और यह सॉफ्टवेयर कोई सामान्य मनुष्य नहीं खरीद सकता क्योंकि यह सॉफ्टवेयर अत्यधिक महंगा होता है।

भारत सरकार क्यों कर रही जांच कराने में आनाकानी :-

भारत सरकार बीजेपी ने अभी तक इस बात का कोई साफ सुथरा जवाब नहीं दिया है कि सॉफ्टवेयर उन्हीं ने खरीदा है या नहीं। लेकिन यदि भारत सरकार ने इस प्रकार पत्रकारों, उच्च पदों पर बैठे हुए अधिकारियों, जजों की जासूसी करने के लिए इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया है तो यह बहुत ही निंदनीय और बीजेपी सरकार के लिए शर्मनाक बात होगी। लेकिन यदि बीजेपी सरकार साफ तौर पर कहती है कि यह सॉफ्टवेयर मैंने इजराइल कंपनी से नहीं खरीदा है तो सवाल यह उठता है की भारत के नागरिकों की जासूसी तो हुई है तो फिर यह जासूसी किसने की है और किस मकसद से जासूसी की गई है। what is pegasus क्या इन सारे कर्मकांड के पीछे कोई अंतरराष्ट्रीय साजिश है। what is pegasus और यदि साजिश है तो यह और भी ज्यादा चिंता का विषय है। तो फिर भारत सरकार को चाहिए की इस मामले की जल्द से जल्द और निष्पक्ष तरीके से कड़ी जांच कराई जाए। लेकिन जांच कराने में सरकार अपने कदमों को पीछे हटाती दिख रही हैं। यह भी सरकार पर शक को जन्म दे रहा है।

देश में पत्रकारों, जजों, नेताओं और बिजनेस मैन तथा नौकरशाहों के निजता के अधिकार पर खतरा है और इसे केवल निजता का अधिकार खतरा ना समझ कर देश की सुरक्षा पर खतरा समझा जाना चाहिए। लोकतंत्र पर खतरा समझना चाहिए।

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बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्य स्वामी द्वारा किया गया ट्वीट

जांच के नाम से सरकार के पीछे हटते कदम भी ‘ चोर की दाढ़ी में तिनका ‘ कहावत याद दिलाते हैं। what is pegasus क्योंकि केवल सरकार को ही अधिकार है कि इस सॉफ्टवेयर को खरीद सकें और यदि यह सरकार ने नहीं खरीदा है तो फिर किसने खरीदा है और यदि इस पर सरकार जवाब दे कि यह अंतरराष्ट्रीय साजिश है तो फिर जांच के नाम से सरकार भाग क्यों रही है।

क्लिक करे :- स्टूडेंट्स के भविष्य से भद्दा मजाक : स्टूडेंट्स के फॉर्म में लगी फोटो पसंद नहीं आयीं इसलिए रिजेक्ट किये 500000 स्टूडेंट्स के फॉर्म ।

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यस्वामी ने ट्वीट किया कि –” जासूसी सॉफ्टवेयर बनाने वाली NSO एक वेबसाइट कंपनी है जो पैसे लेकर काम करती है। जाहिर सवाल है कि भारतीय ऑपरेशन के लिए कंपनी को कितने पैसे दिए। अगर भारत सरकार ने नहीं दिए तो किसने दिए ।मोदी सरकार का कर्तव्य बनता है कि वह जनता को बताएं “

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