Uttar Pradesh में अब प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को राज्य सरकार गैर शिक्षण कार्य से राहत देने की तैयारी भी कर रही है। Uttar Pradesh बेसिक शिक्षा परिषद प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की शिक्षा पर भी विशेष जोर देगी तथा स्कूलों की शिक्षा प्रभावित ना हो इसके लिए भी प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर दो यानी कि 1650 डाटा एंट्री ऑपरेटर रखे जाएंगे। यह डाटा एंट्री ऑपरेटर यू-डीआईएस तथा प्रेरणा पोर्टल पर बच्चों के आधार वेरिफिकेशन के साथ ही साथ अन्य कार्य भी करेंगे। ताकि शिक्षकों को भी इन गैर शिक्षण कार्यों से छूट मिल सके। Data Entry Operator की नियुक्ति अस्थाई होगी।
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जानकारी के अनुसार यूपी में परिषद के प्राथमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों में “स्कूल चलो अभियान” के अंतर्गत छात्रों का तेजी से नामांकन हुआ है। ये काम अभी भी जारी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने यह निर्देश दिया है कि प्रेरणा पोर्टल तथा यू-डीआईएस पर प्रत्येक छात्र का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। तभी जाकर नामांकन पर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही साथ बच्चों का आधार वेरिफिकेशन भी किया जाएगा तथा अगर किसी भी बच्चे के पास आधार नहीं है।
तो उसे तुरंत ही बनवाकर पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। हालांकि शिक्षकों को इन सभी कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी तथा प्रयासों के बाद से भी पोर्टल पर नामांकन अपलोड करने का काम अभी भी गति नहीं पकड़ पा रहा था।
Uttar Pradesh राज्य के महानिदेशक स्कूल शिक्षा व राज्य परियोजना निदेशक अनामिका सिंह ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि स्कूलों में निर्धारित समय से काम कराने के लिए दो Data Entry Operator को नियुक्त किया जाए। यह नियुक्ति अस्थाई होगी तथा दो Data Entry Operator की सेवाएं अस्थाई पर ली जाए। हालांकि महानिदेशक ने मई से 31 जुलाई तक ऑपरेटरों को रखने की अनुमति भी दी है। तथा यह कहा है कि ऑपरेटर को हर दिन मैक्सिमम 435.23 रुपए का परिश्रम दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार जिला तथा ब्लॉक स्तर पर यू-डीआईएस पर 2021 से 2022 की डेटा प्रविष्टि, ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत 19 बुनियादी सुविधाओं की एंट्री की जाएगी। इसके अलावा भी आधार के सत्यापन, माता पिता के खाते में यूनिफार्म के लिए पैसे भेजना, स्कूल बैग, बच्चों को जूता मोजा तथा स्वेटर, मानव संपदा पोर्टल पर ने नामांकन की एंट्री तथा अन्य कामों से संबंधित अन्य कार्य भी data entry operator करेंगे।
आपको बता दें कि समय से स्कूल न पहुंचने तथा कार्य में लापरवाह 50 शिक्षकों पर शिक्षा विभाग का डंडा भी चला है। बीएसए ने इनका वेतन रोकने का भी आदेश दिया है। 1 माह का वेतन इन शिक्षकों को नहीं मिलेगा। हालांकि इस बीच चेतावनी के बाद से न सुधरने पर तरबगंज के जमथा प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक शिव कुमार सिंह की वेतन वृद्धि को रोक दिया गया है। वो बिना किसी सूचना की ही लंबे समय से स्कूल से गायब थे। बीएसए डॉ अखिलेश प्रताप सिंह ने शिक्षकों से शिक्षण कार्य पूरी निष्ठा से करने की अपील भी की है। यह चेतावनी भी दी है कि लापरवाही मिली तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
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बीएसए ने स्कूल शिक्षा को और ज्यादा बेहतर बनाने की रणनीति तैयार की है। 20 अधिकारियों की टीम तैयार की है। जिसमें विभाग के सारे जिला समन्वयकों तथा सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को शामिल किया। जिन्हें यह जानकारी दी गई कि वह लोग एक साथ स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। बीएससी निया कहां है कि अभी वो रणनीति का खुलासा नहीं करेंगे। लेकिन शैक्षिक सुधार के लिए बड़े स्तर पर अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। वह खुद ही स्कूल का निरीक्षण करेंगे। जिसमें लापरवाह शिक्षकों को चिन्हित कर कार्यवाही भी की जाएगी।