UP Bijli Sakhi Yojana: यूपी सरकार राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए तमाम तरीके के प्रयास भी कर रही है। जबकि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन इसमें अहम भूमिका निभा रहा है। एसएचजी यानी कि स्वयं सहायता समूह कि महिलाओं को विद्युत सखी बनाकर सरकार ने एक साथ दो लक्ष्यों को हासिल करने का काम किया है।
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बता दें कि बिजली सखी महिलाएं ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को बिजली बिल बांटने के साथ ही साथ बिल की रकम की वसूली में सरकार की मदद भी कर रही है तथा स्वयं ही आर्थिक रूप से सक्षम भी हो रही हैं। सिर्फ यही नहीं महिलाएं अब लोगों को उनके घर से बिल लेकर जमा करने की सुविधा दे रही हैं। यह महिलाएं बिजली विभाग के खजाने में 110 करोड़ रुपए का बिल भी जमा करा चुकी है।
दरअसल विद्युत सखी योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन पूरे प्रदेश में 15,521 समूह की महिलाओं को विद्युत सखी बनाने के काम में जुटा हुआ है। वर्तमान में 8,776 विद्युत सखियों ने शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में काम शुरू कर दिया है। इन्हीं महिलाओं ने 110 करोड़ रूपए बिजली बिल की रकम भी इकट्ठा की है तथा इसके बदले में इनको कमीशन के रूप में 165 लाख रुपए प्राप्त हो चुके हैं।
हालांकि हरदोई में 249, आजमगढ़ में 237, सीतापुर में 236, गाजीपुर में 334, बहराइच में 200, बस्ती में 187, गोरखपुर में 156, आगरा में 110, अयोध्या में 133, सुल्तानपुर में 140, उन्नाव में 161 और अमेठी में 142 महिलाएं विद्युत सखी के रूप में भी काम कर रही हैं।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में प्रदेश की कमान संभालने के बाद प्रदेश की महिलाओं के हित में कई बड़ी योजनाएं भी लागू किए थे। जबकि राज्य सरकार की यह मंशा महिलाओं को स्वावलंबी बनाना तथा आत्मनिर्भर बनाना ही रहा है। सरकार ने महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह गठित की है जिसके माध्यम से महिलाओं को स्वयं सक्षम बनाने में काफी मदद मिली। ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र की महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर पर नहीं हैं। हालाकी विद्युत सखी योजना भी योगी सरकार की इस पहल का एक उदाहरण है। जिसने महिलाओं की जिंदगी में भी रोशनी भी बिखेरने का काम किया है।
गौरतलब है कि दूसरे कार्यकाल में भी मुख्यमंत्री योगी महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कई नई योजनाएं लाने जा रहे हैं। जिससे उनकी स्थिति में भी सुधार आए हैं तथा वह खुद अपने सपनों को पंख लगा सके।