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Twin tower: नोएडा पुलिस ने ट्विन टावर ध्वस्त करने वाली कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग से 64 लाख रुपये मांगे हैं. दरअसल नोएडा पुलिस ने इस कंपनी के कहने पर ही कई तरह की सेवाएं दी थीं. फिर चाहे वह पुलिस पेट्रोलिंग की रही हो या फिर वाहन और दूसरे खर्चे. अब उसी कारण से ये 64 लाख रुपये मांगे जा रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश के बाद Twin tower को बीते 28 अगस्त को दोपहर 2:30 बजे ध्वस्त कर दिया गया था. जिस प्लानिंग के साथ इसे अंजाम दिया गया, उसे सभी सिर्फ देखते ही रह गए. ना किसी भी दूसरी बिल्डिंग को नुकसान पहुंचा और ना ही बिल्डिंग का मलबा सड़क पर आया. इसे एक काफी सफल प्रक्रिया बताया गया था. अब ये प्रक्रिया पूरी होने के बाद से नोएडा पुलिस ने एडिफिस इंजीनियरिंग यानी वो कंपनी जिसने ट्विन टावर ध्वस्त किए उस से 64 लाख रुपये भी मांगे हैं.
असल में नोएडा पुलिस ने इस कंपनी के कहने पर ही कई प्रकार की सेवाएं दी थीं. फिर चाहे वो पुलिस पेट्रोलिंग हो या फिर वाहन एवम दूसरे खर्चे. अब नोएडा पुलिस ने एक पत्र लिख कर 64 लाख रुपये भुगतान करने के लिए भी कहा है. पत्र में लिखा गया है कि एडिफिस इंजीनियरिंग की तरफ से नोएडा पुलिस से 12 अगस्त को पत्र लिखकर ध्वस्तीकरण के दौरान ही पुलिस, पेट्रोलिंग और स्कोर्ट का सहयोग प्रदान करने के लिए अनुरोध भी किया गया था, वही लगातार ही कई दिनों तक लगभग 100 किलोमीटर दूर पलवल से विस्फोटक लाने वाली वैन एस्कॉर्ट का पूरा खर्च 64 लाख 12 हज़ार 802 रुपए बैठता है|
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इस पत्र में नोएडा पुलिस ने यह बात भी स्पष्ट कर दी है कि उनकी तरफ से अपनी सेवा के लिए यह पैसे नहीं मांगे जा रहे हैं बल्कि इसमें एस्कॉर्ट के ऊपर आने वाले सभी खर्चे का जिक्र किया गया है. अभी फिलहाल के लिए पुलिस द्वारा कंपनी को यह पैसे देने के लिए कोई समय सीमा नहीं दी गई है. पुलिस को सिर्फ उम्मीद भर है कि कंपनी समय रहते ये भुगतान कर देगी. वहीं जब एडिफिस इंजीनियरिंग से बारे में बात की गई तो उन्होंने ऐसे किसी भी पत्र के मिलने से ही इनकार कर दिया है. उनका यह दावा है कि उनसे किसी तरह का कोई भुगतान करने के लिए नहीं कहा गया है.
वैसे अभी के लिए तो ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया गया है, मगर उसके मलबे को हटाने वाला काम अभी भी बाकी है. जानकारी के अनुसार ट्विन टावर का मलबा हटाने का काम इसे गिराए जाने के तकरीबन एक हफ्ते बाद से ही शुरू हो पाएगा. सबसे पहले तो पूरे मलबे को अलग-अलग किया जाएगा और उसके बाद इसको सी एंड डी वेस्ट प्लांट भेज दिया जाएगा. ट्विन टावर को गिराए जाने के बाद उससे निकले सभी मलबे को कंस्ट्रक्शन एंड डिब्रिस वेस्ट प्लांट सेक्टर 80 भेजा जाएगा.