Pakistan
Pakistan: पिछले साल तालिबान के अधिग्रहण के बाद से अफगानिस्तान मानवीय संकट से जूझ रहा है। जहां पर आम नागरिकों को खाने पीने वाली चीजों की किल्लत हो रही है। इसी के चलते ही हाल ही में भारत ने गेहूं की पहली कि अफगानिस्तान को भेजी है। बता दें कि भारतीय गेहूं की गुणवत्ता की तारीफ करते हुए एक तालिबानी अधिकारी ने पाकिस्तान की गेहूं की गुणवत्ता को भी खराब बताया है। अधिकारी का एक वीडियो social media पर खूब वायरल हो रहा है। जिसमें वह पाकिस्तानी गेहूं की खराब गुणवत्ता के बारे में बात कर रहा है। हालांकि इस दावे को लेकर ट्विटर पर एक बहुत बड़ी बहस छिड़ गई है।
इसके अलावा भी इस रिपोर्ट में अब्दुलहक ओमेरी नाम की एक अफगानिस्तान पत्रकार ने viral video को caption के साथ ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने यह खुलासा किया है कि Pakistan का भेजा गया गेहूं खाने योग्य नहीं है।
इस पोस्ट में
ANI के मुताबिक ट्विटर पर अफगान को गेहूं की अच्छी गुणवत्ता के लिए भारत की प्रशंसा करते हुए देखा गया। एक यूजर हमदुल्ला अरबाब नी ट्वीट किया कि अफगान लोगों को लगातार समर्थन देने के लिए भारत का धन्यवाद! हालांकि हमारे पब्लिक पब्लिक फ्रेंडली संबंध हमेशा के लिए रहेंगे, जय हिंद। एक अन्य ट्विटर यूजर नजीब फरहोदीस ने यह लिखा कि Pakistan द्वारा भेजा गया गेहूं खराब हो रहा है तथा वह बिल्कुल भी उपयोग करने योग्य नहीं है। एन आई के मुताबिक पाकिस्तान गेहूं की खराब गुणवत्ता के बारे में यह बयान देने वाले तालिबानी अधिकारी को उनके पद से हटा दिया गया था।
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पिछले महीने भारत में मानवीय सहायता के रूप में अफ़ग़ान लोगों को गेहूं की आपूर्ति शुरू कर दी है। एक समझौते के प्रस्ताव के बाद से Pakistan के रास्ते भारत अफगानिस्तान को मानवीय मदद भी भेज रहा है। जबकि भारत द्वारा भेजे गए गेहूं की पहली खेप 26 फरवरी को पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान के जलालाबाद पहुंची है। हालांकि भारत ने आर्थिक संकट से जूझ रहे देश को मानवीय सहायता में 2500 मीट्रिक टन गेहूं भी भेजा था।
अफगान लोगों को 50 हजार मैट्रिक टन गेहूं उपलब्ध कराने की नई दिल्ली की प्रतिबद्धता का हिस्सा ही है। जबकि शिपमेंट ले जाने वाले 50 ट्रकों के काफिले को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) तथा अफगान राजदूत फरीद ममुंडजे के निदेशक बिशा परजूली ने अमृतसर में हरी झंडी दिखाई थी।