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supreme court of india: जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच एक मामले की सुनवाई कर रही थी। वही अपीलकर्ता का पक्ष वरिष्ठ वकील अधिवक्ता निधेश गुप्ता रख रहे थे । जब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को जस्टिस केएम जोसेफ ने पढ़ा तो उन्हें कुछ समझ में नहीं आया। इस पर उन्होंने अपील करता के वकील निधेश गुप्ता से पूछा कि हाईकोर्ट का क्या कहना है। जज ने कहा कि –
” हम इसे क्या समझे हैं ? क्या यह लैटिन है ? “
जब अपीलकर्ता के पक्ष के वकील निधेश गुप्ता ने कहा कि यह तो मुझे भी समझ में नहीं आ रहा है तो सुप्रीम कोर्ट के जज हैरान हुए। बेंच में शामिल जज पीएस नरसिम्हा राव ने कहा कि इस फैसले को फिर से लिखने के लिए हाईकोर्ट के पास भेजा जा सकता है । सीनियर वकील ने बेंच को बताया कि यह मामला संपत्ति से जुड़ा है।
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17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई चल रही थी। इस केस का हिमाचल हाईकोर्ट में फैसला हो गया था। लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट के जजों ने हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी को पढ़ना चाहा तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया। जब उन्होंने अपील करता के वकील से कहा कि हाईकोर्ट की कॉपी में क्या लिखा है तो वकील ने भी कहा कि मुझे तो खुद समझ में नहीं आया । इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह क्या है क्या लैटिन भाषा है। और हाई कोर्ट की लिखी हुई भाषा पर नाराजगी जताई और दोबारा लिखने के लिए हिमाचल हाईकोर्ट के पास वापस भेज दिया।