Sri Lanka News: श्रीलंका में हालात दिन ब दिन बदतर होते जा रहे हैं। एक तरफ प्रदर्शन और हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ जनता को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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पूरे दिन की हिंसा और वारदातों के बाद आज श्रीलंका की सड़कें पूरी तरह से सुनसान है। बहुत कम गाड़ियां है सड़कों पर और बहुत कम लोग हैं और अभी तक प्रदर्शनकारी(Protesters) आए नहीं हैं। श्रीलंका में कर्फ्यू बुधवार तक के लिए बढ़ा दिया गया है। कल दिन भर और रात भर की हिंसा के बाद करीब 220 से भी ज्यादा लोग घायल हुए हैं और 7 लोगों के जान इस हिंसा में गई हैं। जिसमें से एक पुलिस ऑफिसर, एक रूलिंग पार्टी के मेंबर ऑफ पार्लियामेंट और एक और पॉलिटिशियन है जिनकी जान गई है उसमे वह भी शामिल है।
पिछले दिन देर रात तक प्रधानमंत्री सरकारी निवास में महिंद्रा राजपक्षे फसे हुए थे। खबर यह आई है कि उन्हें सुबह 3:00 या 4:00 बजे आर्मी के द्वारा रेस्क्यू(Rescue) किया गया और वह अब आर्मी की सुरक्षा में किसी अनडिस्क्लोज्ड लोकेशन(Unclosed Location) पर हैं। साथ ही उनके परिवार को भी सुरक्षा दी जा रही है। आपको पता होगा कि किस तरीके से प्रधानमंत्री आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। क्योंकि यही वह जगह था जहां पर पहले टकराव शुरू हुए थे और बहुत हिंसा हुई थी। जिसके बाद यह हिंसा बढ़ती चली गई। वहां पर सभी चीजों को तहस-नहस कर दिया गया था।
बात करें तो अब प्रधानमंत्री ने तो इस्तीफा दे दिया है और कैबिनेट भी डिजॉल्व(Cabinet Dissolved) हो गई है। अब श्रीलंका के ऊपर सबसे बड़ा सवाल यह है कि उसे इस आर्थिक संकट से कौन निकालने वाला है। क्योंकि लोगों को यह याद रखना होगा कि आर्थिक संकट अभी भी खत्म नहीं हुआ है। तेल, खाने पीने की चीजें, ईंधन या दवाइयों की परेशानी अभी भी बहुत ज्यादा है। और इसके लिए जो डिस्कशन इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के साथ चल रहे थे।
और वर्ल्ड बैंक के साथ चल रहे थे। और दूसरे देशों के साथ जिस तरह के डिस्कशन चल रहे थे। ताकि वे सामने आकर मदद कर सके उन सब पर एक सवाल खड़ा हो जाता है। क्योंकि चाहे वह कोई भी इंस्टिट्यूशन हो वह किसी देश को सपोर्ट करने से पहले यहां पर एक पॉलीटिकल स्टेबिलिटी देखेंगे।
आईएमएफ(IMF) ने यह बात बहुत पहले ही क्लियर कर दी है। और आज सुबह वर्ल्ड बैंक का भी एक स्टेटमेंट आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि जिस तरीके की हिंसा की वारदातें हुई है और जिस तरीके से पॉलिटिकल चीजें बदली हैं। वह श्रीलंका के लिए शायद एक सवाल खड़ा कर सकता है।
Sri Lanka News, जहां तक पॉलिटिक्स की बात करें तो अब प्रेसिडेंट के पास दो रास्ते हैं। अपोजिशन की मांग यह है कि प्रेसिडेंट भी अपने पद से रिजाइन करें। गोटाबाया राजपक्षे जो महेंद्र राजपक्षा के छोटे भाई हैं, प्रेसिडेंट के पद पर हैं। वह भी रिजाइन करें। पर साथ ही साथ यहां के कॉन्स्टिट्यूशन प्रेसिडेंट को यह पावर्स भी देती है कि वह एक कैबिनेट और प्रधानमंत्री को नियुक्त कर सकते हैं।
सवाल यह है कि वह जिस कैबिनेट और प्रधानमंत्री को नियुक्त करेंगे क्या उसके पास मेजोरिटी होगी और अगर मेजॉरिटी नहीं मिलती है तो शायद किसी बाहरी को लेकर आएं। जिसमें फॉर्मर स्पीकर कारू जयसूर्या का नाम उभरकर बाहर आ रहा है। इस तरह की चीजों पर बातचीत और चर्चा करने के लिए दोपहर में 3:00 बजे आज सारे पार्टी लीडर्स मिलने वाले हैं जिसमें यह भी तय किया जा सकता है कि दुबारा पार्लियामेंट कब रिकॉनविन होगी।
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क्योंकि पार्लियामेंट के सेशन 17 तारीख तक के लिए रद्द कर दिए गए थे। पर अब की जो स्थिति है उसमें पार्लियामेंट को मिलकर सारे पॉलीटिशियन और पार्टी लीडर्स को साथ बैठकर अब एक रास्ता निकालने की जरूरत है।
अब इसमें एक बहुत बड़ा सवाल है। पूरे देश में स्टेट ऑफ इमरजेंसी है। कोई गवर्नमेंट नहीं है और साथ ही साथ अपोजिशन अभी भी काफी हद तक डिवाइडेड है। तो इसमें श्रीलंका को अपने पॉलिटिकल और अपनी इकोनामिक स्टेबिलिटी के लिए रास्ता कहां से मिलेगा यह सवाल बहुत ज्यादा है।