पिछले आर्टिकल में हमने आप लोगों को सिल्वर लाइन परियोजना क्या है, और इसके अंतर्गत क्या किया जाना है। इस पर व्यापक विवरण प्रस्तुत किया था। आज हम आप लोगों को यह बताने वाले हैं, कि आखिरकार सिल्वर लाइन परियोजना जैसे मेगा प्रोजेक्ट का इतने बड़े स्तर पर विरोध क्यों किया जा रहा है..? विरोध की क्या वजह है,और वह कहां तक तर्कसंगत है। इन सभी विषयों पर आज विस्तृत वार्ता करेंगे ,आप लोग इसे ध्यान से पढ़ते हुए समझने का प्रयास करिए की केरल राज्य से संबंधित इस परियोजना के वर्तमान विवाद में कौन पक्ष कितना सही है, और कौन पक्ष कितना गलत।
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सबसे पहले बात करते हैं, केरल राज्य के सत्ता प्रतिपक्ष नेताओं की, तो आपको बता दें केरल में वर्तमान में जो विपक्षी दलों के नेता है। उन सभी का एक स्वर में एक ही आरोप है, कि सिल्वर लाइन परियोजना के माध्यम से केरल की वर्तमान सरकार तमाम तरीके के घोटालों की मंशा रखती है और यह परियोजना घोटालों से भरी पड़ी हुई है, यह आरोप कितना सही है। इस बात की पुष्टि तो जांच के बाद ही हो सकेगी। लेकिन प्रतिपक्ष नेता इस बात को जोर-शोर से उठा रहे हैं। और सिल्वर लाइन परियोजना को जल्द रुकवा देने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रतिपक्ष नेताओं के अतिरिक्त अगर बात पर्यावरण पर कार्य करने वाले विद्वानों कि की जाए। तो उनका अनुमान है, कि इस परियोजना से पर्यावरण पर बहुत व्यापक असर पड़ने वाला है, पर्यावरण से संबंधित विद्वानों का कहना है। कि यह परियोजना आर्द्रभूमि, धान के खेतों और पहाड़ों से होकर के गुजरती है। अतः इन सभी क्षेत्रों में इस परियोजना की वजह से काफी विनाश होने वाला है, अतः भले ही यह परियोजना विकास का एक नया मॉडल प्रस्तुत करें। लेकिन इसके व्यापक नुकसान भी हैं। जिनसे खासतौर पर पर्यावरण प्रभावित होगा और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
अगर आप सिल्वर लाइन परियोजना से संबंधित पर्याप्त जानकारी रखते हैं ,तो आपको पता होगा कि यह परियोजना इतनी विस्तीर्ण है, कि इसके क्षेत्र में हजारों हजार बिल्डिंग आने की संभावना है जानकारों का दावा है कि अगर यह परियोजना जमीन पर उतारी जाती है। और पूर्णता की ओर बढ़ती है, तो लगभग 9000 के आसपास बिल्डिंग गिरा दी जाएंगे। व्यावहारिक तौर पर अगर देखा जाए तो यह एक बहुत बड़ा आर्थिक क्षरण होगा और इससे लोगों को काफी समस्याएं होने वाली है। और यही वजह है, कि इसका विरोध किया जा रहा है, समझने की बात अब यह होगी कि इस परियोजना से लाभ और हानि में किसका अनुपात ज्यादा है। और यह परियोजना किस दिशा में जाएगी।
इस परियोजना के विरोध के तमाम कारणों में से एक कारण यह भी है। कि यह परियोजना जिस जिस क्षेत्र से होकर के गुजरेगी उस उस क्षेत्र के हजारों परिवार विस्थापित होने को मजबूर हो जाएंगे एक आंकड़े के मुताबिक इस परियोजना के पूर्ण होते होते लगभग 10000 परिवार ऐसे होंगे जिन्हें अपना स्थान छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ेगा।
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सिल्वर लाइन परियोजना के कार्य को आगे बढ़ाते हुए एक तरफ जब भवन गिराए जाएंगे ,परिवार विस्थापित होंगे, खेत खलियान और पहाड़ों को क्षतिग्रस्त किया जाएगा तो वहीं दूसरी तरफ कुछ अन्य निजी जमीन का अधिग्रहण भी किया जाएगा। इन सभी मुद्दों को आधार बनाकर केरल में इस परियोजना का बड़े स्तर पर विरोध किया जा रहा है, हालांकि सरकार लोगों को समझाने का और इसके लाभ बताने का प्रयास कर रही है,लेकिन इस विवाद का नतीजा क्या होगा इस बारे में सही समय आने पर ही कुछ कहा जा सकेगा।